मुहब्बत की खातिर ये दुनियाँ बनाई
मुहब्बत दिलों से कब होती जुदा है !
मुहब्बत जुनूँ है मुहब्बत नशा है !
कहीं ईश्वर है !
कहीं ये खुदा है !
मुहब्बत में है उसकी सारी खुदाई !
मुहब्बत की खातिर ये दुनियाँ बनाई !
मुहब्बत हकीकत का इक आईना है !
मुहब्बत जुनूँ है मुहब्बत नशा है !
कहीं ईश्वर है !
कहीं ये खुदा है !
मुहब्बत के दम से बदन में हरारत !
मुहब्बत है इंसानियत की जमानत !
मुहब्बत है जिसमें उसी में वफा है !
मुहब्बत जुनूँ है मुहब्बत नशा है !
कहीं ईश्वर है !
कहीं ये खुदा है !
मुहब्बत से यारो दिलों की है धड़कन !
मुहब्बत से महके वफाओं का गुलशन !
मुहब्बत बहुत ही हसीं दिलरुबा है !
मुहब्बत जुनूँ है मुहब्बत नशा है !
कहीं ईश्वर है !
कहीं ये खुदा है !
मुहब्बत हर-इक दिल में खूँ की तरह है !
मुहब्बत ही दिल में सुकूँ की तरह है !
मुहब्बत का रुतवा जहाँ में बड़ा है !
मुहब्बत जुनूँ है मुहब्बत नशा है !
कहीं ईश्वर है !
कहीं ये खुदा है !
मुहब्बत से जहाँ में मुहब्बत है पाई !
मुहब्बत मकाम - ए - बलन्दी पे लाईं !
मुहब्बत में नफरत का कब दाखिला है !
मुहब्बत जुनूँ है मुहब्बत न शा है !
कहीं ईश्वर है !
कहीं ये खुदा है !