शादी के बाद न करें पहले प्यार का इजहार

सीमा और राकेश की शादी को पूरे पांच साल हो चुके थे। वो दोनों एक-दूसरे को बेपनह प्यार करते थे। शादी के पांच साल दोनों ने पूरी रूमानियत और जिन्दादिली के साथ बिताए थे उनके प्यार की निशानी संजू भी अब दो साल का हो चुका था। एक दिन भावुकता भरे अंतरंग क्षणों के दौरान राकेश ने अपनी पत्नी से पूछा कया तमने शादी से पहले किसी लड़के से प्यार किया था? प्रश्न सहजभाव से किया गया था।
 सीमा यूँ तो अपने पहले प्यार प्रदीप को भुला चुकी थी आज राकेश ने पूछा तो सीमा के आंखों के सामने काॅलेज के दौरान प्रदीप के साथ चला इश्क का दोर धूम गया। घर वालों ने इस प्यार को मंजूर नहीं किया और सीमा-राकेश की शादी हो गई। प्रदीप से भावनात्मक लगाव शुरू-शुरू में तो सीमा को मन ही मन सताता रहा पर राकेश ने उसे इतना प्यार दिया कि वह प्रदीप को भुला बैठी। तुमने जवाब नहीं दिया सीमा? राकेश ने प्रश्न दोहराया तो सीमा तंत्रा से जागी उसका मन हुआ कि वह साफ इंकार कर दे कि उसका कभी किसी के साथ अफेयर रहा था, पर फिर उसने सोचा कि देवता सरीखे पति से झूट बोलकर भी उसकी रहे। सीमा ने कहने को तो कह दिया पर उसकी यह स्वीकारोक्ति उसके जी का जंजाल बनकर रह गई उसकी यह नादानी उसके हरे-भरे वैवाहिक जीवन में आग लग गई।
 राकेश यूँ तो काफी सुलझे हुए विचारों वाला समझदार युवक था पर अपनी पत्नी के मुंह से शादी से पहले प्रदीप के साथ रोमांस की स्वीकारोक्ति सुनकर वह अंदर तक हिल गया। उसे सीमा एक छलावा प्रतीत होने लगी और वह अंदर ही अंदर उससे कटता गया अलगाव बढ़ता गया और सीमा की लाख कोशिशों के बाद भी उनके संबन्ध सहज न हो पाये और नौबत संबन्ध विच्छेद तक आ पंहुची।
 युवावस्था के दौरान युवा लड़के-लड़कियों का परस्पर प्यार-मुहब्बत का दौर चलना स्वाभाविक होता है। इनमें से कुछेक खुशनशीबों का प्यार ही शादी के सोपान तक पहुंच पाता है। बाकी के हिस्से में तो जुदाई ही लिखा होता है।
 ऐसे में विवाद के उपरान्त लड़के-लड़कियों को नितांत नये जीवन साथी के साथ निर्वाह करना होता है। उनके साथ ही गृहस्थी की नैय्या पर लगानी होती है। वैसे भी हमारे यहाँ शादी के पश्चात् ही प्यार किए जाने को महत्व देने की परम्परा है। शादी के बाद भूलकर भी अपने पहले प्यार के बारे में जीवन साथी से चर्चा न करें यह गाँठ बांध लेना जरूरी है। लड़कियों के मामले में यह बात ज्यादा मायने रखती है। कोई भी पुरूष कितना ही सुलझे विचारों वाला और खुले दिल का होने का दंभ क्यों न भरे वह कभी भी अंर्तमन से यह बात पचा नहीं पाता कि उसकी पत्नी शादी से पहले किसी और को चाहती थी, जिस पर यदि बात शारीरिक संबन्धों तक की हो तो फिर 


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