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शान-ए-इलाहाबाद’ सम्मान

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समाज में बढ़ी विडंबनाओं के खिलाफ लोगों ने लिखना, बोलना बंद कर दिया है, यह बेहद खतरनाक है। समाज में घटी घटनाओं को लेकर लोग सोचते हैं कि हमसे क्या मतलब। यह सोच आज समाज के लिए बहुत घातक है, क्योंकि वही स्थिति बारी-बारी सबके सामने आनी है। यह बात प्रो. अली अहमद फातमी ने गुफ्तगू की ओर से धूमनगंज, प्रयागराज के हनुमान वाटिका में आयोजित 'शान-ए-इलाहाबाद सम्मान' समारोह और पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि बाजारवाद के दौर में गुफ्तगू जैसी पत्रिका का प्रकाशित होना और अपने क्षेत्र में बेहतर काम करने वालों को सम्मानित करना बड़ा काम है। इम्तियाज गाजी ने अपनी टीम के साथ यह करके दिखा दिया है। जिन लोगों को सम्मानित किया गया, वे सारे लोग अपने क्षेत्र के खास लोग हैं। प्रो. फातमी ने कहा कि अच्छी शायरी के लिए ज्यादा पढ़ा-लिखा होना जरूरी नहीं है, बल्कि समाज को समझना ज्यादा जरूरी है। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि आज के दौर में पत्रिका निकलना बेहद मुश्किल काम है, लेकिन कुछ अच्छे लोगों के सहयोग से हम यह काम कर रहे हैं। गुफ्तगू की पूरी टीम मिलकर काम कर रही

पोषक तत्वों से भपूर गुणकारी राजमा

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राजमा गुणकारी खाद्य पदार्थ है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसकी कई प्रजातियां पाई जाती हैं इसमें फाइबर भी पाया जाता है, जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के साथ-साथ कब्ज जैसी परेशानियों से भी छुटकारा दिलाने का काम करता है। इसके अलावा, इसमें आयरन, कॉपर, फोलेट ,मैÛ्रीशियम, कैल्शियम और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व पा, जाते हैं। शरीर से जुड़ी विभिन्न परेशानियों के लिए राजमा किस प्रकार फायदेमंद होता है। भरपूर एनर्जी:- राजमा खाने से हमें ताकत मिलती है, क्यूंकि इसमें आयरन की अधिकता होती है। शरीर में मेटाबॉलिज्म बढ़ाने व एनर्जी के लिए आयरन सबसे जरुरी है। इसके खाने से शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह सुचारू रूप से होता रहता है। वजन कम करने में सहायक:- राजमा में औसत कैलोरी पाई जाती है, जिसे किसी भी उम्र का इन्सान आसानी से खा सकता है। राजमा को सूप व सलाद में लंच में खाना चाहि, ज्यादा फायदा मिलेगा। जो अपने वजन को मेन्टेन रखना चाहते है उन्हें राजमा जरुर खाना चाहि, क्यूंकि इसमें सभी तरह के पोषक तत्व पाये जाते हैं। डायबटीज को कंट्रोल करे:- राजमा में मौजूद फाइबर शरीर में मेटाबॉलिज्म मेन्टेन करता है। ये कार्बोहा

मेरा नाम कंचनलता है

मैं और सुब्रोतो मुखर्जी लंदन के किंग एडवर्ड मेडिकल कालेज के क्लासमेट थे मैं आदित्य नारायण झा पटना का निवासी था, मेरे पिता आनंद नारायण झा पटना हाईकोर्ट के मशहूर बैरिस्टर थे, सुब्रोतो बंगाल के नदिया जिले का निवासी था पर उसका परिवार कई दशकों से कलकत्ता में अपनी खानदानी कोठी मे रहता था सुब्रोतो के पिता नारायण मुखर्जी नदिया जिले के बहुत बड़े जमींदार थे पर पिछले बीस सालों से अजीबो-गरीब बीमारी से परेशान थे, हमारे थर्ड ईयर के पेपर हो चुके थे कालेज बंद होने वाला था हम लोग अपने घर लौटने की सोच ही रहे थे तभी सुब्रोतो के घर से तार आया कि पिता जी तबीयत बहुत खराब है। तुरंत घर आ जाओ तार पाकर सुब्रोतो घबरा गया मैंने उसे ढाढस बंधाया चिन्ता ना करो सब ठीक हो जायेगा उसने मुझसे रिक्वेस्ट की कि मैं भी उसके साथ कलकत्ता चलूँ जिससे उसकी हिम्मत बंधी रहे, मैं उसे मना नही कर सका मैंने अपने घर सूचना दी कि मैं महीने भर के लिये दोस्त के घर कलकत्ता जा रहा हूँ लौटकर घर आऊंगा अगले हफ्ते हम कलकत्ता पहुंचे जहाँ के चायना टाउन ईलाके मे उसकी विशाल दुमंजिली शानदार कोठी थी घर का माहौल बड़ा उदास था सबने हमारी खूब खातिरदारी की शा

हृदय सुरक्षित तो जीवन सुरक्षित

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देवती वी.के. मेमोरियल मेडिकल एवं कार्डियक सेन्टर रायबरेली के हृदय रोग विशेषज्ञ एवं फिजिशियन डा. मनीष मिश्र ने बताया कि विश्व के लोगों को हृदय रोग के प्रति जागरूक करने के मकसद से संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2000 में हर साल विश्व हृदय दिवस को मनाने का निर्णय लिया। पहले इसे सितम्बर के अंतिम रविवार को विश्व हृदय  दिवस के रूप में मनाया जाता था। लेकिन 2014 से इसे 29 सितम्बर के दिन ही मनाये जाने का निर्णय लिया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार हृदय रोग हर साल 17.7 मिलियन लोगों की जान लेता है। जो विश्व में 31 प्रतिशत मृत्यु का कारण है। तथा वर्ष 2030 तक इन आंकड़ो में 23 मिलियन की वृद्धि होने की संभावना है।  हृदय रोगियों की संख्या भारत में लगातार बढ़ रही है जोकि चिंता का विषय है। इसलिए अब 30 साल के ऊपर के सभी लोगों केा हाईपर टेंशन और डायबिटीज के स्क्रीनिंग की सलाह दी जा रही है। इसका प्रमुख कारण बदलती लाइफ स्टाइल, जंक फूड और ध्रूमपान है। युवा पीढ़ी का झुकाव इस ओर ज्यादा होने के चलते यह बीमारी कम उम्र में घेर ले रही है। क्या आप जानते है:- आपका दिल एक मिनट में 72 बार और 24 घण्टे में 100800 बार धड़कता है

खेलकूद से बच्चों का स्वास्थ्य ठीक रहता

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड शाखा में चार दिवसीय द्वितीय नेशनल सी.आई.एस.सी.ई. क्रिकेट टूर्नामेन्ट का आयोजन सी.एम.एस. कानपुर रोड में किया गया है। काउन्सिल फाॅर द इण्डियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सी.आई.एस.सी.ई.) के तत्वावधान में 27 से 30 सितम्बर 2019 तक सी.एम.एस. कानपुर रोड शाखा में आयोजित इस प्रतियोगिता में देश भर के सी.आई.एस.सी.ई. स्कूलों के छात्र भाग ले रहे। इस क्रिकेट टूर्नामेन्ट का भव्य उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित प्रदेश के खेल मंत्री श्री उपेन्द्र तिवारी ने किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. के संस्थापक तथा प्रख्यात् शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी व डा. (श्रीमती) भारती गांधी, डा. जी. इमेनुएल, चेयरमैन, सी.आई.एस.सी.ई., श्री रिचर्ड एलिस, एजुकेशन आॅफिसर एवं आॅब्जर्वर आॅफ द अण्डर-19 सी.आई.एस.सी.ई. क्रिकेट टूर्नामेन्ट, नई दिल्ली, श्री कार्तिकेयन रवि, स्पाॅटर आॅफ द्वितीय नेशनल अण्डर-19 सी.आई.एस.सी.ई., क्रिकेट टूर्नामेन्ट, नई दिल्ली तथा सी.एम.एस. कानपुर रोड शाखा की वरिष्ठ प्रधानाचार्या डा. विनीता कामरान आदि उपस्थित थे। सी.एम.एस. कानपुर रोड शाखा के छात्रों ने उपस्थित अथितियों एवं टी

रामदाना शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है

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अक्‍सर उपवास के दौरान लोग राजगिरा, चैलाई, रामदाने के आटे से तैयार पूड़ी-पराठा या अन्‍य चीजें बना कर सेवन करते हैं। राजगिरा अनाज नहीं है इसलिये लोग इसे उपवास के दिनों में खाते हैं। यह स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक गुणों से भरा हुआ है और शरीर को ताकत देता है। इसमे गेंहू के मुकाबले 5 गुना आयरन और 3 गुना फाइवर होता है। यह भूख को मिटाता है। इसके बने लड्डू भी चाव से खाते हैं। सिर्फ स्वाद ही नहीं सेहत से जुड़े बेशकीमती फायदे भी देता है राजगिरा (रामदाना)। आप भी जानिए इसके मिलने वाले सेहत लाभ:- 1 राजगिरा प्रोटीन, आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, पोटेशियम, एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन ई और विटामिन सी से भरपूर है। इसमें गेहूं की अपेक्षा तीन गुना अधिक फाइबर और 5 गुना अधिक आयरन होता है। इतना ही नहीं, इसमें दूध या अन्य अनाज के मुकाबले दोगुना कैल्‍शियम होता है।  2 राजगिरा हड्ड‍ियों को मजबूत करता है और ऑस्ट‍ियोपोरोसिस जैसी समस्याओं से आपको बचाता है। इसमें मौजूद भरपूर कैल्शियम हड्ड‍ियों के लिए बेहद फायदेमंद है। 3 राजगिरे को अनाज नहीं माना जाता, इसलिए इसका प्रयोग उपवास में करते हैं। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता

राहू जन्य कष्ट और उसके उपाय

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राहू और केतु अन्य ग्रहों की भांति ही है, राहु और केतु को छाया ग्रह कहा जाता है, दक्षिण भारत में तो लोग राहूकाल में कोई कार्य भी नहीं करते हैं। एक पौराणिक आख्यान के अनुसार दैत्यराज हिरण्य कशिपु की पुत्री सिंहिका का पुत्र स्वरभानु था, उसके पिता का नाम विप्रचित था। देवासुर संग्राम में राहू भी भाग लिया समुद्र मंथन के फलस्वरूप प्राप्त चैदह रत्नों में अमृत भी था, जब विष्णु सुन्दरी का रूप धारण कर देवताओं को अमृत पान करा रहे थे, तब राहू उनका वास्तविक परिचय और वास्तविक हेतु जान गया। वह तत्काल माया से रूप धारण कर एक पात्र ले आया और अन्य देवतागणों के बीच जा बैठा, सुन्दरी का रूप धरे विष्णु ने उसे अमृत पान करवा दिया, तभी सूर्य और चन्द्र ने उसकी वास्तविकता प्रकट कर दी, विष्णु ने अपने चक्र से राहु का सिर काट दिया, अमृत पान करने के कारण राहु का सिर अमर हो गया,उसका शरीर कांपता हुआ गौतमी नदी के तट पर गिरा, अमृतपान करने के कारण राहु का धड भी अमरत्व पा चुका था। देवता ने शंकरजी से उसके विनाश की प्रार्थना की, शिवजी ने राहू के संहार के लिये अपनी श्रेष्ठ चंडिका को मातृकाओं के साथ भेजा, सिर देवताओं ने अपने पास