अद्वितीय प्राचीन तावीजें

स्वास्तिक-योरोप व विष्व कुछ सभ्यताओं मे इसे सूर्य का प्रतीक माना जाता है। जब कि भारत मे इस आकाष मे धु्रव तारे के चारों और सप्तर्षियों की परिक्रमा का प्रतीक माना जाता है। तावीज के रूप मे इसे धारण करने से धन, मकान वाहन व अंय समृद्धि प्राप्त होती है। 
उल्टा स्वास्तिक- यह उर्जा व शक्ति का प्रतीक है। इसे धारण करने से शत्रुओं पर विजय होती है। भूत-प्रेत, तंत्र-मंत्र, मारण, मूठ आदि से रक्षा होती है। 
चाभी-यह बुद्धि चेतना, समृद्धि, विवेक, ज्ञान, काम शक्ति बढाता है। 
मछली-आलस, कमजोरी, अज्ञान, जड़ता हटा कर उर्जा सक्रियता, धन वैभव बढाये यह सम्पन्नता के प्रतीक लखनऊ के नवाबों का राजचिन्ह था
कुल्हाड़ी-बुरी नजर, भूत प्रेत बाधा, अंजाने भय का नाशकरे मेष व तुला राषियों वाले जातक यदि सफेद धातु मे पहने तो को विशेष लाभ हो लोहे मे पहने से कवच का काम करे।
हाथी दांत-साढे साती और शनि की ढइया तथा शनिजन्य रोगों व कष्टों से मुक्ति दे सौभाग्य व समृद्धता दे। 
कछुआ-रोग, दुर्घटना नाषक कवच है अल्पायु दोश का नाश। हाथ-बेराजगारी, आलस, व्यापार वृद्धि हेतु तथा भूत प्रेत जादू टोने से रक्षा करे।
भेड़ के सींग-रोजगार, व्यवसाय, पद मे प्रमोषन, आयवृद्धि, कार्य पद, को स्थाई व बनाये। साहस बढाये।
कमल-
गांठ- स्त्री पुरूष के मिलन का प्रतीक है रूठे प्रेमी प्रेमिका या पति पत्नी मे अगाध प्रेम बढाये परस्पर वशीकरण करे
अर्धचन्द्र-उन्नति दे, रोग व अल्पायु नाशक,। उपरी हवाओं से रक्षा, चन्द्रमा का कटा भाग उपर और उभरा भाग नीचे रखें।
सीढी-जीवन की कठिनाईयों व संघर्षों मे विजय व अध्यात्मिक उन्नति दे।
झण्डा-विजय, सफलता, यश, पराक्रम, प्रतिष्ठा दे, मुकदमे और चुनाव मे सफलता दे।
टी या होली क्रास-क्रिश्चयनिटी का प्रतीक यह सेंट एंटनी क्रास, मिर्गी, मानसिक रोग बुरी नजर, भूत प्रेत, तंत्र मंत्र, मारण मूठ आदि से रक्षा करता है। 
लंगर का कांटा- लोहे का बना तावीज ज्यादा शक्तिशाली होता है। चन्द्र व शनि ग्रह के दोषों का नाश करे।
बाघ का पंजा-हिसंक पषु, भय, भूत प्रेत उपरी हवा आदि से रक्षा करता है।
गदा-रोग व शत्रुनाशक, भूत प्रेत उपरी हवा आदि से रक्षा करता है।
आंख- दक्षिण अफ्रीका मे रोग व शत्रुनाषक, भूत प्रेत काला जादू, उपरी हवा आदि से रक्षा करता है। सूर्य का प्रतीक है बिच्छू-रक्षा कवच है। भूत प्रेत काला जादू से रक्षा करता है। कन्या व वृश्चिक राशि वालों को विशेष लाभ देता है। 
सुअर-यह बेराजगारी प्राप्ति, व्यापार वृद्धि हेतु सौभाग्य, भाग्योदय समृद्धि की प्राप्त होती है। चांदी मे बना तावीज अधिक शक्तिशाली होता है।
बिल्ली- जोखिम भरी यात्राओं मे तथा भूत प्रेत, तंत्र मंत्र, उपरी हवा आदि से रक्षा करता है। मकर, मीन वाले जातकों को विशेश लाभ देता है।
घोड़े की नाल-बुरी नजर, भूत प्रेत की छाया, जादू टोना, तंत्र मंत्र, आदि बलाओं से रक्षा करता है। 
तीर- सौभाग्य व मुकदमे मे विजय देता है। सोने चांदी का तावीज बना कर या परूषों को अंगूठी मे तथा स्त्रियो को कमर या गले मे पहनना चाहिये।  
डंडे पर लिपटा सांप-इसे ज्ञान और भाग्य का प्रतीक मानााता है यह ज्ञान की सात अवस्थाओं को बताता है। सांप बुद्धि का प्रतीक है। इसे चांदी की अंगूठी मे पहना जाता है। 
देवदूत या उसके पंख- उन्नति, निकट भविष्य मे सौभाग्य आने, नई योजनाओं तथा नये अवसरों का प्रतीक है।
छिपकली- -बुरी नजर, भूत प्रेत बाधा, सौभाग्य प्राप्ति,।
समकोणकार तावीज-शिक्षा, बुद्धि, विवेक, लेखन कार्य, बौद्धिक विकास।
पंखों वाली छड़ से लिपटे दो सांप-मिस्त्र मे इसे रोजगार, व्यापार, वृद्धि, अच्छे व्यापारिक समझौते करवाने, विवाद या झगड़ो निपटाने मे लाभकारी माना जाता है। 
हार्ट का तावीज-दिल के आकृति का तावीज प्रेमी प्रेमिका या पति पत्नी के मध्य प्रेम को बढा कर कलह नाष करता है। सोने मे बना कर पहने से सिंह और तुला राशि के जातकांे को विशेष लाभ देता है
बेनेडिक्ट तावीज- गणित के प्लस के चिन्ह का यह तावीज शुभ, सौभाग्य और देवी कृपा मिलने का प्रतीक माना जाता है।
 


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