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आखिर हमें पुरूष दिवस मनाने की जरूरत ही क्या थी?

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अनिल ‘अनाड़ी’, हास्य-व्यंग्य/ओज कवि/लेखक/विचारक 19 नवम्बर यानि अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस आजादी के बाद जहां ये कल्पना की जा रही थी कि हम आजाद देश के आजाद नागरिक होकर स्वतंत्र रूप से हर्षोल्लास के साथ एक आम आदमी की तरह जिन्दगी के लम्हों का क्षण-प्रतिक्षण आनन्द उठा पायेंगे लेकिन आनन्द उठाना तो दूर हम अपने सामाजिक सरोकारों, संस्कारों से बहुत दूर होते चले जा रहे हैं। आज आजाद होने के बाद हम महिला-पुरूष, बेटा-बेटी, माता-पिता आदि के रूप में अलग-अलग विभाजित होते जा रहे हैं, जिसका नतीजा आज हमें अन्तर्राष्ट्रीय पुरूष दिवस के रूप में देखने को मिल रहा है। आखिर हमें पुरूष दिवस मनाने की जरूरत ही क्या थी? इसी तरह महिला दिवस, बेटी दिवस, मातृ दिवस, पितृ दिवस आदि-आदि मनाने के लिए विवश होना पड़ रहा है। गोरे अंग्रेजों ने तो जाते-जाते सिर्फ देश के दो टुकड़े किये गये थे पर इनके वंशज आज समाज के एक-एक व्यक्ति को टुकडों में बाटकर ओछी राजनीति करने पर अमादा हैं। आखिर ये सब दिवस  मनाने को क्यों विवश हैं? पहले हमारे संयुक्त परिवार टूटे, बाद में परिवार टूटे अब तो परिवार क्या, एक-एक व्यक्ति टूटता जा रहा है। कुछ लोग

प्रतिभाशाली हैं झांसी के जिलाअधिकारी रविंद्र कुमार

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- पंकज भारती, ब्यूरो चीफ झांसी       झांसी जिलाअधिकारी रविंद्र कुमार 2011 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। अतीत में, उन्होंने सिक्किम और उत्तर प्रदेश राज्य सरकार में उप-मंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), अपर जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम), मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ), जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) और आयुक्त मनोरंजन कर सहित विभिन्न पदों पर काम किया है। फिर वे भारत सरकार में केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री, सुश्री उमा भारती के निजी सचिव के रूप में भारत सरकार में तैनात हुए और दिसंबर 2017 से 14 जून 2019 तक वहां काम किया। वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश सरकार में तैनात हैं और झाँसी आने से पहले  जिलाधिकारी बुलन्दशहर के रूप में कार्य किया है ।              रविंद्र कुमार कुमार ने अलग-अलग रास्ते से दो बार माउंट एवरेस्ट की सफलतम चढ़ाई भी की है और अपनी पर्वतारोहण की यात्रा पर दो प्रेरक पुस्तकें भी लिखी हैं, ब्लूम्सबरी द्वारा प्रकाशित की गयी है । मैनी एवरेस्ट -एन इन्स्पाइरिंग जर्नी ओफ ट्रैन्स्फाॅर्मिंग ड्रीम्स इंटू रीऐलिटी’ और इसके हिंदी संस्करण ‘एवरेस्ट-सपनों की उड़ानः सिफर से शिखर तक’ नामक पुस्तकें ‘एडवांस पाॅजिटिव विजुअलाइज

'नेल्सन मंडेला नोबल पीस अवार्ड 2021' से सम्मानित

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मुंबई / पुणे :होम्योपैथी के क्षेत्र में बेहतरीन व सराहनीय काम करने वाले डॉ.अमरसिंह निकम को 'नेल्सन मंडेला नोबल पीस अवार्ड 2021' से सम्मानित किया गया। हाल ही में मुंबई में हुए पुरस्कार समारोह में डॉ. नेल्सन मंडेला पीस यूनिवर्सिटी द्वारा निकम को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी सम्मानित किया गया।  कोरोना काल में निस्वार्थ भावना से लोगो की सेवा और इलाज करने के लिए उन्हें सम्मानित किया। इज़राइल के कांसुलेट जनरल कोबी सोशानी, मदर टेरेसा विश्वविद्यालय के संस्थापक और कुलगुरू डॉ. विजया सरस्वती, नेल्सन मंडेला नोबेल पीस यूनिवर्सिटी के चांसलर आर्च बिशप जॉन्सन, गीतकार अनु मलिक, गायक आदित्य नारायण, डॉ. निकम के परिवार से निकम डॉ. सुचित्रा, डॉ. मनीष, डॉ. मनस्वी इत्यादि उपस्थित थे.                   होम्योपैथी के माध्यम से डॉ. निकम ने अब तक हजारों मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। देश का पहला 100 बिस्तरों वाला होम्योपैथी अस्पताल आदित्य होम्योपैथिक अस्पताल पिछले कई वर्षों महाराष्ट्र के पुणे शहर गरीबों को सस्ती दरों पर चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रहा है। पिछले दो वर्षों में, मिशन होम्योपैथी पुणे के म

गायिका चांदनी वेगड़ के पिता ने दिवाली गिफ्ट दिया

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मुंबई / राजकोट :गुजरात ज्यूडिशियरी में पूर्व सीनियर सिविल जज रह चुके के.पी.वेगड़ की बेटी गायिका चांदनी प्रजापति वेगड़ को हमेशा रिकॉर्डिंग स्टूडियो के डेट मिलने में काफी तकलीफ होती थी और राजकोट में बहुत कम आधुनिक सुविधा वाले स्टूडियो थे और जिसके कारण कई बार रिकॉर्डिंग के लिए मुंबई आना पड़ता था। इसलिए उन्होंने राजकोट (गुजरात ) के रामदेवपीर चौकड़ी के पास द्वारकेश रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनवाकर अपनी बेटी चांदनी को बतौर दिवाली गिफ्ट दिया। जिसका उदघाटन समारोह शुक्रवार २९ अक्टूबर २०२१ को बड़े धूमधाम से चांदनी की रिकॉर्डिंग से किया गया। इस अवसर पर कई जज, वकील, राजकोट के कई प्रतिष्ठित व्यक्ति व कांतिलाल वेगड़, अस्मिता वेगड़, राज वेगड़, हार्दिक जानी (म्युजिक कम्पोजर/एरेंजर/रिकॉडिस्ट), दिलीप पटेल, तथा पत्रकारगण इत्यादि उपस्थित रहकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई और कार्यक्रम को सफल बनाया। इस अवसर पर गायिका चांदनी प्रजापति वेगड़ ने सभी का आभार व्यक्त किया और पिताजी को धन्यवाद दिया।          बॉलीवुड में एंट्री पाने के बाद अब चांदनी, म्युजिक कम्पोजर हार्दिक जानी के साथ मिल के इस द्वारकेश रिकॉर्डिंग स्टूडियो से अपने

गाँव-गाँव आयोजित किया गया विधिक जागरुकता शिविर व चौपाल

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उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण/जनपद न्यायाधीश, रायबरेली अब्दुल शाहिद के दिशा-निर्देशन में आजादी का अमृत महोत्सव के अन्तर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली के द्वारा 14 नवंबर 2021 तक वृहद स्तर पर विधिक साक्षरता एवं जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत तहसील सलोन स्थित ग्राम पंचायत ममुनी जिला रायबरेली में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सुमित कुमार द्वारा ग्रामीणों को उनके विधिक अधिकार बताये गये तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सेवाओं से अवगत कराया गया। सचिव द्वारा गाँव की महिलाओं को भी उनके अधिकारों के बारे में बताया गया कि महिलाओं को घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार है। किसी भी महिला को रात के समय नहीं गिरफ्तार किया जा सकता है हर महिला को मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार है और महिलाएं सम्पत्ति में बराबरी का हक रखती है। कार्यक्रम में न्यायिक मजिस्ट्रेट शाहनवाज सिद्दकी, पुनीत मोहनदास, द्वारा भी उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया गया। उक्त कार्यक्

इक्यावन हजार रूपये नगद पुरस्कार से छात्र सम्मानित

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  सिटी मोन्टेसरी स्कूल , राजेन्द्र नगर ( प्रथम कैम्पस ) के छात्र अम्मर अजीज रिजवी ने राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अन्तर - विद्यालयी भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अर्जित कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। इस उपलब्धि हेतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधान भवन , लखनऊ में आयोजित एक भव्य समारोह में अम्मर को प्रशस्ति पत्र एवं इक्यावन हजार रूपये ( रु . 51,000/-) के नगद पुरस्कार से पुरष्कृत कर सम्मानित किया। यह प्रतियोगिता सरदार बल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस ( राष्ट्रीय एकता दिवस ) के उपलक्ष्य में राजकीय जुबली इण्टर कालेज , लखनऊ में आयोजित की गई , जिसमें लखनऊ के विभिन्न प्रतिष्ठित विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग किया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच सी . एम . एस . के इस प्रतिभाशाली छात्र ने धाराप्रवाह अभिव्यक्ति क्षमता , आत्मविश्वास एवं स्पष्टता के साथ ओजस्वी वाणी में सारगर्भित विचार प्रस्तुत करते हुए श्रोताओं में देश प्रेम व देशभक्ति की अनूठी संवेदना

प्रभु का स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है!

- डा0 जगदीश गांधी शिक्षाविद् एवं संस्थापक-प्रबन्धक,  सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ (1) प्रभु का स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है:-  विश्व भर में धर्म के नाम पर जो लड़ाई-झगड़े हो रहे हैं, उसके पीछे एकमात्र कारण धर्म के प्रति लोगों का अज्ञान है। प्रायः लोग कहते हैं कि प्रभु का स्मरण करने के अलग-अलग धर्म के अलग-अलग रास्ते हैं किन्तु मंजिल एक है। परन्तु सभी धर्मों के पवित्र ग्रन्थों के अध्ययन के आधार पर हमारा मानना है कि प्रभु को स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है। प्रभु की इच्छा व आज्ञा को जानना तथा उस पर दृढ़तापूर्वक चलते हुए प्रभु का कार्य करना ही प्रभु को स्मरण करने का एकमात्र रास्ता है। इस प्रकार मनुष्य जीवन केवल दो कामों के लिए (पहला) प्रभु की शिक्षाओं को भली प्रकार जानने तथा (दूसरा) उसकी पूजा (अर्थात प्रभु का कार्य) करने के लिए हुआ है।  (2) हे परमात्मा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी सेवा के योग्य बनूँ:-    परमात्मा का अंश होने के कारण हमारी आत्मा, अजर और अमर है जबकि हमारा शरीर अस्थायी है और मृत्यु के बाद में मिट्टी में मिल जायेगा। यह मनुष्य के विवेक पर निर्भ