हमारे पूर्वज अच्छी वर्षा के लिए प्रतिवर्ष आषाढ़ के पहले शुक्रवार को सामूहिक रूप से देवी की आराधना करते थे:अनिल कुमार कश्यप

कश्यप समाज कल्याण समिति की ओर से शक्तिपीठ मां मढ़िन देवी मन्दिर में शुक्रवार को मां मढ़िन देवी पूजन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रवीण कुमार माथुर काउन्सलर आल इण्डिया एजूकेशन डिपार्टमेन्ट रहे। श्री माथुर ने कार्यक्रम आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि कश्यप समाज अपने आपमें विश्वास पैदा करें और कश्यप वंश के इतिहास को पढ़कर, समझकर आगे बढ़ने की प्रेरणा लें। कश्यप समाज का इतिहास बहुत ही गौरवशाली रहा है, बस हमें जरूरत है तो इसे समझने की। श्री माथुर ने बताया कि आदिकाल में लोकप्रिय ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना करने हेतु अपने शरीर से दस मानस पुत्रों को जन्म दिया इनमें प्रजापति ब्रह्मा की गोद से नारद, अंगूठे से दक्ष, प्राण से वशिष्ट, त्वचा से भृगु, हाथ से क्रतु, नाभि से प्रलय, कानों से पुलस्तय, मुख से अंगिरा, नेत्रों से अत्रि, और मन से मारीच उत्पन्न हुए।
कश्यप समाज कल्याण समिति के अध्यक्ष अनिल कुमार कश्यप ने बताया कि उनके समाज की जीविका नदी, तालाब के पानी से चलती है, सिंघाड़ा उत्पादन व मछली पालन पर आधारित है। हमारे पूर्वज अच्छी वर्षा के लिए प्रतिवर्ष आषाढ़ के पहले शुक्रवार को सामूहिक रूप से देवी की आराधना करते थे। आराधना से पूर्व जेठ माह में सांई तट पर राजघाट के किनारे पहले सोमवार को नाथू बाबा की पूजा की जाती है। बाबा समाज के गुरू माने जाते है। बाबा से समाज के सुख-समृद्धि की कामना की जाती है। कश्यप समाज कल्याण समिति के जिला मीडिया प्रभारी चन्द्र प्रकाश कश्यप ने बताया कि समाज के समस्त व्यक्ति माँ मढ़िन देवी से आराधना करते हैं कि हे माँ इतना बरसाओ पानी कि हमारेे ताल-तलैया पानी से भर जायें, जिससे हमारे समाज का भला हो। साथ ही साथ यह भी प्रार्थना करते हैं कि देश के अन्नदाता किसान भाईयों का भी कल्याण हो, जिससे समाज के साथ-साथ राष्ट्र भी मजबूत हो, यही देवी माँ से प्रार्थना करते हैं, माँ को खुश करने के लिए गीत गाए जाते हैं। समिति के सचिव राजेश कश्यप ने बताया कि दोनों पूजन समाज के बुजुर्ग सम्पन्न कराते हैं तथा हवन पूजन के बाद कन्या भोज की प्रथा है। देवी की पूजा में समाज के स्त्री, पुरूष, बुजुर्ग, बच्चे सभी श्रद्धा के साथ भाग लेते हैं तथा अन्य समाज के लोग भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
कार्यक्रम आयोजन में संयोजक कृष्ण गोपाल कश्यप, समरजीत कश्यप, सुरजीत कश्यप सभासद, वन्दना कश्यप, महेश कुमार कश्यप, बबलू कश्यप, दिलीप कश्यप, गणेश कुमार कश्यप, कन्हैया लाल कश्यप, अशोक गौड़, बृजेश, वासुदेव, संजय कश्यप, गनेश कश्यप, शुभम कश्यप, जग्गू प्रसाद कश्यप, रजनीश कश्यप आदि बड़ी संख्या में श्रद्धालु लोग उपस्थित रहे।


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