बाबा साहब के जन्मदिवस पर उनके चरणों में पुष्प अर्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया

अखिल भारतीय सन्त गाडगे महासभा ‘संगम’ के प्रदेष अध्यक्ष अरविन्द कुमार चैधरी ने अपने पैतृक निवास पर बाबा साहब डाॅ. भीमराव अम्बेडकर जी के जन्मदिवस पर उनके चरणों में पुष्प अर्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किये। प्रदेष अध्यक्ष श्री चैधरी ने बाबा साहब के विचारों को व्यक्त किया एवं उनके बताये रास्तों पर समाज ही नहीं सर्वसमाज के निर्बल, असहाय, कमजोरों की मदद कर सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाना, श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन करना ही बाबा साहब के मिषन को पूरा करना है। डाॅ. भीमराव रामजी अम्बेडकर डाॅ. बाबा साहब अम्बेडकर नाम से लोकप्रिय बहुजन विधिवेत्ता अर्थषास्त्री, राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक। उन्होंने दलित बौद्ध आन्दोलन को प्रेरित किया और अछूतों से सामाजिक भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। भारत को संविधान देने वाले महान नेता डाॅ. अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था। डाॅ. अम्बेडकर के पिताजी का नाम रामजी मालोजी सतपाल और माता का नाम भीमाबाई था। अपने माता-पिता के 14वीं सन्तान के रूप में जन्मे डाॅ. अम्बेडकर जन्मजात प्रतिभा सम्पन्न थे। उनका जन्म महार जाति में हुआ था। 29 अगस्त, 1947 को स्वतन्त्र भारत को नये संविधान की रचना के लिए बनी संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किये गये। 26 नवम्बर, 1949 को सभा ने संविधान को अपना लिया। 14 अक्टूबर, 1956 को नागपुर में अम्बेडकर ने स्वयं व अपने समर्थकों के लिए एक औपचारिक सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया। अम्बेडकर 1948 से मधुमेह से पीड़ित थे। 6 दिसम्बर, 1956 को डाॅ. अम्बेडकर जी का निधन हो गया। बाबा साहब के जन्मोत्सव के अवसर पर मास्क व खाने के लंच पैकेट भी बांटे गये। सहयोगी सत्येन्द्र पटेल एवं अन्य साथियों द्वारा गुप्तदान भी किया जा रहा है। इस वैष्विक महामारी से निपटने के लिए गरीब, असहाय लोगों की मदद करें। प्रदेष के मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री द्वारा लाॅकडाउन के बताये गये नियमों का पालन करें। घर पर रहें-सुरक्षित रहें। 


 


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