खरपरवार में औषधीय गुड़ पाये जाते हैं

धरा पर पाई जाने वाली सभी सम्पदाओं में गुण़-दोष समाहित हैं। जो इनके गुड़ों को जो जान जाता है और उसका लाभ उठाता है और अपने आस-पास रहने वालों को जानकारी देता वह एक तरह से समाज हित में किया गया कार्य होता है। ऐसा ही एक हैं अपामार्ग एक बहुत ही आम खरपरवार है। अपामार्ग को ओंगा, लटजीरा, चिरचिटा के नाम से भी जाना जाता है। लेकिन आप इसे केवल खरपवार ही न समझे क्‍योंकि अपामार्ग के पौधे के फायदे विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने के लिए भी किया जाता है। यह सामान्‍य रूप से हमारे किसी काम का नहीं होता है। लेकिन यदि इसका आयुर्वेदिक उपयोग देखा जाए तो कई प्रकार की सामान्‍य और गंभीर बीमारियों को ठीक करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। अपामार्ग का उपयोग कुष्‍ठ रोग, अस्‍थमा, फिस्‍टुला, बवासीर, गठिया, हृदय रोग, पथरी आदि के उपचार के लिए किया जाता है। अपामार्ग के स्‍वास्‍थ्‍य लाभों में त्‍वचा विकार, स्‍त्री रोग संबंधी विकार गोनोरिया, म‍लेरिया, निमोनिया आदि भी शामिल हैं।
अपामार्ग के पोषक तत्‍व:- जैसा की हम जानते हैं कि यह पौधा खरपतवार होने के साथ ही एक विशेष जड़ी बूटी माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि इसमें बहुत से औषधीय गुण होते हैं जो हमारी विभिन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को दूर करने में मदद करते हैं। अपामार्ग में पाए जाने वाले पोषक तत्‍वों में ट्राइटरपेनोइड सैपोनिन होते हैं जिनमें ऑलिओलिक एसिड एग्लीकोन के रूप में होता है। इसके अन्‍य घटकों में एंचेंटाइन, बीटाइन, पेंटेट्रियाकॉन्‍टेन, 6-पेंटेट्रियाकोंटोनोन, हेक्‍साट्रियाकॉन्‍टेन और ट्रिट्रीकॉन्‍टेन भी मौजूद हैं। इस पौधे का उपयोग आंतरिक और आहरी रूप से शरीर को डिटॉक्सीफाइ करने के लिए उपयोग किया जाता है।
अपामार्ग (लटजीरा) के फायदे:-
अपामार्ग के फायदे वजन कम करने में:- क्‍या आप अपना वजन कम करना चाहते हैं, यदि ऐसा है तो अपामार्ग के लाभ प्राप्‍त किये जा सकते हैं। नियमित रूप से सुबह और शाम इस जड़ी बूटी से बने काढ़े का सेवन करने पर यह आपके वजन को नियंत्रित कर सकता है। यह कोलेस्‍ट्रॉल को कम करने में सहायक होता है। शरीर पर अतिरिक्‍त कोलेस्‍ट्रॉल के कारण ही वजन बढ़ता है। इसके अलावा अपामार्ग का पौधा शरीर में वसा की जमावट को भी कम करता है। जिससे आपके शरीर का वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है। आप वजन कम करने वाले अन्‍य उपायों के साथ ही अपामार्ग के औषधीय गुणों का उपयोग कर सकते हैं।
अपामार्ग के लाभ खून बढ़ाने के लिए:- आपके कमजोर शरीर का एक प्रमुख कारण खून की कमी हो सकती है। खून की कमी आपके लिए कई स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं को बढ़ा सकती है। लेकिन यदि आप अपामार्ग का उपयोग करते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। यह जड़ी बूटी शरीर में खून की मात्रा बढ़ाने में मदद कर सकती है। इस समस्‍या का उपचार करने के लिए इस जड़ी बूटी का पेस्‍ट बनाएं और अपने आहार में इसे शामिल करें। एनीमिया के लक्षणों से छुटकारा पाने के लिए सप्‍ताह में कम से कम 2-3 बार लें। अपामार्ग का फल पचने में मुश्किल होता है। इसके अलावा यह रक्‍तस्राव विकारों को नियंत्रित करने और उपचार में भी मदद करता है।
अपामार्ग का उपयोग अस्‍थमा को ठीक करे:- यदि आपके आसपास कोई अस्‍थमा रोगी है तो आप उसका उपचार अपामार्ग से कर सकते हैं। इस जड़ी बूटी में अस्‍थमा जैसी स्‍वशन समस्‍याओं का उपचार करने वाले गुण होते हैं। अपामार्ग का पौधा वायु मार्ग को खोलकर सांस लेने में मदद करता है। किसी अस्‍थमा रोगी को नियमित रूप से इस जड़ी बूटी के काढ़े का सेवन कराया जाए तो यह उनके लिए फायदेमंद होता है। आप स्‍वाभाविक रूप से अस्‍थमा का उपचार करने के लिए इस जड़ी बूटी का उपभोग कर सकते हैं।
लटजीरा के लाभ भूख नियंत्रित:- अपामार्ग जड़ी बूटी का उपयोग भूख को नियंत्रित कर सकता है। क्‍योंकि इस जड़ी बूटी में वात और कफ दोनो ही प्रकार के दोषों को नियंत्रित करने की क्षमता होती है। ये ऐसी बीमारियां हैं जिनमे अनियंत्रित भूख अहम भूमिका निभाती है। किसी भी आयु वर्ग के लोगों के द्वारा इस जड़ी बूटी का उपभोग किया जा सकता है। आप अपामार्ग को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। आप इसे दलिया के साथ मिलाकर रोगी को खिला सकते हैं। वे जल्‍द ही अपनी बीमारी से ठीक हो जाएंगे।
चिरचिटा का उपयोग घाव उपचार में:- अपामार्ग औषधीय जड़ी बूटी का उपयोग घावों के उपचार में काफी मदद करता है। यदि आपको किसी प्रकार की चोट या घाव है तो इस जड़ी बूटी के पेस्‍ट का उपयोग किया जा सकता है। चिरचिटा में मौजूद पोषक तत्‍व घावों का उपचार करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा यह उल्‍टी या मतली की भावना को भी दूर करने में सहायक होता है।
चिरचिटा के फायदे कान दर्द में:- क्‍या आप कान के संक्रमण या कान में दर्द की समस्‍या से ग्रसित हैं। इस प्रकार की समस्‍याओं को दूर करने के लिए अपामार्ग जड़ी बूटी का उपयोग कर सकते है। आप कान के दर्द को ठीक करने के लिए अपामार्ग की ताजी पत्तियां लें और इसे साफ पानी से धो लें। इसके बाद आप इन पत्तियों को पीस लें और इसका रस निकालें। कान के संक्रमण का इलाज करने के लिए इस रस की कुछ बूंदों को कान में डालें। यह कान के दर्द को ठीक करने में स‍हायक होता है।
लटजीरा के गुण आंखों के लिए फायदेमंद:- आप आंखों की समस्‍याओं को दूर करने के लिए भी लटजीरा जड़ी बूटी का उपयोग कर सकते हैं। इसके लिए आप अपामार्ग की ताजा जड़ लें और इससे मिट्टी और अन्‍य अशुद्धियों को साफ कर लें। अच्‍छी तरह से साफ जड़ों को गुलाब जल के साथ मिलाकर पीस लें। इस मिश्रण से निकाले गए रस का उपयोग संक्रमित आंखों में करें। यह आंखों के संक्रमण को दूर करने का प्रभावी तरीका हो सकता है। लेकिन इस बात की भी सलाह दी जाती है कि आपकी आंखे बहुत ही संवेदनशील होती हैं। इसलिए इस जड़ी बूटी का उपयोग किसी अनुभवी व्‍यक्ति की सलाह के अनुसार ही करना चाहिए।
अपामार्ग के फायदे से करें बवासीर का इलाज:- सामान्‍य रूप से बवासीर एक गंभीर समस्‍या है। यह ऐसी समस्‍या है जो रोगी को आंतरिक रूप से कमजोर करने के साथ ही उसे शर्मिंदगी का भी अनुभव कराती है। लेकिन आप अपामार्ग की पत्तियों का उपयोग कर बवासीर का इलाज कर सकते हैं। इसके लिए आप अपामार्ग की ताजा पत्तियां लें और पानी में अच्‍छी तरह से साफ करने के बाद इसका पेस्‍ट तैयार कर लें। इस पेस्‍ट को तिल के तेल के साथ मिलाएं और प्रभावित क्षेत्र में लगाएं। अपामार्ग का उपयोग बवासीर के दौरान होने वाले रक्‍तस्राव को प्रभावी तरीके से रोक सकता है।
अपामार्ग के प्रयोग से करें दस्‍त का इलाज:-  बच्‍चों और बुर्जुगों में अक्‍सर दस्‍त की समस्‍या होती है। दस्‍त आपकी दिनचर्या को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा दस्‍त होने पर आपके शरीर में पोषक तत्‍वों और पानी की कमी भी हो सकती है। इसलिए समय पर इसका उपचार किया जाना चाहिए। दस्‍त का इलाज करने के लिए आप अपामार्ग की सूखी पतितयों का पाउडर बनाएं। इस पाउडर को शहद या मिश्री के साथ दिन में दो बार सेवन करें। इसके अलावा दस्‍त को ठीक करने के लिए हर 3 घंटे के बाद इसकी ताजा पत्तियों के रस की 5-10 मिलीलीटर मात्रा का सेवन करें। यह दस्‍त के उपचार में सहायक होता है।
अपामार्ग का पौधा के फायदे बांझपन में:- यह एक औषधीय जड़ी-बूटी है जो स्‍वास्‍थ्‍य लाभ दिलाने के साथ ही प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद करती है। यह ऐसी जड़ी बूटी है जो सामान्‍य रूप से कहीं भी उपलब्‍ध हो सकती है। विशेष रूप से इसे हम खरपतवार समझते हैं। इस जड़ी बूटी का उपयोग कर कुछ विशेष स्‍त्री रोगों का उपचार किया जा सकता है। यदि कोई महिला गर्भवती नहीं हो पाती है तो अपामार्ग का उपयोग फायदेमंद होता है। इसके लिए ताजा अपामार्ग पंचंगा जिसमें पत्‍ते, फूल, तना, जड़ और फल सभी आते हैं। इनका बराबर मात्रा में मिश्रण तैयार करें। इस मिश्रण की 10 ग्राम मात्रा को 300 मिली लीटर दूध में पकाएं। इस मिश्रण का केवल चार दिन तक सुबह खाली पेट सेवन करें। और अगले तीन मासिक धर्म चक्र तक ऐसा करें। अपामार्ग का यह उपयोग गर्भवती होने में मदद कर सकता है।
प्रसव पीड़ा में लाभदायक:- पाठा, कलिहारी अडूसा, अपामार्ग इसमे से किसी एक औषधि की जड़ को नाभि बस्ति-प्रदेश या भग-प्रदेश पर लेप देने से प्रसव सुख पूर्वक होता है। अथवा प्रसव पीड़ा प्रारम्भ होने से पहले अपामार्ग (लटजीरा) के जड़ को धागे के साथ कमर में बांधने से प्रसव आसानी से होता है, परन्तु ध्यान रखें प्रसव होने के तुरंत बाद उसको हटा दें।
रक्तप्रदर में फायदेमंद:- अपामार्ग के ताजे पत्ते 10 ग्राम और दुब के 5 ग्राम पत्ते को पीस कर 60 ग्राम पानी में मिला कर छान लें और गाय के दूध के साथ 20 ग्राम या इच्छानुसार मिश्री मिला कर प्रातः काल 7 दिन तक सेवन करने से अत्यंत लाभ मिलता है। यह प्रयोग रोग ठीक होने तक करें निश्चित रूप से रक्तप्रदर ठीक हो जाता है। यदि गर्भाशय में गांठ की वजह से रक्तप्रदर होता है तो इसके प्रयोग से गांठ भी गल के निकल जाता है।
अपामार्ग के नुकसान:- जैसा कि हम जानते हैं कि यह एक औषधीय जड़ी बूटी है जो हमारे लिए फायदेमंद होती है। लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से बचना चाहिए। अधिक मात्रा में सेवन करने से यह उल्‍टी का कारण हो सकता है। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। स्‍तनपान कराने वाली महिलाओं को भी सीमित समय के लिए बहुत ही कम मात्रा में इसका सेवन किया जाना चाहिए।


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