क्या है एक्यूप्रेशर चिकित्सा

शरीर के विभिन्न हिस्सों खासकर हथेलियों और पैरों के तलवों के महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर दबाव डालकर विभिन्न रोगों का इलाज करने की विधि को एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति कहा जाता है। चिकित्सा शास्त्र की इस पद्दति का मानना है कि शरीर में हजारों नसों, रक्त धमनियों, मांसपेसियों, स्नायु और हड्डियों के साथ कई अन्य चीजे मिलकर इस शरीर रूपी मशीन को चलाते है। अतः किसी बिंदु पर दबाव डालने से उससे सम्बंधित जुड़ा भाग प्रभावित होता है इस पद्धति के लगातार अध्ययनों के बाद मानव शरीर के दो हजार ऐसे बिंदु पहचाने गए है जिन्हें एक्यूपाॅइंट कहा जाता है जिस एक्यूपाॅइंट पर दबाव डालने से उसमे दर्द हो उसे बार-बार दबाने से उस जगह से सम्बंधित बीमारी ठीक हो जाती है। इस पद्धति में हथेलियों, पैरों के तलवों, अंगुलियों और कभी-कभी कोहनी अथवा घुटनों पर हल्के और मध्यम दबाव डालकर शरीर में स्थित उन उर्जा केन्द्रों को फिर से सक्रीय किया जाता है जो किसी कारण अवरूद्ध हो गई हों।
बिना दवा के इलाज करने वाली यह पद्धति सरल, हानिरहित, खर्च रहित व अत्यंत प्रभावशाली व उपयोगी है जिसे कोई भी थोड़ी सी जानकारी हासिल कर कभी भी कहीं भी कर सकता है। बस शरीर से सम्बंधित अंगों के बिंदु केन्द्रों की हमें जानकारी होनी चाहिए।
इस पद्धति का विकास चीन में होने के कारण इसे चीनी पद्धति के रूप में जाना जाता है। लेकिन इसकी उत्पत्ति को लेकर काफी विवाद भी हैं। एक ओर जहां चीन का इतिहास यह बताता है कि यह पद्धति 2000 वर्ष पहले चीन में विकसित होकर सारी दुनिया के सामने आई। वहीं, भारतीय मतों के अनुसार आयुर्वेद में 3000 ई.पू. ही एक्यूप्रेशर में वर्णित मर्मस्थलों का जिक्र किया जा चुका है। वर्तमान में भारत और चीन के साथ ही हांगकांग, अमरीका आदि देशों में भी कई रोगों के उपचार में एक्यूप्रेशर चिकित्सा पद्धति काम में लाई जाती है।
शरीर पर कुछ बिंदु होते है जो बायोइलेक्ट्रीकल आवेगों पर प्रतिक्रिया करते है और ऊर्जा का वहन भी करते हैं । जब इन बिंदुओं पर दबाव डाला जाता है तब एंडोर्फिन उत्पन्न होता हैं, जो दर्द को कम करने और रक्त और आॅक्सीजन का प्रवाह बढ़ाने मे सहायक होता है। यह शरीर की बीमारी के लिए प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम देता है और उन्हें चंगा करता हैं। यह तनाव और चिंता से राहत में भी मदद करता है और शरीर को संतुलन पाने की अनुमति देता है ।
एक्यूप्रेशर में यह माना जाता है कि हमारे शरीर में बारह चैनल हैं, जो सभी शरीर के प्रत्येक हिस्सो से संबंधित हैं । ये चैनल अंततः तंत्रिका तंत्र से जुड़ते हैं ।
- जब शरीर के किसी भाग में किसी भी तरह रूकावट आती है, एक्यूप्रेशर के माध्यम से बल प्रेषित होकर, बाधा दूर करता है और रक्तप्रवाह, आॅक्सीजन और सकारात्मक ऊर्जा के समुचित प्रवाह की सुनिश्चित करता हैं।
एक्यूप्रेशर के लिए, एक कुशल चिकित्सक की आवश्यकता होती है।
- एक्यूप्रेशर न केवल दर्द निवारण में, बल्कि यह एक अच्छा और स्थिर जीवन भी सुनिश्चित करता है।
- यह मांसपेशियों के तंन्दुरूस्ती में मदद करता है और त्वचा की बनावट में सुधार करने के लिए एक सौंदर्य उपचार के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता हैं ।
- एक्यूप्रेशर आपके अन्य चिकित्सा उपचार के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक्यूप्रेशर में एक दबाव बिंदू के लिये दो संदर्भित फ्रेम, केन्द्रीय बिन्दु और ट्रिगर बिंदु होती हैं। जब एक खास बिंदु पर दबाव जोर से होता है, तब केन्द्र बिंन्दु का प्रयोग किया जाता है और ट्रिगर बिंदु का प्रयोग बिंदू के पास में दबाव डालने के लिये किया जाता है।
- प्रत्येक बिंदु कई बीमारियों को ठीक कर देता है।
- क्यूई को जीवन ऊर्जा कहा जाता है और वहाँ कई कारण (दोनों आंतरिक और बाह्य) है जो शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते है, और क्यूई के प्रवाह में बाधा लाते हैं।
- एक्यूप्रेशर क्यूई को मुक्त और शरीर के समुचित कार्य को सुनिश्चित कर सकता हैं।
- इसलिए, एक्यूप्रेशर का मतलब है, शरीर पर बारह चैनलों में स्थित विशिष्ट बिंदुओं पर दबाव डालना है। दबाव प्रेषित करने के बाद, क्यूई मुक्त होता है और शरीर को आराम महसूस होता है और दर्द कम और संतुलित हो जाता हैं।
प्रमुख चैनल में लगभग 365 बिन्दु है और 650 अकेले दबाव बिन्दु हैं और इसी कारण से एक्यूप्रेशर के लिए एक प्रमाणित चिकित्सक की आवश्यकता है। क्यूई को प्रभावित करने वाली तीन तकनीके हैं।
- टोनिफायिंग, तंदरूस्त करना (कमजोर क्यूई के लिए),
- फैलाना (अवरूद्ध क्यूई के लिए)
- शांत करना (अति क्यूई के लिए)
- पीठ दर्द, थकान, सिरदर्द, चिंता, तनाव, और अकेलेपन के लिए एक्यूप्रेशर आश्चर्यकारक काम करता है।


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