लहसुन एक लाभ अनेक


सब्जी को स्वादिष्ट बनाने में लहसुन का प्रयोग सर्वोत्तम माना जाता है, जो व्यक्ति लहसुन का प्रयोग नहीं करते है वह इसके गुणों से वंचित रह जाते है। इसके अलावा लहसुन का प्रयोग रोगों के उपचार में भी किया जाता है। हमारे देश में लहसुन की खेती हर प्रान्त में की जाती है। रेशेदार तीखी गंध की वनस्पति तने के नीचे जड़ में अनेक फांकदार गोल-मोल लट्टू की तरह बंधा रहता है। लहसुन की पत्तियां बहुत कम चैड़ी सीधी होती है और छोटे-छोटे फलों में लगी रहती है यह पत्तियां देखने में छतरी सी लगती है।
आयुर्वेदानुसार लहसुन तीखा और चरपरा होता है, क्षुधा की कमी, वादी, अपच, खाँसी, बवासीर, चर्मरोग, विषम ज्वर, आँखों से कम दिखना और गठिया आदि रोग नाशक होता है। आप निम्न रोगों में आजमा सकते है।
ई लहसुन, काली मिर्च और सेंधा नमक की गोली लेने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
ई लहसुन का रस पानी में मिलाकर पिलाने से जुकाम व खाँसी में लाभ होता है।
ई लहसुन के पत्ते व फांके पीसकर गुड़ के साथ लेने से गठिया के रोगी को लाभ होता है।
ई लहसुन का रस गर्म करके पिलाने से श्वास का वेग कम होता है।
ई मंदाग्नि के रोगी के लिए लहसुन का नियमित प्रयोग लाभदायक है।
ई लहसुन को तिल्ली के तेल में उबालकर दो-दो बूंद कान में टपकाने से कान का दर्द तथा बहरापन जाता रहता है।
ई लहसुन के रस को गर्म पानी में मिलाकर गरारे करने से बैठा गला खुल जाता है।
ई लहसुन का रस निकालकर जिस ओर आधा सिर दर्द करता हो उस ओर के नथुने में डालने से आधा सिर दर्द ठीक हो जाता है।
ई यदि किसी ने विष खा लिया हो तो अधिक मात्रा में लहसुन खिलाने से लाभ मिलता है।
ई लहसुन और सोंठ को पीसकर सुन्न हुए अंग पर लगाने से आराम मिलता है, साथ में लहसुन और सोंठ खाना चाहिए।
ई लहसुन का रस निकालकर गर्म करके नमक मिलाकर पिलाने से पेट दर्द में आराम मिलता है।
ई लहसुन की एक कली दांतों से पीसकर निगलने से स्वप्नदोष नहीं होता है, यह उपचार रात को सोते समय हाथ-पैर धोकर करना चाहिए।
ई पांच कली लहसुन प्रातःकाल चबाकर दूध पीने से बांझपन दूर होता है, यह प्रयोग जाड़े भर नियम से करना चाहिए।
ई तेज ज्वर होने पर लहसुन कूटकर थोड़ा सा जल मिलाकर सुंघाने तथा लहसुन का रस 6-6 माशे प्रातः, दोपहर और सायं पिलाने से ज्वर ठीक हो जाता है।
ई 15-16 बूंद लहसुन का रस शहद में मिलाकर चाटने से पायरिया, दांत दर्द, मसूड़ों की सूजन तथा दांतों में पानी लगने आदि रोगों में लाभ होता है।
ई जब हद्य का दौरा पड़ने की आशंका हो तो उस समय 3 जवा लहसुन खांयें।
ई लहसुन को दूध में मिलाकर पीने से सांप का विष उतर जाता हैं।
ई लहसुन की जड़ की छाल को पानी में पीसकर कई बार लेप करने से स्तनों की सुरखी और सूजन दूर हो जाती है।


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