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छात्रा को 96,000 अमेरिकी डालर की स्कॉलरशिप

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल , गोमती नगर ( प्रथम कैम्पस )  लखनऊ की छात्रा समृद्धि श्रीवास्तव को उच्चशिक्षा हेतु अमेरिका की प्रतिष्ठित हॉफ्स्ट्रा यूनिवर्सिटी द्वारा 96,000 अमेरिकी डालर की स्कॉलरशिप से नवाजा गया है। समृद्धि को यह स्कॉलरशिप चार वर्षीय उच्चशिक्षा अवधि के दौरान प्रदान की जायेगी। समृद्धि ने इस सफलता का श्रेय सी . एम . एस . के अपने शिक्षकों व विद्यालय के शान्तिपूर्ण शैक्षिक वातावरण को दिया है। सी . एम . एस . संस्थापक डा . जगदीश गाँधी ने सी . एम . एस . छात्रा की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की है। सी . एम . एस . एस . ए . टी . ( सैट ) एवं एडवान्स प्लेसमेन्ट ( ए . पी .) टेस्ट सेन्टर भी है जो उत्तर प्रदेश एवं आसपास के अन्य राज्यों के छात्रों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में स्कॉलरशिप के साथ उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर उपलब्ध करा रहा है।प्रतिवर्ष भारी संख्या में सी . एम . एस . छात्र विश्व के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों म

निर्माण कार्य में गुणवत्ता व मानकों का पूरा ध्यान रखा जाए: मनोज कुमार सिंह

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- ए.जे.के. ‘जिमीबाबा’ विकासखण्ड औरास की ग्राम पंचायत मिर्जापुर अजिगांव का कृषि उत्पादन आयुक्त तथा अपर मुख्य सचिव पंचायतीराज, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन  मनोज कुमार सिंह द्वारा जिलाधिकारी उन्नाव श्रीमती अपूर्वा दुबे की उपस्थिति में स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान ग्राम पंचायत अजिगांव में कृषि उत्पादन आयुक्त द्वारा वाटर ट्रीटमेन्ट तथा विलेज सैनीटेशन केन्द्र, ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन केन्द्र, निर्माणाधीन नाली, रिर्सोस रिकवरी केन्द्र, सामुदायिक नैडप, ग्राम में जल निकासी की व्यवस्था आदि का जायजा लिया गया। इस मौके पर आयुक्त द्वारा ग्राम के कूड़ा निस्तारण, शौचालय, साफ-सफाई, पेयजल व्यवस्था आदि के संबंध में जिला पंचायतराज अधिकारी से विस्तृत जानकारी ली गयी। उन्होंने निर्देश दिए कि ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन केन्द्र में ग्राम से कलैक्ट किए गए सूखे एवं गीले कूड़े का प्रापर निस्तारण किया जाए। स्वयं सहायता समूह कूड़े के निस्तारण द्वारा वर्मी कम्पोस्ट, अन्य रिसाइकल उत्पाद आदि बनाकर इसे आर्थिक रूप से उपयोगी बना सकते हैं। निर्माणाधीन नाली के निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा, ग्रा

विश्व के प्रत्येक बच्चे को एक विश्व भाषा का ज्ञान होना चाहिए!

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(1) बच्चों को मातृ भाषा व राष्ट्र भाषा के साथ ही विश्व भाषा का ज्ञान कराना चाहिए :-                 संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर 21 फरवरी को अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाया जाता है। 17 नवंबर , 1999 को यूनेस्को ने इसे स्वीकृति दी। सन् 2008 को अन्तर्राष्ट्रीय भाषा वर्ष घोषित करते हुए , संयुक्त राष्ट्र आम सभा ने अन्तर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के महत्व को फिर दोहराया है। विश्व के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी मातृ भाषा अर्थात श्रेत्रीय भाषा का ज्ञान स्वतः हो जाता है। इसके बाद राष्ट्र की भाषा का ज्ञान होना चाहिए। इसके बाद विश्व की भाषा का ज्ञान होना चाहिए। ताकि वैश्विक समाज में वह अपने विचारों का आदान - प्रदान आसानी से कर सके। (2) विश्व भाषा अंग्रेजी का ज्ञान बच्चों को बाल्यावस्था से कराना चाहिए :-                 आपसी सम्पर्क , विश्वव्यापी समझदारी तथा परामर्श के लिए संसार की एक विश्व भाषा चाहिए। संयुक्त राष्ट्र संघ ने छः भाषाओं अरबी , चीनी , अंग्रेजी , फ्रेन्च