188 कें अन्तर्गत दण्डनीय अपराध

जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में ’नोबल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव हेतु जन-समान्य की सुरक्षा के दृष्टिगत कतिपय गतिविधियों को निषेधित किया जाना अपरिहार्य हो गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि वर्तमान समय में ’नोबल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव हेतु जन-समान्य की सुरक्षा के दृष्टिगत कतिपय गतिविधियों को निषेधित किया जाना अपरिहार्य हो गया है। 
 महामारी अधिनियम 1897 की धारा-2 व नोवल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव की दृष्टिगत विभिन्न निर्देश दिए है। जिसमें जनपद आजमगढ़ में दिनांक 23 से 25 मार्च,2020 तक को सभी स्थायी व अस्थायी दुकानें, पटरी दुकानें, ठेले (फल व सब्जियों को छोड़कर) बन्द करने के आदेश दिये जाते हैं। केवल आवश्यक वस्तुओं का विक्रय करने वाली दुकानें और प्रतिष्ठान जेसे-अनाज, गल्ला, किराना, जनरल स्टोर, दूध, रसोई गैस, पेट्रोल पम्प, सब्जी, फल, दवाई की दुकाने, ट्रांसपोर्ट, लाजिस्टिक्स, कूरियर, वेयर हाउस और पैथोलॉजी लैब, डाक्टर क्लिनिक और सभी प्राइवेट और निजी अस्पताल इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे । इसके अलावा हर प्रकार की दुकान और प्रतिष्ठान बन्द रहेंगे। सभी ढाबे, मिष्ठान्न भंडार, जलपान गृह, रेस्टोरेन्ट, कॉफी हाउस, कैफे, खाने-पीने की, चाट-स्नैक्स, आइसक्रीम पार्लर की दुकानें, ठेले (फल सब्जी छोड़कर) तम्बाकू, गुटखा, पान, चाय की दुकाने दिनांक 31.03.2020 तक बन्द रहेंगी । खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के विपरीत बिकने वाले फ्रोजन मीट का विक्रय प्रतिबन्धित किया जाता है। साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के विपरीत बिकने वाले सेमी कुक्ड एवं हाफ ब्वायल्ड मांस का विक्रय प्रतिबन्धित किया जाता है। अधिकाधिक लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए और केवल जरूरी मरीजों पर फोकस करने के लिए सभी निजी और सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिक्स-अस्पतालों में सर्दी, कोल्ड, फ्लू, बुखार व कोरोना के संदिग्ध मरीजों संबंधी मरीजों को अलग से डेडीकेटेड ओ0पी0डी0 बनाकर देखे जायेंगे। सरकारी अस्पतालों में दोनों शिफ्ट में सर्दी, कोल्ड, फ्लू, बुखर, कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए ओ0पी0डी0 चलाई जायेगी। सामान्य तौर पर अन्य मरीजों के उपचार हेतु अलग व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें बताया जाए कि यथासम्भव अपरिहार्य परिस्थितियों में ही अस्पताल आयें, यदि कोई चिकित्सीय सामान्य परामर्श करनी हो तो दूरभाष पर करें । यह आदेश पूर्व में निर्गत दुकानों के खुलने एवं बन्द होने संबंधी संबंधी आदेशों को अवक्रमित करते हुए पारित किया जा रहा है। 
 यह आदेश जनपद आजमगढ़ के सम्पूर्ण क्षेत्र में दिनांक 23 मार्च,2020 से प्रभावी रहेगा । आदेश में वर्णित प्रतिबन्धों की अवहेलना भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा। चूंकि स्थिति की गम्भीरता एवं तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए उक्त प्रतिबन्धों को तत्काल प्रभावी किया जाना आवश्यक है और समयाभाव के कारण किसी अन्य पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान कर पाना सम्भव नहीं है, अतएव यह आदेश एकपक्षीय रूपसे पारित किया जा रहा है। 
 इस आदेश के उल्लंघन का संज्ञान जनपद में तैनात पुलिस अधीक्षक स्तर से अथवा उससे वरिष्ठ किसी भी पुलिस अधिकारी अथवा तहसीलदार मजिस्ट्रेट, उप जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लिया जा सकेगा और उल्लिखित अनुमतियां उनके द्वारा समस्त परिस्थितियों पर नियमानुसार निर्गत की जायेंगी। इस आदेश अथवा आदेश के किसी अंश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 कें अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा । 
                                                                                                                                                                                                                                                                                   जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में ’नोबल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव हेतु जन-समान्य की सुरक्षा के दृष्टिगत कतिपय गतिविधियों को निषेधित किया जाना अपरिहार्य हो गया है। 
 महामारी अधिनियम 1897 की धारा-2 व नोवल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव की दृष्टिगत विभिन्न निर्देश दिए है। जिसमें जनपद आजमगढ़ में दिनांक 23 से 25 मार्च,2020 तक को सभी स्थायी व अस्थायी दुकानें, पटरी दुकानें, ठेले (फल व सब्जियों को छोड़कर) बन्द करने के आदेश दिये जाते हैं। केवल आवश्यक वस्तुओं का विक्रय करने वाली दुकानें और प्रतिष्ठान जेसे-अनाज, गल्ला, किराना, जनरल स्टोर, दूध, रसोई गैस, पेट्रोल पम्प, सब्जी, फल, दवाई की दुकाने, ट्रांसपोर्ट, लाजिस्टिक्स, कूरियर, वेयर हाउस और पैथोलॉजी लैब, डाक्टर क्लिनिक और सभी प्राइवेट और निजी अस्पताल इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे । इसके अलावा हर प्रकार की दुकान और प्रतिष्ठान बन्द रहेंगे ।  सभी ढाबे, मिष्ठान्न भंडार, जलपान गृह, रेस्टोरेन्ट, कॉफी हाउस, कैफे, खाने-पीने की, चाट-स्नैक्स, आइसक्रीम पार्लर की दुकानें, ठेले (फल सब्जी छोड़कर) तम्बाकू, गुटखा, पान, चाय की दुकाने दिनांक 31.03.2020 तक बन्द रहेंगी । खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के विपरीत बिकने वाले फ्रोजन मीट का विक्रय प्रतिबन्धित किया जाता है । साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के विपरीत बिकने वाले सेमी कुक्ड एवं हाफ ब्वायल्ड मांस का विक्रय प्रतिबन्धित किया जाता है । अधिकाधिक लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए और केवल जरूरी मरीजों पर फोकस करने के लिए सभी निजी और सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिक्सध्अस्पतालों में सर्दी, कोल्ड, फ्लू, बुखार व कोरोना के संदिग्ध मरीजों संबंधी मरीजों को अलग से डेडीकेटेड ओ0पी0डी0 बनाकर देखे जायेंगे । सरकारी अस्पतालों में दोनों शिफ्ट में सर्दी, कोल्ड, फ्लू, बुखर, कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए ओ0पी0डी0 चलाई जायेगी । सामान्य तौर पर अन्य मरीजों के उपचार हेतु अलग व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें बताया जाए कि यथासम्भव अपरिहार्य परिस्थितियों में ही अस्पताल आयें, यदि कोई चिकित्सीय सामान्य परामर्श करनी हो तो दूरभाष पर करें । यह आदेश पूर्व में निर्गत दुकानों के खुलने एवं बन्द होने संबंधी संबंधी आदेशों को अवक्रमित करते हुए पारित किया जा रहा है। 
 यह आदेश जनपद आजमगढ़ के सम्पूर्ण क्षेत्र में दिनांक 23 मार्च,2020 से प्रभावी रहेगा । आदेश में वर्णित प्रतिबन्धों की अवहेलना भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा । 
 
 चूंकि स्थिति की गम्भीरता एवं तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए उक्त प्रतिबन्धों को तत्काल प्रभावी किया जाना आवश्यक है और समयाभाव के कारण किसी अन्य पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान कर पाना सम्भव नहीं है,  जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में ’नोबल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव हेतु जन-समान्य की सुरक्षा के दृष्टिगत कतिपय गतिविधियों को निषेधित किया जाना अपरिहार्य हो गया है। 
 महामारी अधिनियम 1897 की धारा-2 व नोवल कोरोना वायरस’ के संक्रमण एवं महामारी से बचाव की दृष्टिगत विभिन्न निर्देश दिए है। जिसमें जनपद आजमगढ़ में दिनांक 23 से 25 मार्च,2020 तक को सभी स्थायी व अस्थायी दुकानें, पटरी दुकानें, ठेले (फल व सब्जियों को छोड़कर) बन्द करने के आदेश दिये जाते हैं। केवल आवश्यक वस्तुओं का विक्रय करने वाली दुकानें और प्रतिष्ठान जेसे-अनाज, गल्ला, किराना, जनरल स्टोर, दूध, रसोई गैस, पेट्रोल पम्प, सब्जी, फल, दवाई की दुकाने, ट्रांसपोर्ट, लाजिस्टिक्स, कूरियर, वेयर हाउस और पैथोलॉजी लैब, डाक्टर क्लिनिक और सभी प्राइवेट और निजी अस्पताल इस प्रतिबन्ध से मुक्त रहेंगे । इसके अलावा हर प्रकार की दुकान और प्रतिष्ठान बन्द रहेंगे ।  सभी ढाबे, मिष्ठान्न भंडार, जलपान गृह, रेस्टोरेन्ट, कॉफी हाउस, कैफे, खाने-पीने की, चाट-स्नैक्स, आइसक्रीम पार्लर की दुकानें, ठेले (फल सब्जी छोड़कर) तम्बाकू, गुटखा, पान, चाय की दुकाने दिनांक 31.03.2020 तक बन्द रहेंगी । खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के विपरीत बिकने वाले फ्रोजन मीट का विक्रय प्रतिबन्धित किया जाता है । साथ ही खाद्य सुरक्षा विभाग के मानकों के विपरीत बिकने वाले सेमी कुक्ड एवं हाफ ब्वायल्ड मांस का विक्रय प्रतिबन्धित किया जाता है । अधिकाधिक लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए और केवल जरूरी मरीजों पर फोकस करने के लिए सभी निजी और सरकारी अस्पतालों और प्राइवेट क्लिनिक्सध्अस्पतालों में सर्दी, कोल्ड, फ्लू, बुखार व कोरोना के संदिग्ध मरीजों संबंधी मरीजों को अलग से डेडीकेटेड ओ0पी0डी0 बनाकर देखे जायेंगे । सरकारी अस्पतालों में दोनों शिफ्ट में सर्दी, कोल्ड, फ्लू, बुखर, कोरोना के संदिग्ध मरीजों के लिए ओ0पी0डी0 चलाई जायेगी । सामान्य तौर पर अन्य मरीजों के उपचार हेतु अलग व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें बताया जाए कि यथासम्भव अपरिहार्य परिस्थितियों में ही अस्पताल आयें, यदि कोई चिकित्सीय सामान्य परामर्श करनी हो तो दूरभाष पर करें । यह आदेश पूर्व में निर्गत दुकानों के खुलने एवं बन्द होने संबंधी संबंधी आदेशों को अवक्रमित करते हुए पारित किया जा रहा है। 
 यह आदेश जनपद आजमगढ़ के सम्पूर्ण क्षेत्र में दिनांक 23 मार्च,2020 से प्रभावी रहेगा । आदेश में वर्णित प्रतिबन्धों की अवहेलना भारतीय दण्ड विधान की धारा 188 के अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा । 
 
 चूंकि स्थिति की गम्भीरता एवं तात्कालिक आवश्यकता को देखते हुए उक्त प्रतिबन्धों को तत्काल प्रभावी किया जाना आवश्यक है और समयाभाव के कारण किसी अन्य पक्ष को सुनवाई का अवसर प्रदान कर पाना सम्भव नहीं है, अतएव यह आदेश एकपक्षीय रूपसे पारित किया जा रहा है। 
 इस आदेश के उल्लंघन का संज्ञान जनपद में तैनात पुलिस अधीक्षक स्तर से अथवा उससे वरिष्ठ किसी भी पुलिस अधिकारी अथवा तहसीलदार मजिस्ट्रेट, उप जिला मजिस्ट्रेट द्वारा लिया जा सकेगा और उल्लिखित अनुमतियां उनके द्वारा समस्त परिस्थितियों पर नियमानुसार निर्गत की जायेंगी । इस आदेश अथवा आदेश के किसी अंश का उल्लंघन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 कें अन्तर्गत दण्डनीय अपराध होगा।


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