370 समाप्त, कश्मीर के अच्छे दिन की शुरूआत


 


 
मोदी सरकार के ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय कश्मीर से 370 समाप्त कर तथा जम्मू एवं लेह लद्दाख विभाजित कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाना एवं कश्मीर के अच्छे दिन की शुरूआत होने वाली है। लेकिन वहां के आवाम की विश्वनियता हासिल करना, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के साथ ही विकास के नये आयाम स्थापित करने के साथ-साथ नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए अहम् चुनौती भी है। अलगावादियों से से निपटना तथा विदेशी मोर्चा पर पकिस्तान को बेनकाब करते हुए विश्व विरादरी को अपने पक्ष में करना भी कुटनीतिक चुनौती है। देश की सरकार विपक्षी पार्टी कांग्रेस जिसे धारा 370 का जनक माना जाता है के विरोध के बाद भी उसके कुछ बड़े नेताओं का सरकार के फैसले साथ खड़े रहना भी सरकार के विश्वास की बहाली में योगदान है। खासकर डा. कर्ण सिंह जो काश्मीर के राजा हरि सिंह के सुपुत्र है तथा ज्योतिशदित्य राय सिंधिया और दीप्ती सिंह जैसे बड़े नेताओं का समर्थन भी सरकार के किसी संजीवनी से कम नहीं है। लेकिन सरकार को जो इस मुद्दे पर सिर्फ विरोध कर रहे है कि उन्हें सरकार का विरोध करना ही करना है अथवा इस फैसले से विशेष वर्ग का नुकसान दिखाकर विरोध करना उनकी आवश्यकता है। ऐसे लोग शोसल मिडिया पर महौल बिगाड़ने की कोशिश करते हैं। ऐसे में सरकार को गम्भीरतापूर्वक इन तत्वों से सख्ती से निपटने की भी जरूरत है। 
साथ-साथ जिस तरह से आम जनमानस का समर्थन इस मुद्दे पर मिला है उसी तरह से विपक्षी पार्टियों को भी सरकार के इस फैसले पर सरकार को थोड़ा समय देना चाहिए ताकि सरकार वहां शान्ति बहाली के साथ रोजगार के अवसर पैदा करे! जो काश्मीर पृथ्वी का स्वर्ग है, अपने प्रकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ वहां के आवाम को धारा 370 हटने के बाद रोजगार के अवसर बढ़े, शिक्षा का  महौल बने, पत्थरबाजी बंद हो अलगाववादी नेताओं की दुकाने बंद हो, तथा काश्मीर के अच्छे दिन की शुरूआत हां! काश्मीर के पंडित और घाटी के मुसलमान एक साथ फिर दिवाली और ईद मनायें!


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