बाॅलावुड की प्रतीभाशाली अभिनेत्री श्रीदेवी

अपने समय की बाॅलीबुड की सबसे खूबसूरत, टेलेन्टेड और दिलकश अदाकारा श्रीदेवी का हवा हवाई की गीत मानस पटल पर आ जाता है, श्रीदेवी कहें, हवा-हवाई या चांदनी सभी रोल को बेहतरीन तरीके से करने वाली अपने चाहने वालों प्रिय अदाकारा को यूं ही इस तरह अपने करोड़ों चाहने वालों छोड़कर चले जाना एक सदमा से कम नहीं है। वैसे भी आदमी मुसाफिर है, आते-जाते रस्ते में यादें छोड़ जाता है! श्रीदेवी ने भी अनेकों बेहतरीन सिने प्रेमियों यदों को देकर गई। श्रीदेवी ने 1979 मे सोलहवां सावन से हिन्दी सिनेमा मे कदम रखा था दुर्भाग्य से यह फिल्म सफल नहीं रही इससे पहले श्रीदेवी बाल कलाकार के रूप मे 1972 में जूली मे आ चुकी थी पर 1983 में अभिनेता जितेन्द्र के साथ आई सुपरहिट फिल्म हिम्मतवाला की सफलता ने ना केवल उन्हें बाॅलीवुड मे स्थापित किया बल्कि बाॅलीवुड को एक नयी प्रतिभाशाली फीमेल सुपरस्टार मिला आगे आनी वाली फिल्मों मे यह बात पूरी तरह सच साबित हुयी उन्होंने सफलता के कई आयाम स्थापित किये इसके बाद उन्हांेने हिन्दी सिनेमा को कई हिट फिल्में दी जिनमे तोहफा, मवाली, नया कदम, कर्मा, मकसद, नजराना, मास्टरजी, चाँदनी, नगीना, लम्हें, खुदा गवाह, गुमराह, लाड़ला, जुदाई, मि. इंडिया, चालबाज, आई। 1996 में उन्होंने फिल्म निर्माता निर्देशक बोनी कपूर से शादी कर ली और कुछ समय के लिये वे फिल्मों से दूर रही उन्हेाने 2012 में कामेडी फिल्म इंगलिश विंगलिश से वापसी उनकी अंतिम फिल्म 2017 में आई माॅम थी। 24 फरवरी 2018 शाम सात बजे  दुबई में उनहा देहंात हो गया। अभिनेता जितेन्द्र के साथ उनकी जोड़ी खूब हिट रही इस जोड़ी ने 16 हिट फिल्मे दीं सदमा मे उन्होने अपने जीवन का सबससे बेहतरीन अभिनय किया नगीना उनकी सबसे हिट फिल्मे थी उन्होंने भारतनाट्यम की विधिवत शिक्षा ली थी फिल्म नगीना, मि. इंडिया, चालबाज और लम्हें फिल्में में उनके बेहतरीन अभिनय लिये 1990 और 1992 में फिल्मफेयर एवार्ड से नवाजा गया भारत सरकार ने उन्हें 2013 में पद्यमश्री प्रदान की। वे अपने पीछे पति और दो लड़किया जाहनवी और खुशी छोड़ गयीं।
  आने के वक्त तुम तो कहीं के कहीं रहे। और अब आये तो फायदा जब हम ही नहीं रहे।


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