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अपनी कलम को हथियार के रूप में चुना

तिलक समाज सुधारक, स्वतंत्रता सेनानी, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री, पत्रकार और भारतीय इतिहास के विद्वान थे। वह लोकमान्य नाम से मशहूर थे। तिलक का जन्म 23 जुलाई, 1856 को महाराष्ट्र के रत्नागिरि में हुआ था। तिलक के पिता श्री गंगाधर रामचंद्र तिलक संस्कृत के विद्वान और प्रसिद्ध शिक्षक थे। तिलक एक प्रतिभाशाली छात्र थे। वह अपने कोर्स की किताबों से ही संतुष्ट नहीं होते थे। गणित उनका प्रिय विषय था। वह क्रेम्बिज मैथेमेटिक जनरल में प्रकाशित कठिन गणित को भी हल कर लेते थे। तिलक का मानना था कि अच्छी शिक्षा व्यवस्था ही अच्छे नागरिकों को जन्म दे सकती है। उन्होंने बी.ए. करने के बाद एल.एल.बी. की डिग्री भी प्राप्त कर ली। वह भारतीय युवाओं की उस पहली पीढ़ी से थे, जिन्होंने आधुनिक काॅलेज एजुकेशन प्राप्त की थी।   तिलक को उनके दादा श्री रामचन्द्र पंत जी 1857 को हुए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के किस्से सुनाते थे। इसका प्रतिफल यह हुआ कि तिलक ने बचपन से ही देश की तत्कालीन परिस्थितियों पर चिन्तन करना शुरू कर दिया। तिलक के अन्दर यह योग्यता विकसित हुई कि राष्ट्र को एक सूत्र में कैसे पिरोया जा सकता है? जीवन के सबसे जरूरी समय म

क्वालिटी यूथ इनीसिएटिव समिट

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल का कानपुर रोड कैम्पस एवं अलीगंज (प्रथम कैम्पस), खनऊ का 23 सदस्यीय दल माॅरीशस में आयोजित 'क्वालिटी यूथ इनीसिएटिव समिट' में प्रतिभाग कर स्वदेश लौट आया। इस सम्मेलन के दौरान सी.एम.एस. छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में 12 पुरस्कार अर्जित कर देश का नाम रोशन किया। स्वदेश वापसी पर इस छात्र दल का विद्यालय के शिक्षकों व अभिभावकों ने भव्य स्वागत किया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन माॅरीशियन सोसाइटी फाॅर क्वालिटी कन्ट्रोल सर्किल एवं माॅरीशियन चैप्टर आॅफ द वल्र्ड काउन्सिल फाॅर टोटल क्वालिटी एण्ड एक्सीलेन्स इन एजुकेशन के संयुक्त तत्वावधान में माॅरीशस में आयोजित हुआ, जिसमें विश्व के कई देशों के बाल प्रतिनिधियों व क्वालिटी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।  श्री शर्मा ने बताया कि सम्मेलन के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में सी.एम.एस. छात्रों ने अपने ज्ञान-विज्ञान व रचनात्मक का शानदार प्रदर्शन कर देश का नाम रोशन किया। जहाँ एक ओर सी.एम.एस. कानपुर रोड कैम्पस के छात्रों ने केस स्टडी, कवि सम्मेलन सीनियर, कवि

बालिकाएं सशक्त व निडर भी बने

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बालिका सुरक्षा जागरूकता अभियान के तहत पूरे जनपद में बालिका सुरक्षा जागरूकता की विभिन्न स्कूलों एवं कालेजों में आदि में पूरे माह धूम रही। 01 जुलाई से 31 जुलाई तक चलने वाले जागरूकता कार्यक्रम का समापन शहर के सरस्वती बालिका इण्टर कालेज के अतिरिक्त कई विद्यालयों एवं स्थानों पर में किया गया। सरस्वती बालिका इण्टर कालेज, रायबरेली में आयोजित महिला थाना प्रभारी संतोष सिंह, महिला शक्ति केन्द्र की शेफाली सिंह, जिला समन्वयक पूजा शुक्ला, सुषमा कश्यप, अंजना सिंह, शिक्षक एस.एस. पाण्डेय आदि ने बालिकाओं को जागरूक किया। बालिका सुरक्षा जागरूकता हेतु प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कानून योजनाए सुविधाए प्रदान की गई आदि की जानकारी जहां दी गई वही महिलाए व बालिकाए को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को भली-भांति जानकारी होनी चाहिए ताकि उनको योजनाओं से लाभान्वित के लिए किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न कराना पड़े। महिला हेल्पलाइन 181, वीमेन पावर हेल्पलाइन 1090, 1098 डायल 100, वन स्टाप सेन्टर, बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओं, 112 एमेरजन्सी, कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 आदि योजना/कार्यक्रम महिलाए/ब

रिसर्च मीडिया ग्रुप ने मुंबई में डिविजनल ऑफिस शुरू किया

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रिसर्च मीडिया ग्रुप के चेयरमैन चैतन्य जंगा ने मुंबई के अंधेरी (पश्चिम) में शानदार तरीके से मुंबई में अपना डिविजनल ऑफिस शुरू किया। जिसमें 15 से 19 अक्टूबर को इजराइल में अपने होने वाले इंडो इजराइल कल्चरल फेस्टिवल की जानकारी दी। एमबीए स्नातक चैतन्य जंगा ने 27 वर्ष पहले विजयवाड़ा से रिसर्च मीडिया ग्रुप कंपनी को शुरू करके कंपनी को बुलंदियों पर पहुंचाया। विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, हैदराबाद, चेन्नई, गोवा और यहां तक कि दुबई, मलेशिया, बैंकॉक, श्रीलंका, यूएसए में कंपनी की व्यावसायिक शाखाएं हैं। कंपनी का 572 करोड़ रुपए का टर्नओवर है। उन्होंने देश भर के सैकड़ों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए। वे अपनी कंपनी के जरिये 60 हजार से ज्यादा लोगों को मॉडलिंग, टीवी शो, विज्ञापन फिल्म, ब्रांडिंग, इवेंट मैनेजमेंट इत्यादि में लोगों को मौका दे चुके है। चैतन्य जंगा एपी फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स के सक्रिय संयुक्त सचिव भी हैं। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान चैतन्य जंगा ने कहा, हम लोग बहुत जल्द एक अंतरराष्ट्रीय सौंदर्य प्रतियोगिता आरएमजी मिस सेलिब्रिटी (इंटरनेशनल) 2020 का आयोजन करेंगे। विशाखापत्तनम या अमरावती में इस भव्य का

जीवन को सफल बनाने के लिए शिक्षा की जरूरत है, डिग्री की नहीं

प्रेमचंद जी का जन्म 31 जुलाई 1880 को वाराणसी केनिकट लमही गाँव में हुआ था। उनकी माता का नाम श्रीमती आनन्दी देवी था। व पिता का नाम मुंशी अजायबराय था। उनके पिता लमही में डाकमुंशी थे। प्रेमचंद 7 साल के थे तभी उन्होंने लालपुर के मदरसा में शिक्षा प्राप्त करना शुरू किया। मदरसा में प्रेमचंद ने मौलवी से उर्दू और फारसी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया। अंग्रेजी, दर्शन, फारसी और इतिहास लेकर इंटर पास किया और बी.ए. पास करने के बाद शिक्षा विभाग के इंस्पेक्टर पद पर कुछ समय तक कार्य किया।   महान लोग वाकई महान होते है हिन्दी जगत के महान लोकप्रिय लेखक मंुशी प्रेमचंद की मानव जाति सदैव ऋणी रहेगी। उन्हें परवाह थी तो बस अपनी कलम की धार की, न फटे जूतों की न ही गरीबी से तंग हाल की। वह साहित्य को सच्चाई के धरातल पर उतारने वाले तथा आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट थे। इस साहित्य जगत के महान सम्राट के जीवन की शुरूआत गरीबी से नंगे पाँव हुई थी।   मुंशी प्रेमचंद आर्य समाज से प्रभावित रहे, जो उस समय का बहुत बड़ा धार्मिक और सामाजिक आंदोलन था। उन्होंने विधवा-विवाह का समर्थन किया और 1906 में दूसरा विवाह अपनी प्

सी.एम.एस. की तीन छात्राएं पी.सी.एस. (जे) में चयनित

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ की तीन मेधावी छात्राओं ने अभी हाल ही में घोषित हुए पी.सी.एस. (जे) के परीक्षा परिणाम में सफलता अर्जित कर सी.एम.एस. का नाम गौरवान्वित किया है। इस प्रतिष्ठित परीक्षा सी.एम.एस. स्टेशन रोड कैम्पस की छात्राएं आयुषी चतुवेदी (77वीं रैंक) एवं उमैमा शाहनवाज (100वीं रैंक) एवं सी.एम.एस. इन्दिरा नगर व महानगर कैम्पस की छात्र वृशाली गुप्ता (391वीं रैंक) ने चयनित होकर विद्यालय के गौरवपूर्ण इतिहास में एक और उपलब्धि जोड़ दी है। इन मेधावी छात्राओं ने अपनी सफलता का श्रेय सी.एम.एस. शिक्षकों के मार्गदर्शन, विद्यालय के प्रेरणादायी शैक्षिक वातावरण एवं अपने माता-पिता के आशीर्वाद को दिया है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने विद्यालय की इन मेधावी छात्राओं की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए विश्वास व्यक्त किया है कि सी.एम.एस. की ये होनहार छात्रा न्यायिक व्यवस्था की मजबूती में रचनात्मक योगदान देगी। इन छात्राओं की सफलता पर पूरे सी.एम.एस. परिवार को गर्व है।  सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि सी.एम.एस. छात्राओं की सफलता पर पूरे

इंडो इजरायल कल्चरल फेस्टिवल के आयोजन के ऐलान

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गन्दी बात से शोहरत हासिल करने वाली एक्ट्रेस अनवेशी जैन और फिल्म संजू में संजय दत्त की बहन प्रिया दत्त का रोल करने वाली एक्ट्रेस अदिति गौतम ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों अभिनेत्रियां मौजूद थीं। जहाँ पर इंडो इजरायल कल्चरल फेस्टिवल के आयोजन के ऐलान के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। जहां यह इस मौके पर मिस्टर मोसेज कुर्मा, देवदास जक्कुला, मिस्टर चैतन्य जंगा और मिस्टर विजय वर्मा भी उपस्थित थे। भारत के मशहूर इवेंट ऑर्गनाइजर युनिवर्सल इवेंट्स रिसर्च मीडिया ग्रुप के सहयोग से इजरायल में इंडो इजरायल फेस्टिवल का आयोजन कर रहे हैं। इस मेगा इवेंट में बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री की कई सेलिब्रिटीज शरीक होंगी। आपको बता दें कि ना केवल फिल्म स्टार्स बल्कि फैशन, मॉडलिंग, आर्ट और कल्चर से जुड़ी विख्यात हस्तियां भी इस अंतरराष्ट्रीय प्रोग्राम में मौजूद होंगी। इजरायल में रह रहे भारतीयों के लिए यह महोत्सव एक बेहतरीन तोहफा होगा। युनिवर्सल इवेंट्स के डायरेक्टर मिस्टर मोसेज कूर्मा ने इस तरह के बड़े फेस्टिवल के आयोजन के बारे में सोचा जो इजरायल में रह रहे भारतीयों के लिए मनोरंजन प्रदान करेगा और आर्ट और कल्चर क

गौवंश संरक्षण केन्द संचालन समिति का गठन

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                                                        जिलाधिकारी रायबरेली, नेहा शर्मा ने जिला पंचायत अधिकारी को निर्देश दिये है कि जनपद में जिला पंचायत द्वारा संचालित गौवंश संरक्षण केन्द्र/कांजी हाउस संचालन समिति का गठन कर दिया गया है। समिति में अध्यक्ष सम्बन्धित जिला पंचायत सदस्य, उपाध्यक्ष सम्बन्धित ग्राम प्रधान, सचिव कार्य अधिकारी जिला पंचायत इसके अलावा 07 नामित सदस्य है। जिनकी जिम्मेदारियां है कि संचालन समिति अपने कर्तव्यों का निर्वहन भली-भांति करें। उन्होंने कार्य अधिकारी (नोडल अधिकारी) गौवंश संरक्षण केन्द्र को निर्देश दिये है कि नोडल विभाग जिला पंचायत के साथ क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी अन्य सभी सदस्यों से समन्वय स्थापित कर संचालन में आ रही कठिनाइयों का गौशाला स्तर पर निराकरण करेंगे। अपरिहार्य अथवा अन्य कारणों के हल न हो पाने के की दशा में अपने विभागीय उच्च अधिकारियों के समक्ष समस्या को संज्ञान में लाकर निराकरण करायेंगे।  जिलाधिकारी ने निर्देश दिये है कि जिला पंचायत से निर्मित कांजी हाउसों के संचालन एवं संरक्षित निराश्रित/बेसहारा गौवंशी पशुओं के भरण-पोषण व प्रबन्धन हेतु शासन

स्वदेश वापसी

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस), लखनऊ का पाँच सदस्यीय छात्र दल आस्ट्रिया में आयोजित एक माह के अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर में प्रतिभाग कर स्वदेश लौट आया। स्वदेश वापसी पर विद्यालय के शिक्षकों एवं अभिभावकों ने इस छात्र दल का भव्य स्वागत किया। सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी  श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर में प्रतिभाग कर स्वदेश लौटे छात्रों में कृष्ण मेहरोत्रा, सारिका यादव, संस्कृति सैगल एवं जसकरन सिंह शामिल हैं जबकि छात्र दल का नेतृत्व विद्यालय की शिक्षिका सुश्री जसप्रीत कौर ने किया। इंग्लैण्ड की ख्याति प्राप्त संस्था 'चिल्ड्रेन्स इण्टरनेशनल समर विलेज' के तत्वावधान में आयोजित इस अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर में कई देशों के छात्रों ने अपने शिक्षकों के नेतृत्व में प्रतिभाग किया एवं विश्व एकता व विश्व शान्ति को बढ़ावा देने वाली अनेकानेक गतिविधियों में सम्मिलित हुए।  श्री शर्मा ने बताया कि आस्ट्रिया से लौटे छात्रों ने बाल शिविर के अपने अनुभवांे के बारे में बड़े ही उत्साह से बताते हुए कहा कि इस शिविर में उन्हें स्नेह, सहयोग एवं प्रेम-एकता से भ

वृक्षारोपण महाकुम्भ

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9 अगस्त को चुनावी पैटर्न (इलेक्शन मोड) पर पूरे प्रदेश में 22 करोड़ पौधों का रोपण किया जाना है तथा जनपद में 2565110 लाख पौधों का रोपण किया जाना है। नेहा शर्मा जिलाधिकारी रायबरेली ने जिला वृक्षारोपण समिति व सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि अब समय कम रह गया है। अतः तैयारियां दुरूस्त रखने के साथ ही वन विभाग तथा सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भली-भांति वृक्षारोपण महाकुम्भ के अन्तर्गत गड्ढा खुदान/अग्रिम मृदा कार्य पूर्ण करने के साथ ही ब्लाक स्तर पर सेक्टर वृक्षारोपण समन्वयक, न्याय पंचायत स्तर पर सेक्टर मजिस्टेªट, तहसील स्तर पर जोनल वृक्षारोपण समन्वयक के साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान, वृक्ष अभिभावक तथा पंचायत सचिव/ग्राम विकास अधिकारी से समन्वय बनाकर वृक्षारोपण कार्य को सम्पन्न करायेंगे। वृक्षारोपण का समुचित रख-रखाव, सुरक्षा तथा शत प्रतिशत सफलता सुनिश्चित की जाये। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण पर्यावरण में जैव विविधता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। पर्यावरण में पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए जैव विविधता अत्यंत आवश्यक है।   जिलाधिकारी रायबरेली, नेहा शर्मा, डीएफओ तुलसीद

माॅडल यूनाइटेड नेशन्स काॅन्फ्रेन्स

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस), लखनऊ के तत्वावधान में सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में चल रही दो-दिवसीय माॅडल यूनाइटेड नेशन्स काॅन्फ्रेन्स (एम.यू.एन.-2019) के दूसरे व अन्तिम दिन प्रतिभागी छात्रों ने वैश्विक समस्याओं पर चर्चा-परिचर्चा करते हुए संदेश दिया कि सर्वश्रेष्ठ विश्व व्यवस्था के लिए एकता व शान्ति ही अन्तिम विकल्प है। इससे पहले, एम.यू.एन.-2019 के तीसरे दिन विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए छात्रों ने संयुक्त राष्ट्र संघ की कार्यवाही का हूबहू नजारा प्रस्तुत किया और विभिन्न वैश्विक समस्याओं पर खुलकर अपने विचार रखे। प्रतिभागी छात्रों ने अपने सारगर्भित, ओजपूर्ण एवं प्रभावशाली उद्बोधन की छाप छोड़ते हुए साबित कर दिया कि भावी पीढ़ी में सकारात्मक चिंतन के साथ विश्व की समस्याओं का समाधान करने की क्षमता मौजूद है। विदित हो कि एम.यू.एन.-2019 में लखनऊ समेत देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षिक संस्थानों के 600 से अधिक छात्रों ने प्रतिभाग किया। सम्मेलन के अन्तिम दिन आज सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी छात्रों पुरष्कृत कर सम्मानित किया गया।  माॅडल यूनाइटेड नेशन्स का

ज्योतिष मे विवाह विच्छेद के ग्रह योग पर सेमिनार

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वैदिक ज्योतिष एवं प्राच्य विद्या शोध के तत्वाधान में अलीगंज, लखनऊ में दिनांक 28 जूलाई को 127 वीं मासिक गोष्ठी का आयोजन वाराह वाणी हिन्दी त्रैमासिक पत्रिका के कार्यालय में किया गया। गोष्ठी का विषय ज्योतिष मे विवाह विच्छेद के ग्रह योग था! गोष्ठी मे ज्योतिष की प्रचलित पद्धतियों मे वर्णित विवाह विच्छेद पाराशरी ज्योतिष, जैमिनी, कृष्णमूर्ति तथा नाड़ी सूत्रों पर चर्चा की गई गोष्ठी की अध्यक्षता वाराह वाणी के संपादक डी.एस. परिहार ने की तथा गोष्ठी मे पं. शिव सहाय मिश्र, प. जर्नादन प्रसाद त्रिपाठी, जज श्री एल बी उपाध्याय, डा. प्रदीप निगम, श्री उदयराज कनौजिया तथा पं. अरविन्द त्रिवेदी और आचार्य राजेश श्रीवास्तव आदि ज्योतिषियोें एवं श्रेताओं ने भाग लिया गोष्ठी मंे श्री परिहार के अलावा पं. जर्नादन प्रसाद त्रिपाठी, जज श्री एल.बी. उपाध्याय, श्री उदयराज कनौजिया तथा  पं. अरविन्द त्रिवेदी ने अपने अनुभव और व्यक्तव्य प्रस्तुत किये।

बागी कलमें

हिन्दुस्तानियों ने विदेशी फिरंगियों की गुलामी को कभी दिल से कबूल नही किया, वे समय-समय पर जो भी साधन मिला उससे ब्रिटिश शासन का विरोध करते रहे। भारतीय लेखक और कवि भी इस मुहिम में पीछे नही रहे उन्होंने ना केवल गुलामी और अन्याय के खिलाफ कलम चलाई बल्कि वे सरकारी दमन, जब्ती, फर्जी मुकदमों व काला पानी तक की सजा के शिकार बने इसी विशय पर युवा लेखक डाॅ. नरेन्द्र शुक्ला ने जो नेहरू स्मारक संग्रहालय व पुस्तकालय से संबधित रहे हैं। अंग्रेजों द्वारा जब्तशुदा साहित्य पर एक रोचक, ज्ञानवर्धक और शोधपरक पुस्तक लिखी है। पुस्तक की सामग्री उन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय व राजकीय अभिलेखागारों, संग्रहालयों तथा पुस्तकालयों से ली है। पुस्तक 10 अध्यायों में विभाजित है। प्रथम अध्याय कालीदास पत्रिका के संपादक कृष्ण जी आब जी के विद्रोही लेखों पर आधरित है अंय अध्यायों मे पंजाब के तत्कालीन पत्र, पत्रिकाओं, इलाहाबाद से प्रकाशित स्वराज्य पत्र, दिल्ली से प्रकाशित हैदर रजा खान का पत्र आफताब, स्वरसती पत्रिका के संपादक महावीर प्रसाद द्विवेदी, तपस्वी मोहन के राष्ट्रीय चेतना फैलाने वाले नाटकों, गोरखपुर से प्रकाशित स्वदेश के विजया

माॅडल यूनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स का शुभारम्भ

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस), लखनऊ के तत्वावधान में दो-दिवसीय माॅडल यूनाइटेड नेशन्स (एम.यू.एन.) कान्फ्रेन्स का शुभारम्भ सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में हुआ। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे डा. डी. पी. श्रीवास्तव, ईरान व लीबिया में भारत के पूर्व राजदूत, ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन किया। इस अवसर पर सीएमएस संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गांधी एवं सी.एम.एस. के डायरेक्टर आॅफ स्ट्रेटजी श्री रोशन गाँधी समेत शिक्षा, साहित्य एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों की अनेक गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित थी। विदित हो कि दो दिवसीय माडल यूनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स का आयोजन  शैक्षिक संस्था एजूसिस के सहयोग से 27 व 28 जुलाई को सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है, जिसमें देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों व विद्यालयों के लगभग 600 छात्र प्रतिभाग कर रहे हैं। माॅडल युनाइटेड नेशन्स कान्फ्रेन्स (एम.यू.एन.-2019) वास्तव में संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली का का हूबहू प्रतिरूप है, जिसके माध्यम से छात्रों को महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर खुलकर अपन

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिए प्रचार वाहन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया

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रायबरेली कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय के प्रांगण में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के प्रचार-प्रसार के लिए प्रचार वाहन को जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया। जिलाधिकारी ने कहा कि व्यक्तिगत रूप से किसान ओलावृष्टि, भू-स्खलन व जल भराव तथा फसल की कटाई के उपरान्त आगमी 14 दिनों तक खेत में रखी सुखाई हेतु कटी फसल को बेमौसम चक्रवती वर्षा/आकाशीय बिजली से उत्पन्न आग व चक्रवात की क्षति स्थिति में बीमित किसान द्वारा आपदा के 72 घण्टे के भीतर कृषि विभाग अधिकारी/सम्बन्धित बैंक शाखा/बीमा कम्पनी के प्रतिनिधि या टोलफ्री नम्बर पर बीमित फसल का नाम व प्रभावित खेत के खसरा संख्या के साथ सूचित करना अनिवार्य है। जिले के सभी ऋणी एवं गैर ऋणी किसान जो बीमित फसल की खेती कर रहे है। इस योजना का लाभ ले सकते है।  जिलाधिकारी ने कहा कि योजना की अधिक जानकारी एवं बीमा कराने के लिए टोलफ्री नम्बर 18002005142 पर सम्पर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते है। गैर ऋणी किसान बीमा कराने हेतु खसरा, खतौनी, भूमि रिकार्ड, आधार कार्ड बैंक एकाउण्ट, पासबुक की छायाप्रति को दे कर फसल का घोषण पत्र तथा मोबाइल नम्बर जमा करना अनिवार्य है

अवधी काव्य संग्रह

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                                     पेशे से इंजीनियर व जनपद रायबरेली के कवि रमाकान्त तिवारी 'रामिल' की जीवन-गीत श्रृंखला की नवीनतम पुस्तक जीवन-गीत (भाग-6) व अवधी काव्य संग्रह - माटी का विमोचन दिनांक 26 जुलाई, 2019 को राजभवन लखनऊ में महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्री राम नाईक के कर कमलों से हुआ। क्षेत्रीय भाषा में रचना कार्य हेतु राज्य पाल द्वारा 'रामिल' के प्रयास की सराहना की गयी। इससे पूर्व में वियतनाम देश के हो ची मिन्ह सिटी में स्थित भारत सरकार के प्रधान कौंसुलावास के एलिओस सभागार में दिनांक 26 व 27 मई 2019 को आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी उत्सव के प्रथम सत्र में 'रामिल' की उक्त पुस्तकों का औपचारिक विमोचन किया गया था। 'रामिल' ने बताया कि अब अपने देश में प्रदेश के यशस्वी राज्यपाल श्री राम नाईक के हाथों पुस्तकों के गरिमामयी विमोचन से उनका रचना कार्य करना सार्थक हुआ है। श्री रामिल की इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष राधेश्याम कर्ण, साहित्यकार व वरिष्ठ पत्रकार गौरव अवस्थी, आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी स्मारक समिति क

भारतीय प्रवासियों पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित

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फिजी विश्वविद्यालय, फिजी में 15, 16 व 17 जुलाई को भारतीय प्रवासियों पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया। सम्मेलन में भारतीयों को जबरदस्ती मजदूरी के काम में धकेलने पर आयोजित की गई थी। अंग्रेजो के शासनकाल मे अंग्रेज भारतीयों को सुदूर फिजी, गुयाना, त्रिनिदाद, सूरीनाम, माॅरीशस आदि देशों में गन्ने की खेती के लिए ले गए।  सम्मेलन फिजी विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। इस सम्मेलन में जिसमें शामिल होने के लिए उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार पवन उपाध्याय भी गए थे। पवन उपाध्याय पहले बहुत से गिरमिट परिवारों को भारतीय परिवारों से मिलाने में सहयोग किया है। इन्होंने इसी विषय पर व्याख्यान दिया। इस सम्मेलन में इतिहास वर्तमान और भविष्य में क्या करना है उस पर भी चर्चायें हुई। प्रवासियों पर अंतरासर््ट्रीय सम्मेलन मुख्य आयोजक श्री गणेश चंद, कुलपति  सोलमन विश्यविद्यालय थे। इस सम्मेलन में बिमान प्रसाद, फिजी सांसद है, मुख्य अतिथि रोजी अकबर शिक्षा मंत्री, साथ ही न्यूजीलैंड के पूर्व गवर्नर जनरल आनंद सत्यानंद और गुयाना निवासी विष्णु बिश्राम जो गिरमिट पर बहुत कार्य किया है शामिल हुए। श्री पवन उपाध्याय ने

मैं वापस आऊंगी

लंबी, छरहरी, गोरी चिट्टी रामी चाची जैसे ग्राम टनकपुर की शान हैं। वे बाल विधवा है, पति का सुख उनके भाग्य में सिर्फ थोड़े ही समय के लिए लिखा था। ससुर उनकी शादी से पहले ही  परलोक सिधार चुके थे। उनके पति मां-बाप की बारहवीं संतान थे। एक तो बुढ़ापे की संतान फिर एक-एक कर आठ बच्चे मौत की गोद में समा चुके थे, तीन लड़कियाँ और रामू केवल चार संतान ही बची थी, रामू की माँ के पास पैसे का अभाव न था। कई बीघा खेत खलिहान ढेर से जानवर, गायें, भैंसें, बकरियाँ, सभी कुछ था। रामू को उन्होंने बड़े लाड़-प्यार से पाला। सोलह सत्रह-बरस का होते-होते उसके लिए बारह तेरह बरस की किशोरी सुंदर सलोनी सी बहू ले आई। बहू का नेहर का नाम रूपकंवर था। उनके अति सुंदर रूप के कारण ही शायद माँ बाप ने उसका यह नाम रखा थ। मगर उसके आते ही सासू ने रामू की जोड़ीदार रामी कहते हुए लाड़ से उन्हें रामी पुकारना शुरू कर दिया। रामी की दुबली पतली काया देख सास ने उसे मुटाने का जिम्मा उठा लिया। देखते ही देखते कुछ महीनों में दुधिया रंग पे जो गुलाबी रंगत उतर आई और बदन से कैलेंडर में छपी सीता मैय्या की सूरत सी लुनाई गमकने लगी सास उसकी नून मिर्च से नजर उतारने

90,500 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप से नवाजा गया

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                                                                             सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस, लखनऊ के मेधावी छात्र सैयद अली को चार वर्षीय उच्च शिक्षा हेतु अमेरिका की प्रतिष्ठित सेटॅन हाॅल यूनिवर्सिटी द्वारा 90,500 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप से नवाजा गया है। सी.एम.एस. के इस होनहार छात्र ने अपनी लगन, प्रतिभा व शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर यह स्काॅलरशिप अर्जित विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। इसके अलावा, अमेरिका के चार और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा सैयद अली को स्काॅलरशिप के साथ उच्चशिक्षा का आमन्त्रण प्राप्त हुआ है, जिसमें रोचेस्टर यूनिवर्सिटी द्वारा 60,000 अमेरिकी डालर, यूनिवर्सिटी आॅफ सिनसिनाटी द्वारा 40,000 अमेरिकी डालर, इलिनोईस इन्स्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी द्वारा 27,500 अमेरिकी डालर एवं यूनिवर्सिटी आॅफ इलिनोईस, शिकागो शामिल है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस मेधावी छात्र की उपलब्धि पर बधाई देते हुए विद्यालय के विद्वान व कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों का आभार व्यक्त किया है, जिनकी कड़ी मेहनत, मार्गदर्शन व प्रोत्साहन की बदौलत विद्य

हिन्दी के विकास और सम्मान के लिए निरन्तर प्रयासरत रहना होगा

हिन्दी है हम वतन है, हिन्दुस्तान हमारा, हम बुलबुले हैं इसकी हिन्दुस्तान हमारा... सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा...  भारत में सितम्बर के महीने का विशेष महत्व है 5 सितम्बर शिक्षक दिवस और 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में हम मनाते है, परन्तु हम क्या आज शिक्षक और हिन्दी को वह सम्मान दे रहें हैं, जो दो-तीन दशक पहले दिया जाता था। देश स्वाधीन हुआ और हिन्दी को राजभाषा की मान्यता मिली उसके बाद से ही हिन्दी को हम राजभाषा के रूप में मानते चले आ रहे हैं। हिन्दी ही हिन्दुस्तान की पहचान है। हिन्दी के अलावा अन्य भाषाओं की बात करते हैं, इसका यह मायने नहीं रखना चाहिए कि हम हिन्दी को ही त्याग दें। हमें अन्य भाषाओं का तभी प्रयोग करना चाहिए, जब हिन्दी भाषा में उसका विकल्प न हो। हिन्दी को प्रोत्साहन देने के लिए हम अपने परिवार और इष्ट मित्रों से वार्तालाप में अधिक से अधिक हिन्दी भाषा का प्रयोग करें, इससे से भी हिन्दी को बढ़ावा मिलेगा। हिन्दी शब्दों के होने पर भी आज अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग किया जाना अनुचित ही का जायेगा। हम यह भी कह सकते हैं कि भारत से अंग्रेज चले गये लेकिन अंग्रेजी छोड़ गये, अनुचित

हाकी प्रतियोगिता का शुभारम्भ

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मोती लाल नेहरू स्टेडियम, रायबरेली में आयोजित अन्तरजनपदीय पुलिस हाकी प्रतियोगिता का जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने शुभारम्भ किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि खेलांे में प्रतिभाग से खेल भावना को बढावा मिलनें के साथ ही स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना जहां जाग्रत होती है वही खेलकूद, स्वस्थ मनोरंजन के मनमस्तिक को सक्रिय कर शरीर को भी स्वस्थ व मजबूत करने में सहायक होने के साथ ही विकास व आगे बढ़ाने में भी सहायक होता है। किसी प्रतियोगिता/खेल में अव्वल आना के साथ-साथ प्रतियोगिता/खेल में प्रतिभाग कराना, सहभागिता दिखाने का भी अपना एक महत्व होता है जोकि सहभागिता खेल भावना व प्रतिस्र्पधा को भी बढाने में सहायक होती है। पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने कहा कि कोई भी प्रतियोगिता को हमेशा एक प्रतिद्वंदी की तरह न खेलकर, खेल की भावना से खेले और हारने पर आगे विशेष तैयारियां करके जीतने के उद्देश्य से खेलें। जिससे आपसी संदभाव बढता है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने कबूतर एवं गुब्बारे उड़ाकर पुलिस हाकी प्रतियोगिता का शुभारम्भ किया। विभिन्न जनपदों से आये हुए खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त किया। 

नैतिकता का सवाल

   घर लौटकर मोहन के सामने समस्या थी कि वह क्या काम करे कि गृहस्थी का खर्च चले। पहले छड़ा था। माँ-बाप का सहारा उसके सिर पर था। इधर-उधर मारा-मारा फिरता। जब कभी किसी का काम कर देता तो भोजन पा जाता। परन्तु अब वह एक बेटी का बाप था। घर पर उसके माँ-बाप थे। उनको खिलाने की जिम्मेदारी भी उसकी थी। इन्हीं परेशानियों में घिरा मोहन एक किनारे बैठा सिगरेट फूँक रहा था। फिर उठा और बाहर आकर मन्दिर की ओर चल पड़ा। 'हे प्रभु! रास्ता दिखा। जब मैं बुरा था तो सभी सुधारना चाहते थे, अब मैं जेल से बाहर आ गया हूँ और अच्छे रास्ते पर चलना चाहता हूँ, तो कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। अब तू ही बता मैं कहाँ जाऊँ।' भगवान के सामने मोहन बड़बड़ा रहा था।  मन्दिर की घंटी बजी। घंटी की आवाज से मोहन का ध्यान भंग हुआ। उसने पलट कर देखा तो उसने सामने गाँव के मास्टर साहब खड़े थे। उसने उनको प्रणाम किया। 'मोहन तू कब आया। तेरे न रहने से दादा-दादी बहुत हलाकान होते थे। चल बड़ी अच्छी बात है अब उनको आराम मिल जायेगा' मास्टर साहब ने कहा।  'बस मास्टर साहब कल रात आया हूँ। अब गाँव में रहकर सब की सेवा करूँगा।' 'यह तो बड़ा नेक

बुलन्द हौसले के साथ स्वतंत्र देव सिंह का स्वागत किया

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उत्तर प्रदेश भारतीय राजनीतिक का हमेशा केन्द्र रहा और भारतीय राजनीति में इस प्रदेश दखल भी रहा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी गुजरात के होने बावजूद वारणसी को ही अपना संसदीय क्षेत्र चुना। इस प्रदेश ने देश को कई प्रधानमंत्री दिये पं. जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी, चैधरी चरण सिंह, राजीव गांधी, विश्वनाथ प्रताप सिंह चन्द्रशेखर और वर्तमान प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी। प्रियंका गांधी ने भी अपनी राजनीतिक पारी का आरम्भ उत्तर प्रदेश कांग्रेस महासचिव के रूप की।  भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बावजूद निरन्तर जनता में अपनी उपस्थित दर्ज कराने के साथ ही उत्साह भरने के लिए कार्यकत्ताओं लोकप्रिय नेता स्वतंत्र देव सिंह को प्रदेश का अध्यक्ष बनाने के साथ विधान सभा उप चुनाव की तैयारी भी करने में लग गई है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित नए प्रदेश अध्यक्ष के अभिनन्दन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, स्वतंत्र देव सिंह का प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बनना आम कार्यकत्ताओं की भावना के अनुरूप है। मुख्यमंत्री ने कहा, स्वतंत्र देव सिंह में स

इण्टरनेशनल अवार्ड फाॅर यंग पीपुल्स से सम्मानित

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस), लखनऊ की प्रधानाचार्या श्रीमती आभा अनन्त को गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान हेतु 'इण्टरनेशनल अवार्ड फाॅर यंग पीपुल्स (आईएवाईपी)' से सम्मानित किया गया है। अभी हाल ही में कैम्ब्रिज एसेसमेन्ट इण्टरनेशनल एजुकेशन एवं आई.ए.वाई.पी. के संयुक्त तत्वावधान में नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य सम्मान समारोह में श्रीमती अनन्त को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया। इस अवसर पर शिक्षा, साहित्य एवं समाज के विभिन्न क्षेत्रों की अनेक गणमान्य हस्तियाँ उपस्थित थी। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने श्रीमती आभा अनन्त को इस उपलब्धि हेतु हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि सी.एम.एस. प्रधानाचार्याओं एवं शिक्षकों की लगन व कर्तव्यनिष्ठा के बलबूते ही विद्यालय दिन प्रतिदिन नये कीर्तिमान गढ़ रहा है। सी.एम.एस. शिक्षकों ने विद्यालय के 60 वर्षीय शैक्षिक सफर में कई आयाम स्थापित किए हैं जिस पर सिर्फ लखनऊवासियों को ही नहीं अपितु पूरे प्रदेश व देश को गर्व है।  सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने

अपना जीवन जीना चाहते हैं तो आयुर्वेद और प्रकृति के करीब आना पड़ेगा

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आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। यह विज्ञान, कला और दर्शन का मिश्रण है। 'आयुर्वेद' नाम का अर्थ है, 'जीवन का ज्ञान' और यही संक्षेप में आयुर्वेद का सार है। आयुर्वेद शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, आयुष और वेद।  हिताहितं सुखं दुःखमायुस्तस्य हिताहितम  आयुर्वेद हमारे जीवन के लिए सदियों से वरदान साबित हुआ है। और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति ने वर्तमान और प्राचीन काल से ये साबित किया है कि ये किसी भी बीमारी में बिना साइड इफेक्ट के सत प्रतिशत लाभ लाभ पहुँचाता है बल्कि यूँ कहें कि हमारा लाइफ स्टाइल आयुर्वेद के बिना मिथ्या मात्र है।  वल्र्ड हेल्थ ओगर््नाइजेशन का कहना हैं  कि  आज हमारे स्वस्थ्य जीवन निरोग्ी काया के लिए जरूरी है शुद्ध हवा, पानी, भोजन और आवश्यक पोषक तत्वों जैसे मिनरल्स, प्रोटीन, विटामिन्स, एंटीआॅक्सीडेंट इत्यादि जो आज हमारे शरीर को आवश्यकतानुसार पूर्ण रूप से किसी को भी नहीं मिल पा रहा है। क्या आप जानते हैं कि इसके कारण हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में हमारे शरीर की कोशिकायें व मज्जातंतु क्षातिग्रस्त होते रहते है और उस संख्या में पुनः नहीं बन पा

वृक्षारोपण पर्यावरण में जैव विविधता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है

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जिलाधिकारी रायबरेली, नेहा शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के बचत भवन सभागार में जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक में निर्देश दिये है कि 9 अगस्त को चुनावी पैटर्न (इलेक्शन मोड) पर पूरे प्रदेश में 22 करोड़ पौधों का रोपण किया जाना है तथा जनपद में 2565110 लाख पौधों का रोपण किया जाना है। जिसकी तैयारियां वन विभाग तथा सम्बन्धित विभाग के अधिकारी भली-भांति वृक्षारोपण महाकुम्भ के अन्तर्गत गड्ढा खुदान/अग्रिम मृदा कार्य पूर्ण करने के साथ ही ब्लाक स्तर पर सेक्टर वृक्षारोपण समन्वयक, न्याय पंचायत स्तर पर सेक्टर मजिस्टेªट, तहसील स्तर पर जोनल वृक्षारोपण समन्वयक के साथ ही ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान, वृक्ष अभिभावक तथा प्रचायत सचिव/ग्राम विकास अधिकारी से समन्वय बनाकर वृक्षारोपण कार्य को सम्पन्न करायेंगे। 9 अगस्त को ही पौधों रोपण की संकलित सूचना ग्राम पंचायत स्तरों से खण्ड विकास अधिकारियों को एक-एक घण्टे में उपलब्ध करायेंगे। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त 2019 को भारत छोड़ों आन्दोलन की 77वीं वर्षगांठ के अवसर पर नक्षत्र वृक्ष प्रसापिस सिनरेरिया (शमी) प्रजाति का भी रोपित किया जायेगा।   जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने क

94,000 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप

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                                                                                 सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस, लखनऊ की मेधावी छात्रा अर्पिता भानू को अमेरिका की प्रतिष्ठित क्विनीपियाक यूनिवर्सिटी ने 94,000 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप से नवाजा है। अर्पिता को यह स्काॅलरशिप चार वर्षीय उच्चशिक्षा अवधि के दौरान प्रदान की जायेगी। इसके अलावा, चाईनीज हाँगकाँग यूनिवर्सिटी, हाँगकाँग में भी उच्चशिक्षा हेतु इस मेधावी छात्रा का चयन हुआ है। इस प्रकार, सी.एम.एस. की इस होनहार छात्रा ने अपनी लगन, प्रतिभा व शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर अमेरिका एवं हाँगकाँग के विश्वविद्यालयों में चयनित होकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस प्रतिभाशाली छात्रा की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की।   सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अभी तक सी.एम.एस. के 80 छात्र अमेरिका, इंग्लैण्ड, कैनडा, आॅस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, जर्मनी आदि विभिन्न देशों के ख्याति प्राप्त विश्वविद्यालयों में चयन

स्वयं भगवान बन गया

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उत्तर प्रदेश की कुशीनगर की रहने वाली एक मां ने अपने तीन महीने का बीमार बच्चे को के.जी.एम.यू. ट्रामा सेन्टर लखनऊ की चैथी मंजिल से फेंककर मारने के आरोप में गिरफ्तार हो गई। उस मां ने अपराध किया है उसे भारतीय संविधान के तहत् सजा मिलनी भी चाहिए। इसके पीछे कारण कोई भी हो सकते है उसका निर्णय न्यायालय से तय होगा। परन्तु वहाँ के एक चिकित्सक ने सफाई भी दे डाली की आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों के लिए सरकार की कई योजनायें हैं। बच्चे व उसके परिवार की हर स्तर से मदद की जा रही थी। किन कारणों से मां शान्ति ने यह कठोर कदम उठाया? इसकी जानकारी नहीं है। सदियों से कमजोर के ऊपर सारे आरोप डालकर स्वयं को बरी कर लेना सम्पन्न लोगों का सर्वाधिकार सुरक्षित रहा है। चिकित्सक ने अपनी बात कहकर स्वयं भगवान बन गया। जैसी की आम धारणा है डाक्टर भगवान का रूप होता है। शिक्षा-चिकित्सा का व्यपार देश में खूब फलफूल रहा है। चिकित्सा का बाजारीकरण होने के कारण गरीबी और अमीरों की रेखा और गहरी होती जा रही है। सरकारी अस्पतालों का क्या हाल उसका हाल भुक्तभोगी ही बया भी नही कर सकता, अधिक शिकायत करने पर उसका वहां उपचार हो पाना भी संभव नही ह