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भगवान महावीर का 2623वां जन्मजयंती महोत्सव श्रद्धा-उत्साह के साथ मनाया गया

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- राजेन्द्र जैन, ब्यूरो चीफ बुन्देलखण्ड  जनपद ललितपुर में जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर का 2623वां जन्मजयंती महोत्सव जैन मंदिरों में श्रद्धा-उत्साह के साथ मनाया गया। सुबह नगर में प्रभातफेरी निकाली गई और श्रीजी का अभिषेक हुआ। श्रद्धालुओं ने तीर्थंकर बालक का पालना झूला भक्तिपूर्वक किया। धर्मप्रभावना वाहन रैली निकली, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुये। प्रातःकाल सावरकर चैक स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन अटामंदिर एवं गांधीनगर आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर से प्रभातफेरी निकली, जिसमें सुधासागर कन्या इंटर कालेज, पब्लिक स्कूल, शांतिसागर जूनियर हाईस्कूल, महावीर बाल विद्या मंदिर, आचार्य विद्यासागर पाठशाला अटामंदिर, चंद्रप्रभु जिनालय डोढाघाट, नयामंदिर, बड़ामंदिर, अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र क्षेत्रपाल मंदिर, श्री आदिनाथ मंदिर नईबस्ती, श्री शांतिसागर पाठशाला के बच्चों के साथ दिगंबर जैन महिला मंडल, साधू वैयावमत्ति महिला मंडल, विद्या आदर्श महिला मंडल, नंदा सुनंदा महिला मंडल शामिल हुए। इसके अलावा सुधासिंधू महिला मंडल, पूर्णमति महिला मंडल, चंद्रप्रभु महिला मंडल नयामंदिर, जैन मिलन अरहंत शाखा, चंदप

ए स्ट्रेंज केस आफ रिकरानेंशन

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-डा. डी.एस. परिहार  जान और फ्लोरेंस पोलक इंग्लैंड में एक किराना और दूध व्यवसायी थे। जान पोलक का जन्म 1920 में ब्रिस्टल, इंग्लैंड में हुआ था और उनका परिवार रोमन कैथोलिक था। उनकी दो बेटियां थीं, उनकी पहली बेटी, जोआना, का जन्म 25 मार्च, 1946 को ब्रिस्टल मे हुआ था, जब जोआना 4 साल की थी, तो परिवार विकहैम शहर के हेक्सहैम गांव चला गया। वहां 13 अप्रैल, 1951 को उनकी दूसरी बेटी जैकलीन का जन्म हुआ। जोआना और जैकलिन एक-दूसरे के बहुत करीब थी जब जैकलिन 3 साल की थी, तो उसके माथे पर एक बाल्टी के उपर गिरने के कारण चोट लग गई। जिसके लिए 3 टांके लगाने पड़े। परिणामस्वरूप एक निशान बन गया। जो उसके दाहिने माथे पर उसकी नाक की जड़ के पास स्थित था। जोआना को छोटे नाटक लिखना और निर्माण करना पसंद था, 5 मई, 1957 को दोनों लड़कियां संडे स्कूल में भाग लेने के लिए चर्च की ओर जा रही थीं। अचानक, एक महिला ने अपनी बेकाबू कार से उन बहनों को टक्कर मार दी और उनकी तुरंत मौत हो गई। जब उनकी मृत्यु हुई तब जोआना 11 वर्ष की थी और जैकलिन 6 वर्ष की थी। अपनी बेटियों की मृत्यु के बाद, फ्लोरेंस ने लड़कियों के खिलौने व अन्य सामान को स्टोररूम म

शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सम्पन्न कराने में अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण: डा. रोशन जैकब

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कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभाकक्ष रायबरेली में लखनऊ मण्डल की मण्डलायुक्त डा. रोशन जैकब तथा आईजी तरूण गाबा ने अधिकारियो को निर्देश दिये कि लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 को निष्पक्ष व भय रहित सम्पन्न कराने की सभी आवश्यक तैयारियों को सुदृढ़ रखा जायें। यदि कहीं कोई कमी हो उसे तत्काल दुरूस्त कर सभी तैयारियां चाक चैबंद रखी जायें। कानून एवं शांति व्यवस्था, वल्नरेबिलिटी, संवेदनशील एवं अति संवेदनशीलता क्षेत्रों को एसडीएम, सीओ तथा सम्बंधित टीमें संयुक्त रूप से भ्रमण कर कमियों को दूर कर ले। उन्होंने निर्देश दिये कि जनपद में शांतिपूर्ण, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सम्पन्न कराने में निर्वाचन कार्य में लगे अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अतः वे अपने दायित्वो का पूरी जानकारी रखते हुए निर्वाचन कार्य को निष्पक्ष व निर्भीक होकर सम्पन्न कराये तथा मतदान केन्द्रों एवं मतदेय स्थलों (पोलिंग बूथ) पर  मतदाताओं एवं मतदान कर्मियों के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया करायें। मण्डलायुक्त ने कहा मजिस्ट्रेट व क्षेत्राधिकारी अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशो का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराये। नि

सी.एम.एस. कैम्ब्रिज सेक्शन, गोमती नगर एक्सटेंशन ने जीती बास्केटबॉल चैम्पियनशिप

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर एक्सटेशन कैम्पस लखनऊ के कैम्ब्रिज इण्टरनेशनल के तत्वावधान में दो दिवसीय अन्तर-विद्यालयी बास्केटबॉल प्रतियोगिता आज सम्पन्न हो गई। इस प्रतियोगिता में मेजबान सी.एम.एस. कैम्ब्रिज गोमती नगर एक्सटेंशन के छात्र खिलाड़ियों ने ओवरऑल चैम्पियनशिप जीतकर अपनी खेल प्रतिभा का परचम लहराया। प्रतियोगिता के समापन अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि पधारे अन्तर्राष्ट्रीय बास्केटबॉल खिलाड़ी श्री अनूप शुक्ला ने विजेता छात्र टीम को ट्राफी प्रदान कर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्री शुक्ला ने सी.एम.एस. छात्रों की खेल प्रतिभा की भूरि-भूरि प्रशंसा की। सी.एम.एस. गोमती नगर एक्सटेंशन कैम्पस की वरिष्ठ प्रधानाचार्या सुश्री मंजीत बत्रा ने सभी प्रतिभागी छात्र टीमों का आभार व्यक्त करते हुए खेल भावना को बढ़ावा देने का आह्वान किया। प्रधानाचार्या श्रीमती संगीता बनर्जी ने भी प्रतिभागी छात्रों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दो दिवसीय अन्तर-विद्यालयी बास्केटबॉल प्रतियोगिता का शुभारम्भ 22 अप्रैल को राष्ट्रीय स्तर के बास्केटबॉल खिलाड़ी श्री आशीष सिंह द्वारा किया गया, जिसका आज समापन हुआ। प्रति

ओपेन डे समारोह का भव्य आयोजन

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अशर्फाबाद कैम्पस लखनऊ द्वारा विद्यालय प्रांगण में आयोजित ‘ओपेन डे एवं पैरेन्ट्स ओरिएन्टेशन समारोह’ में जहाँ एक ओर अभिभावक सी.एम.एस. की अनूठी ब्राडर एण्ड बोल्डर शिक्षा पद्धति से रूबरू हुए तो वहीं दूसरी ओर छात्रों की अपने अभिभावकों के समक्ष बहुमुखी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन किया। सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. भारती गाँधी ने समारोह का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में डा. गाँधी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि छात्रों को भौतिक, सामाजिक और आध्यात्मिक, तीनों प्रकार की शिक्षा प्रदान कर उसका सर्वांगीण विकास किया जाए एवं उनमें इतना आत्मबल भरना है कि वे आने वाले कल की सभी चुनौतियों का सामना कर सकें। समारोह का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शांति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार-चांद लगा दिये। ब्रेन टीजर, स्टोरी राइटिंग, मैथ्स मानिया, आर्ट एण्ड क्राफ्ट, लिटरेरी लाइव्स, पपेट शो आदि विभिन्न कार्यक्रमों में छात्रों का उत्साह देखते ही बनता था जिसके माध्यम से छात्रों क

मंगल को जन्में मंगल ही करते मंगलमय ‘हनुमान‘

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हनुमान जयंती - चित्रकूट में ही हनुमान जी महराज ने संत तुलसीदास को श्रीराम जी के कराए थे दर्शन -काशी से चित्रकूट में आकर बाबा तुलसी को हुयेे थे श्रीराम जी के दर्शन   - आज भी रामघाट पर मौजूद है पीपल का साढे पांच सौ वर्ष से ज्यादा पुुराना वृक्ष संदीप रिछारिया चित्रकूट गिरि करहु निवासू ताहिं तुम्हार सुफल सब बासू इस चौपाई का अर्थ यह है कि प्र्रयागराज को बसाने वाले महर्षि भारद्वाज ने श्री राम को माता जानकी के साथ भैया लक्ष्मण को वनवासकाल में चित्रकूट निवास करने के लिए कहा। दूसरा प्रकरण श्रीराम भक्त शिरोमणि चिंरजीवी अंजना माता के सुपुत्र हनुमानजी महराज ने श्री राम के दर्शनों के लिए व्याकुल संत तुलसीदासजी महराज को चित्रकूट की राह दिखाई। गोेस्वामी जी को चित्रकूट में भगवान श्री राम के दर्शन एक नही दो बार हुये, संत तुलसीदास जी महराज ने श्री रामजी के मस्तक पर तिलक लगाया और सबसे बड़ी बात तो यह है कि भगवान से भक्त को परिचय कराने वाले कोई दूूसरे नहीं बल्कि बजरंगबली ही थे। तभी से चित्रकूट का परिचय इसी दोहे से दिया जाता हैं चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़, तुलसीदास चंदन घिसैं तिलक देत रघुुवीर। वैसे तो

पूर्वजंम मे भी परस्पर संबधी होते है जुड़वा बच्चे

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- डा. डी.एस. परिहार यह इस विषय पर लिखा गया विश्व का संभवतः पहला लेख है। जुड़वा बच्चों के जंमाकों पर काम करते हुये एक सवाल दिमाग में उभरा कि जब परिवार के लगभग सभी सदस्यों का परस्पर पूर्व जन्म का गहरा रिश्ता होता है। तो क्या जुड़वा बच्चों का भी गत जन्म का परस्पर कोई घनिष्ठ संबध होता है। इस संदर्भ मे मैंने कुछ ऐसे केसेस का अध्ययन किया जिनमे जुडव़ा बच्चों के गत जन्म के जंमाक या उनके व्यक्तिगत संपूर्ण विवरण उपलब्ध था। इन सभी केसेस मे जुड़वा बच्चे गत जन्म मे भी परस्पर जुड़ा भाई अथवा बहनें या अन्य संबध पाये गये। यद्यपि यह कोई अंतिम निष्कर्ष नही है। हो सकता है। कुछ जुडव़ा जातकों का परस्पर कोई संबध ना होता हो या वे परस्पर अजनबी रहे हो या वे गत जन्म मे ना सही पर तीन चार जन्म पूर्व संबधी रहे हों। इस विषय पर और रिसर्च करने की आवश्यकता है, जिसे भविष्य के विद्वान पूरा करेंगे।  गत जन्म मे भी जुड़वा भाई उत्तर प्रदेश के फरूखाबाद जिले के कन्नौज कस्बे से 13 किमी दूर जसौदा स्टेशन के पास एक किमी दूर गंगा किनारे बसे गांव श्याम नंगला मे प. रामस्वरूप शर्मा व उनकी पत्नी कपूरी देवी के घर 1965 मे श्रावण माह की कृष्ण