लड़का एक समर्पित प्रेमिका, हर लड़की समर्पित प्रेमी चाहती है

स्त्री और पुरूष प्रकृति की दो अनमोल रचनायें हैं। दोनों परस्पर पूरक हैं। और दोनो के मिलन के बिना सृष्टि की रचना व संचालन संभव नही हैं। स्त्री और पुरूष में स्वभाविक आकर्षण होता है। दोनों ना केवल एक दूसरे के निकट आना चाहते हैं। बल्कि आपस मिलना व विवाह बंधन में भी बंधना चाहते है। विवाह पूर्व आकर्षण व प्रेम मनुष्य की प्राकृतिक आकांक्षा होती है। हर लड़का एक समर्पित प्रेमिका, हर लड़की समर्पित प्रेमी चाहती है। कभी-कभी अनेक कारणों से दोनो के प्रेम मे बाधा आ जाती है। जिसमे एक पक्ष का दूसरे पक्ष के प्रति आकर्षित ना होना या किसी अन्य स्त्री या पुरूष बीच में बाधा बन जाना या प्रेमी या प्रेमिका का किसी अन्य लड़की या लड़के के प्रति आकर्षित हो जाना अथवा अनेक अनचाहे कारण हाते जो प्रेमी-प्रेमिका के बीच बाधक बन जाते है।
 भारतीय अध्यात्म मे कामदेव को देवता माना गया है। भारतीय परम्परा मे पुरूषार्थ चतुःष्टय में धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के अन्र्तगत काम को तीसरा स्थान प्राप्त है। कामशास्त्र के रचनाकार वात्सायन को ऋषि का सम्मान प्राप्त है। कामशास्त्र के प्राचीन ग्रन्थांे मे भगवान शिव ¬प्रणीत आदिशास्त्र, द्वितीय वात्सायन कृत कामसूत्र, तृतीय सिद्धनागार्जुन की कामसंजीवन और चतुर्थ गर्गाचार्य कृत रतिशास्त्र प्रमुख है। तत्पश्चात 11 वीं सदी मे कश्मीर नरेश शंभु सिंह के राजगुरू काशीनाथ उर्फ कोकाराम का ग्रन्थ कोकमंजरी व 12 वीं सदी मे कश्मीर के प. कोक्कोक द्वारा रचित रति रहस्य, 15 वीं सदी में लोदी वंश के सुल्तान लाड़खान के मित्र व राजकवि कल्याणमल्ल कृत अनंगरंग प्रमुख है। ज्योतिषीय व तंत्र ग्रन्थों में अनेक ऐसे तांत्रिक व मांत्रिक उपाय का वर्णन है। जिनसे असानी से आप अपनी रूठी प्रेमिका या प्रेमी के प्यार को प्राप्त कर सकते है। भगवान शिव और अन्य ऋषियों द्वारा प्रतिपादित इन उपायों का उदद्ेश्य टूटते हुये वैवाहिक जीवन को दुःखद अन्त से बचाना और भारतीय धार्मिक व समाजिक सिद्धान्तों के अनुसार मर्यादित प्रेम संबध स्थापित करना है। धर्म की रक्षा हेतु ऋषियों द्वारा प्रतिपादित उपायांे के साथ उसमें यह चेतावनी भी छिपी होती है। कि यह उपाय कामदेव और क्षुद्र देवताओं के मंत्रों पर आधारित होते है। इनके दुरूपयोग से साधक की हानि होने की भी संभावना होती है। इन उपायों का प्रयोग किसी उम्र स्त्री पुरूष अपनी इच्छापूर्ति के लिये कर सकते है। 
 ज्योतिष व अध्यात्म के अनुसार भगवान षिव सूर्य ग्रह और चन्द्रमा माता पार्वती की प्रतीक हैंे। जो स्त्री व पुरूष व पति-पत्नी के प्रतीक हैं। ज्योतिष में मंगल पति या प्रेमी का और षुक्र प्रेमिका या पत्नी का प्रतीक है। बुध द्वितीय पति या पत्नी या बाॅयफ्रेंड या गर्लफे्रन्ड का प्रतीक है।
आकर्षण व वशीकरण के उपाय-
1. प्रेमी या प्रेमिका को वष में करने हेतु- 'ऊँ चामुण्डे तरूतत 'अमुकाय' आर्कषण आर्कषण स्वाहा'
यह मंत्र प्रेमी या प्रेमिका का ध्यान करते हुये 21 दिन तक 1000 बार रोज जपें।
2. यथेदं भूम्या अधितृण वातो यथायति, उवा मथ्नामि तो मवो यथा मां कामिन्यसो यथा मन्नापगा असः।
3. आर्कषण, वशीकरण में उत्तर पश्चिम दिशा में, मूंगे, तामड़ा या लाल मनको की माला से जप अति शीघ्र व सर्वोत्तम फल देता है। कमल के फूलों का उपयोग और घी या चमेली के तेल का दीपक अति लाभकारी है। गुरूवार, बुधवार शुभ है।
4. सोमवार को प्रातः उत्तर-पश्चिममुखी होकर 21 दिन तक मूँगे की माला से निम्न मंत्र का जाप करें।
'ऊँ नमः कामाक्षी.....................नारी में वश कुुरू कुरू स्वाहा' (रिक्त स्थान में प्रेमिका का नाम लिखें)
5. शुक्रवार को सहदेवी की जड़ को गुलाबी कपड़ा बिछा कर उस पर स्थापित करो। उसे गंगाजल से नहला कर उसका धूप, दीपक ,पुश्प, इत्र, मिष्ठान, अक्षत, रोली पूजन करो फिर उस पर प्रेमी या प्रेमिका का नाम तीन बार अनामिका द्वारा रोली से लिखो फिर 21 दिन तक रोज 1000 हजार बार निम्न मंत्र का जाप करो फिर उसका चूर्ण को प्रेमी या प्रेमिका को खिला दो। 
6. रविवार को या रविपुष्य नक्षत्र को ब्रह्मदण्डी का चूर्ण जिस स्त्री या पुरूष पर छिड़क दो वह वश मे होगा।
7. राधा देवी प्रेम की देवी है, शुक्रवार को लाल वस़्त्र पर राधा-कृष्ण का चित्र स्थापित करके उसका जल, पुष्प, रोली, अक्षत, मिष्ठान, धूप, दीप से पूजन करके वस्त्र पर दूसरे पक्ष का रोली से नाम लिख कर निम्न मंत्र का रोज 100 बार 21 दिन तक पाठ करें।
'नमस्त परमेशनि रास मण्डलवासिनी, रामेश्वरी नमस्ते अस्तु कृष्णप्राणाधिके प्रिये।।
मूल प्रकृतिरूपा त्वां भजाम करूणार्णक्तम,
संसार सागर दस्मात बुद्धराम्ब दधं कुरू।।
7. सोमवार, गुरूवार या बुधवार को लाल गुलाब के फूल को इस मंत्र से अभिमंत्रित करो उसे प्रेमी-प्रेमिका को सुंघाओ तक आकर्षित होगी।
'ऊँ कुम्भनी स्वाहा'
8. अनंगरंग ग्रन्थ के लेखक कल्याणमल्ल वशीकरण हेतु कामदेव के निम्न मंत्र को प्रभावकारी बताया है।
अतिललितविलास विश्वचेतानिवासम,
समरकृतनिवासम शम्बराख्य प्रणामम।।
रतिनयनाभिरामं सन्ततं चाभिरामम, 
प्रसविजितवामं शर्मदं नौमि कामम।।
9. शुक्रवार को कबूतर के पंख को जला कर उसकी राख बना लें। फिर निम्न मंत्र का 108 बार जाप करके राख को अपने प्रेमी या प्रेमिका पर छिड़क दें।
'ऊँ घिरि घिरि कामदेवाय तस्मै स्वाहा'
10. 'ऊँ जय कामेश्वर मोहय स्वाहा 'इस मंत्र का 108 बार जाप करके गुलाब के फूल को अभिमंत्रित प्रेमी या प्रेमिका को उपहार मे दें।
11. रविवार के दिन इस मंत्र का 108 बार जाप करके कुछ लौगंें अभिमंत्रित करें फिर दो लौगें पान मे रख कर प्रेमी या प्रेमिका को खिला दें। यदि काम ना बनें तो दुबारा खिला दें।
'ऊँ ़ऊँ विहगंम विहगम कामदेवाय तस्मै स्वाहा'  
12. 'ऊँ स्वाहा ऊँ स्वाहा' इस मंत्र से श्रीफल (नारियल) या किसी फल को 7 फूँकमार कर अभिमंत्रित करके प्रेमी या प्रेमिका भेंट दें।
13. रति-रहस्य मे कामदेव के दिये निम्न मंत्रों से अभिमंत्रित पुष्प या पान अभिमंत्रित करके प्रेमी या प्रेमिका भेंट दें।
(क) येनाकारि प्रसभमचिरादर्द्धनारीष्वरत्व दग्धेनापि त्रिपुरजयनि ज्योतिशा चाक्षुषेण।
इन्द्र्रोमित्रं स जयति मुदां धाम वामप्रचारा,
देवःश्रीमान भवरसभुजां दैवतं चित्तजन्मा। 
परिजनपदे भृंगश्रेणी पिकाः पटुवन्दिनो,
हिमकरसितच्छत्रं मत्तद्विपो मलयानिलः।।
कृशतनुधनुर्वल्ली लीलाकटाक्षशरावली,
मनसिजमहावीरस्योच्चज्र्जयन्ति जगज्जितः
(ख) 'ऊँ क्लीं कामदेवाय विùहे पुश्प वाणाय धीमहि तन्नो अनंग प्रचोदयात।'
14. 'ऊँ चामुण्डे हुलु हुलु चुलु चुलु वषमान .....म् स्वाहा' खाली स्थान मे प्रेमी या प्रेमिका का नाम लिख कर इस मंत्र को 7 बार पढ कर पान में फूँक कर खिला दें।
15. ऊँ चामुण्डे जय जम्भे मोहय वशमान ..........म् स्वाहा' खाली स्थान मे प्रेमी या प्रेमिका का नाम लिख कर इस मंत्र को 7 बार पढ कर फूल को फूँक कर प्रेमी या प्रेमिका भेंट दें।


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