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बारह वर्ष की आयु में उमराई यादव ने थामा था तिरंगा

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स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी उमराई यादव की 40वीं पुण्य तिथि  रायबरेली,  सपा कार्यालय में संकल्प दिवस के रूप में मनायी गयी।  इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष इं. वीरेन्द्र यादव ने कहा कि उमराई यादव 12 वर्ष की आयु में श्रीमती इंदिरा गांधी के साथ वानर सेना में शामिल होकर सत्याग्रह किया और जेल यात्रा प्रारम्भ की।  वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एल. पाल ने कहा कि उमराई यादव के पिता महावीर यादव 7 जनवरी 1921 को मुंशीगंज गोलीकांड में घायल हुए थे।  समाजवादी व्यापार सभा के जिलाध्यक्ष मुकेश रस्तोगी ने कहा कि 6 जनवरी 1921 को उमराई यादव के ससुर, सास व 9 वर्षीय पति ब्रिटिश हुकूमत से बगावत करने में जेल गये।  नगर पालिका परिषद के पूर्व चेयरमैन हाजी मो0 इलियास ने कहा कि हमने अपने अध्यक्षीयकाल में उनके नाम पर इन्दिरा नगर की सड़क का नामकरण किया था, आवश्यकता है कि उनकी स्मृति में बड़ा काम किया जाय।  वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक मिश्रा ने कहा कि आज समय आ गया है कि काले अंग्रेजों के खिलाफ बगावत हो। सतीश मिश्रा ने कहा कि वर्तमान सरकार झूठ बोलकर जनता को गुमराह कर रही है, इसके विरूद्ध आन्दोलन किया जाये।  ग्राम प्रधान नरेन्द्र सिंह ने क

अंतरराष्ट्रीय वैश्य अग्रहरी समाज

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डीह रायबरेली, डीह सुंदर गंज चौराहा स्थित अंतरराष्ट्रीय वैश्य अग्रहरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय अग्रहरि का अग्रहरि समाज के लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया जय अग्रसेन के नारों के साथ उनका माल्यार्पण किया l अध्यक्ष पवन अग्रहरी ने माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया गुजरात से चलकर डीह की धरती पर आने से सजातीय बंधुओं में खुशी की लहर दौड़ गई इतनी दूर से आए समाज के अध्यक्ष श्री अजय अग्रहरि से मिलकर सभी अग्रहरी बंधुओं खुशी से उनके गले ललग लिए l राष्ट्रीय अध्यक्ष ने व्यापारियों के एवं समाज के लोगों से इतना खुश थे कि उन्होंने कहा कि जहां पर भी मेरी जरूरत पड़ेगी हमें याद करिएगा मैं समाज के साथ  कंधे से कंधा मिलाकर चल कर उनका साथ निभाएंगे और डीह अग्रहरी समाज के लोगों को एवं पूरे प्रदेश एवं देश के सजातीय बंधुओं का दिल से पूरी मदद करने की कोशिश करूँगा l  उन्होंने कहा कि गरीब बेटियों की शादी निर्धन व्यक्तियों का आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए  समाज के हर व्यक्ति को आगे आना चाहिए जिससे समाज का उत्थान हो सके,और कहा कि मैं अग्रहरि समाज को बैकवर्ड में ले जाने के लिए पूर्व जोर समर्थन करता हूं एवं हाईकोर्ट

सारे मतभेद भुलाकर ब्राहमण एकजुट हो, तभी उत्थान संभव- कुल्लू महाराज

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यू पी चीफ रामकुमार वैष्णो ललितपुर । कस्बा जखौरा स्थित श्री सिद्ध क्षेत्र राखपंचमपुर की धरा पर ब्राह्मण मिलन सम्मान समारोह जिला पंचायत सदस्य एवं अखिल भारतीय ब्राहमण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष पं लीलाधर दुबे कुल्लू महाराज की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। जिसमें हजारों की संख्या में विप्रजनों ने सहभागिता दिखायी। कार्यक्रम में बाहर से आये मुख्य अतिथियों को सम्मानित किया गया। साथ ही समाज को एक सूत्र में पिरोने के लिए एकजुटता का मंत्र दिया गया। कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर सर्वप्रथम भगवान श्री परशुराम जी के चित्र के समक्ष मंत्रोचारण के साथ दीपप्रज्जवलित कर पुष्प अर्पित किये गये। इस मौके पर अखिल भारतीय ब्राहमण महासभा प्रदेशाध्यक्ष व वर्तमान जिला पंचायत सदस्य पं. लीलाधर दुबे कुल्ल्लू महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि ब्राहमणों को अब एकजुटत होना चाहिए। सरकारें केवल और केवल ब्राहमणों को अपने वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती आयीं हैं। सबसे ज्यादा अत्याचार यदि किसी जाति पर हुये हैं, तो वह ब्राहमण है। देखा जाए तो ब्राहमण की आर्थिक स्थिति बहुत दयनीय है। यह बात किसी से छिपी नही है। सारे गिले शिकवे भुलाक

21वीं सदी के रोल मॉडल स्कूल के रूप में सिटी मोन्टेसरी स्कूल (सीएमएस), लखनऊ ने सारे विश्व में अपनी अलग पहचान बनायी है!

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  डॉ . जगदीश गाँधी , शिक्षाविद् एवं संस्थापक - प्रबन्धक , सिटी मोन्टेसरी स्कूल , लखनऊ (1) शिक्षा द्वारा सारी वसुधा को कुटुम्ब बनाने का सीएमएस का अनूठा अभियान :-                 सिटी मोन्टेसरी स्कूल , लखनऊ की नींव मेरी पत्नी डॉ . भारती गाँधी तथा मैंने मिलकर 1 जुलाई 1959 को किराये के मकान में पड़ोसी से 300/- रूपये उधार लेकर डाली थी। वर्ष 1959 में 5 बच्चों से शुरू हुए इस विद्यालय में आज लखनऊ शहर में स्थित 18 शाखाओं में 55,000 ( पचपन हजार ) से अधिक छात्र - छात्रायें मोन्टेसरी से लेकर इण्टरमीडिएट कक्षाओं में अध्ययनरत् हैं। सीएमएस द्वारा अपनी स्थापना के समय से ही ‘ जय जगत ’ को ध्येय वाक्य के रूप में अपनाया गया है। इस विद्यालय के सभी छात्र , टीचर्स एवं स्टॉफ के सभी सदस्य एक - दूसरे को जय - जगत कहकर अभिवादन करते हैं। जय जगत के पीछे भावना यह है कि विश्व का प्रत्येक व्यक्ति परमात्मा की राह पर चले तो किसी की भी पराजय नहीं होगी बल्कि सबकी जय होगी अर्थात सारे जगत का