मझधार में फंसे चित्रकूटियों को खेवनहार की तलाश

बड़ा मुद्दा दो प्रांतों की सीमाओं के कारण दर्द है गहरा जल्द ही होगी बड़ी बैठक, संत भरेगें हुकार योगी जी ने किया था वादा, शिवराज जी ने दिया था आश्वासन - संदीप रिछारिया त्रिदेवों की अरण्य स्थली, सप्तऋषियों की प्रकट भूमि, श्रीराम की तपस्थली, महासती अनुसुइया जैसी ऋषिकाओं के स्नेह से अभिसिंचित पुण्यभूूमि श्रीचित्रकूटधाम को चिंताओं को हरण का केंद्र माना जाता है। विश्व भर से लोग यहां पर आकर अपनी श्रद्धा प्रकट कर कामनाओं के निवारण में लिए माथा टेकते हैं, उनकी मनौंतियां पूूरी भी होती है। लेकिन लेकिन मनौंतियों को पूरा करने वाले श्री कामदगिरि खुद ही समस्याओं का शिकार हैं। उनकी समस्या दो प्रदेशों में विभक्त उनकी सीमाएं हैं। हैरत की बात यह है कि राजनेताओं ने उनकी समस्या को लेकर मजाक तो खूब उड़ाया लेकिन कभी समाधान का प्रयास नही किया। समाधान का पहला बड़ा प्रयास श्री कामदगिरि प्रमुख द्वार के गोलोकवासी महंत पूज्य प्रेम पुजारी दास जी महराज ने किया, उनको काफी हद तक सफलता भी मिली, पर मण्डल-कमण्डल के हितैषी पूूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने ऐसा चक्कर चलाया कि मामला वही ढाक के तीन पात हो गया। ...