21 उपाय हटाये साढ़े साती शनि


आम जनमानस में शनि का महान भय है। पण्ड़ित जी के मँुह से सुनते ही कि तुम पर साढ़े साती लगी है या शनि की ढइया चल रही है। उसकी जान सूख जाती है। वास्तव में साढे साती शनि के दौरान जातक पर इतने भारी कष्ट आते हैं और वह चारों ओर से ऐसी मुसीबतों से घिर जाता है, कि उसका जीवन नरक बन जाता है। साढे साती शनि की गणना जन्मकालीन चन्द्रमा से की जाती है। जन्म के समय जिस राशि में चन्द्रमा हो उस राशि से 12 वीं राशि, चन्द्रमा गत राशि के उपर से और चन्द्रमा से द्वितीय राशि में चन्द्रमा का गोचर साढे़ साती कहलाता है। चंूकि शनि एक राशि पर ढाई साल रहता है। इसलिये इन तीन राशियों की कुल अवधि मिला कर साढे सात साल होती है। चन्द्रमा से चैथी व आठवीं राशि से जब चन्द्रमा निकलता है। तो उसे ढइया कहते हैं। इन दोनांे अवधि में जातक को पापों का फल भोगना पड़ता है। साढे साती और ढइया से ग्रसित जातक को कष्टों से मुक्ति के लिये निम्न उपचार करना चाहिये।
1. शनिवार को या नित्य सुन्दरकांड या दशरथ कृत शनि स्त्रोत का नित्य पाठ करें।
2. आर्थिक संकट होने पर सात मुखी रूद्राक्ष धारण करें या अभिमंत्रित शनि यंत्र धारण करें।
3. नाव की कील या काले घोड़े या साधारण घोड़े की नाल या पुरानी साईकिल की तीली का अभिमंत्रित छल्ला धारण करें या घर में काले घोड़े या साधारण घोड़े की नाल शनिवार को मुख्य द्वार पर स्थापित करवायें।
4. रोज एक रोटी में काले तिल भर कर और उस पर सरसों का तेल चुपड़ कर वह रोटी गाय को दें।
5. गुड़, चावल, शहद की शीशी, तांबा एक नये लाल कपडे़ मे बांध कर मकान मे टांग दे।
6. बच्छोल की जड़ तावीज मे धारण करें।
7. श्रीमद् भागवत के नल चरित्र का पाठ करें।
8. सफेदा या युकेलिप्टस के पत्ते अपने पास रखे।
9. काली गाय को गुड़ रोटी खिलायें।
10. भिखारियों को दान करें।
11. भैरव चालीसा का पाठ करें।
12. दुर्गा पूजा करें। व कन्याओं का पूजन व सेवा कर।
13. शराब व तेल शमी वृक्ष पर चढायें।
14. सूखा नारियल व बादाम दान करें।  
15. शुभ नक्षत्र युत शनिवार को 19 हाथ लंबा काला धागा की माला बना कर धारण करें।
16.  शनिवार को काले कपडे मे भिगोये हुये काले चने, कच्चा कोयला, लोहे का टुकड़ा गुड़ मछली से युक्त नदी या तालाब मे डाल दें यह नुस्खा एक साल तक हर शनिवार को करें।
17. चोकर सहित आटे की दो रोटी बनायंे एक में देशी घी और दूसरे मे तेल लगाकर शनिवार को काली गाय को खिलायें।
18. नित्य घर मे लोबान सुलगायें एवं मकान मे लोहे का फर्नीचर प्रयोग करें
19. नित्य भोजन से एक टुकड़ा गाय, कौवे और कुत्ते के लिये निकालें।
20. बूंदी के चार लडडू शनिवार को गाय को खिलायें।
21. गुड़, चावल, शहद की शीशी, तांबा एक नये लाल कपडे़ मे बांध कर मकान मे टांग दे।


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