शीना बोरा के केस

शीना के पिता सिद्धार्थ दास के अनुसार शीना का जंम 11 फरवरी 1987 को दोपहर 2.23 मिनट पर शिलंाग, मेघालय में हुआ था, उसकी जंम पत्री इस प्रकार है।
वृष लग्न, मिथुन मे चन्द्र पुर्नवसु नक्षत्र तृतीय चरण। द्वितीय भाव मे मिथुन मे चन्द्र, कन्या मे केतु, वृश्चिक मे शनि, धनु मे शुक्र, मकर मे सूर्य, कुंभ मे बुध, मीन मे राहू मंगल व गुरू।
 नवांश लग्न सिंह कन्या मे सूर्य, धनु मे राहू, कुंभ मे बुध शनि, मीन मे मंगल, सिंह मे चन्द्र केतु, कर्क मे गुरू व शुक्र। इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की प्रमुख पात्र इन्द्राणी मुखर्जी का जंम 1966 मे गोहाटी मे हुआ था उसकी मांँ की ने दो शादियाँ की थीं इन्द्राणी की मुलाकात 1986 मे शिलांग मे सिद्धार्थ दास से हुयी जिसके साथ वह बिना शादी के तीन साल रही जिससे इन्द्राणी को दो संताने बेटी शीना व बेटा मिखाइल हुये। 1989 मे एक दिन अचानक इन्द्राणी घर छोड़ कर गोहाटी चली गई 1999 में सिद्धार्थ दास ने बबली नाम की युवती से दूसरा विवाह कर लिया और इन्द्राणी कलकत्ता मे कालगर्ल रैकेट मे पकड़ी गई फिर उसने संजीव खन्ना से दूसरी शादी की जिससे दूसरी बेटी निधि पैदा हुयी इसके कुछ साल बाद पैसे की हवस मे उसने स्टार चैनेल के प्रोपाइटर पीटर मुखर्जी से तीसरी शादी की पीटर मुखर्जी की भी यह दूसरी शादी थी उनकी पहली पत्नी से एक बेटा राहूल था। पीटर ने निधि को गोद ले लिया इन्द्राणी पैसे की भूखी अति महत्वाकांक्षी महिला थी जिसके लिये रिश्ते-नाते कोई माने नही रखती थी वह सबसे अपनी बेटी शीना को अपनी बहन के रूप मे परिचय कराती थी जून 2011 मे शीना मुम्बई मेट्रो वन मे सहायक प्रबधक बन गई बेटी शीना भी अपनी माँ के पद चिन्हों पर चलने लगी 2009 मे उसका पीटर मुखर्जी के बेटे राहूल के साथ एफेयर हुआ और वह उसके साथ तीन सालों से लिव इन रिलेशन मे रहती थी। जो रिश्ते मे सौतेला भाई लगता था इन्द्राणी ने इस रिश्ते को तोड़ने की बहुत कोशिश की किन्तु शीना नही मानी पीटर की जायदाद का बंटवारा रोकने तथा ज्यादा से ज्यादा उसकी जायदाद के हड़पने के उददेश्य से उसने 24 अप्रैल 2012 को अपने पूर्व पति संजीव खन्ना, ड्राइवर श्यामराम पिंटूराम राय तथा एक अंय अज्ञात सहयोगी की मदद से कार मे शीना की गला घोटकर हत्या कर दी और उसकी लाश को रायपुर जिले के पेण गगोदे गाँव के जंगल मे जला कर गाड़ दिया था। 24 अप्रैल 2012 को शीना ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया उसी दिन शीना के मोबाइल से राहूल को मैसेज आया कि शीना उच्च शिक्षा के लिये अमरीका चली गई और वहां स्थाई पर बस गई इन्द्राणी ने शीना के मोबाइल फोन से कई मैसेज भेजे कि वह उससे कोई संबध नही रखना चाहती है। संदिग्ध मैसेज देखकर राहूल अंधेरी पुलिस स्टेशन गया जहाँ उसका केस रजिस्टर्ड नही हुआ राहूल देहरादून अपनी सगी माँ के पास चला गया 23 मई 2012 को ग्रामीणों द्वारा बदबू आने की शिकायत पर पुलिस को रायगढ के पेण तहसील के जंगल से एक कंकाल मिला 40 माह बाद फोरेनिसक जांच से पता चला कि कंकाल शीना का ही है। थ्री डी टेकनिक से चेहरो के पुर्न निर्माण से डी.एन.ए. जांच से पता चला कि शीना इन्द्राणी की बहन नही बल्कि इन्द्राणी व सिद्धार्थ की बेटी है। 21 अगस्त 2015 को श्यामराय, 25 अगस्त को इन्द्राणी बम्बई मे व 26 अगस्त को संजीव खन्ना कलकत्ता मे गिरफ्तार हुये। पुलिस की जाँच पड़ताल के दौरान श्यामराय ने बताया कि 24 अप्रैल की शाम 6 बजे इन्द्राणी ने वर्ली के होटल हिलटाप से अपने पूर्व पति संजीव खन्ना को पिकअप किया उसी शाम उसने शीना को भी मिलने को बुलाया था 7 बजे शाम को राहूल ने शीना को बांद्रा रोड पर नेशनल कालेज के निकट छोड़ा जहां कार मे शीना माँ से मिली श्याम कार चला रहा था पिछली सीट पर इन्द्राणी और संजीव के बीच शीना बैठी थी तभी बांद्रा की एक गली मे करीब आठ बजे संजीव ने शीना का गला घोट दिया वे लोग लाश को इन्द्राणी के वर्ली वाले मकान मे लाये एक बैग मे लाश रखी फिर उसे कार की डिक्की मे रखा उसी रात 25 अप्रैल आधी रात के बाद वे तीनों हाइवे पर पुलिस चैकिंग से बचने के लिये लाश को अपने बीच मे बैठा कर लाये ताकि पुलिस को लगे कि शीना सो रही है। लाश रायगढ़ की पेड़ तहसील के गगोदे गांव मे लाये पुनः लाश बैग मे रखकर उस पर पेट्रोल डालकर आग लगाई लाश पूरी तरह जल जाने पर उसे गढ्ढे मे गाड़ दिया, पहले पुलिस को शातिर इन्द्राणी ने बताया कि उसके सौतेले पिता ने उसके साथ बलत्कार किया था, शीना उसके सौतेले बाप की बेटी है जो गलत सिद्ध हुआ अंत मे उसने कबूल किया उसने ही संजीव व श्याम के साथ शीना की हत्या की है।
ज्योतिषीय विश्लेषण:-
वृष लग्न मे जंमी जातिका का लग्नेश शुक्र चन्द्रमा से दृष्ट है जिसने उसे बेपनाह खूबसूरती प्रदान की। लग्नेश शुक्र तृतीयेष चन्द्र से दृष्ट है। लग्नेश तृतीयेष का संबध जातक का पड़ोस, सहकर्मी, सहपाठी, घरेलु मित्र या निकट संबधी से प्रेम संबध देता है जातिका का संबध अपने सौतेले भाई के साथ हुआ शुक्र से 7 वें चन्द्र प्रेम मे भागने का योग देता है। जातिका अपने प्रेमी के साथ लिव इन रिलेशलन मे थी। 7 वें भाव से मां की मां यानि नानी का अध्ययन किया जाता है। सप्तमेश मंगल द्विस्वभाव राशि मीन मे नानी के दो विवाह कराये। पिता कारक सूर्य से सप्तमेश चन्द्रमा द्विस्वभाव राशि मिथुन मे ने पिता सिद्धार्थ के दो विवाह दिये चन्द्रमा द्विस्वभाव राशि मिथुन मे दो मां और पिता के दो विवाह देता है। चन्द्रमा से सप्तमेश गुरू द्विस्वभाव राशि मीन मे ने माँ इन्द्राणी के दो से अधिक विवाह दिये जातिका के सप्तमेश मंगल के राहू युत होने ने उसे चरित्रहीन बनाया और चन्द्रमा से सप्तमेश गुरू राहू से योग ने माँ को चरित्रहीन बनाया, लग्नेश मृत्यु भाव अष्ठम मे शत्रु राशिगत है। तथा पापकर्तरी मे है जिसने जातिका को अल्पायु बनाया चन्द्र लग्नेश बुध भी पापकत्तरी मे है जो भी अल्पायु योग दे रहा है। अष्ठमेश गुरू दो पापी ग्रह मंगल राहू से युत है। जो अल्पायु योग है। फेट एंड फोरचून के संपादक तथा कार्मिक कन्ट्रोल प्लेनेट के लेखक प्रख्यात ज्योतिषी स्व माणिक चन्द्र जैन के अनुसार, त्रिकेश, द्वादेश, वक्री ग्रह, अष्ठमेश, तथा राहू केतु तथा राहू केतु के राशि स्वामी ग्रह कार्मिक ग्रह होते है। जो पूर्व जंम के कठिन पापों को बताते है तथा जीवन मे भारी दुर्भाग्य, दुःखद व हिसंक घटनायें जैसे घातक एक्सीडेंट, हत्या, आत्महत्या, रेप हो जाने जैसे गंभीर फल देते है। शीना के जमांक मे अष्ठमेश गुरू व द्वादेश मंगल दोनों कार्मिक ग्रह राहू से युत है। बल्कि राहू के राशि स्वामी ग्रह गुरू से भी युत है। इस अति घातक योग ने जातिका की हिंसक हत्या करा दी। लग्नेश षुक्र व चतुर्थेष सूर्य परस्पर द्विदादश जो जंम से ही जातिका।


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