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लाॅकडाउन के 55 दिन का विमोचन

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लाॅकडाउन के दौरान देश सहित पूरी दुनिया ने बहुत खराब दौर देखा है, गरीब और मजदूर तबका कुछ ज्यादा ही परेशान था। लोग सड़कों और रेल की पटरियों के रास्ते पैदल अपने घर जाने को मजबूर हुए थे। ऐसे माहौल में कुछ रचनाकारों ने एकत्र होकर काम किया, जिसका नतीजा हुआ कि ‘लाॅकडाउन के 55 दिन’ पुस्तक तैयार हुई। इम्तियाज गाजी ने लाॅकडाउन की हकीकत को एकत्र करके दस्तावेज तैयार किया है, जो किताब की शक्ल मेें सामने आ गई है। यह किताब एक ऐतिहासिक दस्तावेज बनकर सामने आया है। यह बात पूर्व अपर महाधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी रविवार को गुफ्तगू की ओर से करैली स्थित अदब घर में आयोजित विमोचन समारोह में कही। बकौल मुख्य अतिथि बोल रहे कमरुल ने कहा कि गुफ्तगू और इम्तियाज अहमद गाजी ने अपने काम से एक खास पहचान बना लिया है। प्रयागराज जैसे शहर से ही ऐसे काम होते रहे हैं, यह शहर साहित्य की राजधानी रही है। इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान हमने काव्य परिचर्चा शुरू किया, जिसमें देशभर के रचनाकार शामिल हुए थे। इनमें तमाम लोग ऐसे थे, जिन्होंने कविता तो लिखी थी, लेकिन कभी समीक्षा नहीं लिखा था। परिचर्चा के दौरान लोगों ने समी

महादेवी जी मनुष्य के जीवन को ही एक कवित मानती थीं: न्यायमूर्ति अशोक कुमार

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आज का दिन इसलिए बेहद खास हो जाता है कि सोशल मीडिया के दौर में भी प्रयागराज में महादेवी वर्मा को याद किया जा रहा है, उनकी रचना बात हो रही है और आज की कवयित्रियों को ‘महादेवी वर्मा सम्मान’ प्रदान किया जा रहा है। ‘गुफ्तगू’ का यह कार्यक्रम बेहद खास और एक तरह से कालजयी हो गया है। यह बात इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने गुफ्तगू की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में कही। न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने कहा कि महादेवी जी मनुष्य के जीवन को ही एक कवित मानती थीं, उनका कहना था कि जिस तरह मनुष्य का जीवन चक्र की तरह घूमता रहता है और घूमते हुए नए-नए अविष्कार करता रहता है, ठीक उसी तरह कविता का निर्माण होता है। गुफ्तगू के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद गाजी ने कहा कि टीम गुफ्तगू ने प्रत्येक वर्ष प्रयागराज के एक बड़े कवि का स्मृति दिवस मनाने का संकल्प लिया है, इस वर्ष महादेवी वर्मा का स्मृति समारोह मनाया जा रहा है, अगले वर्ष अकबर इलाहाबादी के निधन के सौ साल पूरा होने पर आयोजन किया जाएगा। कोविड-19 के जूझते हुए आज का कवि लेखन में जुटा हुआ है, उनकी रचनाओं को एकत्र करके पुस्तकें तैयार की गई हैं, जिनका विमोचन किया

हिन्दी भाषा के सम्मान मे विशेष आयोजन

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राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में हिन्दी पखवाड़े के अंतर्गत 2 सितम्बर से हिन्दी भाषा के सम्मान मे एक विशेष आयोजन का शुभारंभ  किया गया जो 14 सितंबर तक लगातार किसी न किसी हिन्दी साहित्य के पुरोधा कवि लेखकों पर आधारित रहेगा। यह आयोजन हिन्दी साहित्य की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुभद्रा कुमारी चैहान पर आधारित रहा, जिसका संयोजन कवयित्री रचना सक्सेना ने किया और  अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता एवं रंगकर्मी ऋतन्धरा मिश्रा जी ने की। बहराइच से रुचि मटरेजा एवं प्रयागराज की चेतना सिंह ने इस आयोजन मे संयुक्त संचालन द्वारा कार्यक्रम में चार चांद लगा दिये। इस अवसर पर देश-विदेश की अनेक कवयित्री बहनों ने अपनी सुंदर सुंदर रचनाओं की प्रस्तुतियां दी। इस अवसर पर प्रयागराज से संतोष मिश्रा ‘दामिनी’ सुभद्रा कुमारी चैहान की स्मृतियों में लिखती हैं.... जिनकी पंक्तियां वो भरी हुई संवेदनाओं से कलम की जादूगर... वहीं आरा बिहार से अनामिका अमिताभ गौरव कहती हैं.... झांसी की रानी लिख जिस ने रच डाला इतिहास वह थी हमारी सुभद्रा कुमारी चैहान, प्रयागराज से  मीरा सिन्हा जी कहती हैं.... क्यों करता है ईश्वर उमर देने में आनाकानी

शताब्दी वर्ष में फणीश्वरनाथ रेणु पर आधारित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार

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शताब्दी वर्ष में फणीश्वरनाथ रेणु: सृजन और संदर्भ विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार के दूसरे दिन विशेष सत्र का आयोजन किया गया। सत्र की अध्यक्षता डॉ पुनीत बिसारिया (अध्यक्ष हिंदी विभाग बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी) ने की। विशिष्ट वक्ता के रूप में डॉ. सब्य साचिन (प्रिंसिपल, जी एस बी वी स्कूल, नई दिल्ली) ने अपने वक्तव्य में बताया कि फणीश्वरनाथ रेणु समाज एवं रचना के बीच आत्मीय संबंध बनाते हैं। रेणु अपने लेखन के माध्यम से समाज के यथार्थ को जनता के सम्मुख प्रस्तुत करते हैं। रेणु की राजनीतिक विचारधारा पर विस्तृत चर्चा उन्होंने कहा कि रेणु आंचलिकता का निर्माण भी करते हैं और उसका अतिक्रमण भी करते हैं। पूरे संतुलन के साथ रेणु अपने साहित्य में राजनीति के यथार्थ को उजागर करते हैं। इकहरा राजनीतिक दर्शन रेणु के साहित्य में देखने को नहीं मिलता। दूसरे विशिष्ट वक्ता डॉ. एस बी एन तिवारी (आर्यभट्ट कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय) ने अपने वक्तव्य में कहा कि रेणु को आजादी के पहले और आजादी के बाद की कड़ी के रूप में देखा जा सकता है। रेणु अपनी कहानियों में ग्रामीण जीवन के कथाओं के साथ-साथ शहरी जीवन के यथार्थ को भ

74वां स्वतंत्रता दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया

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  सिटी मोंटेसरी स्कूल, लखनऊ, लखनऊ के हेड आफिस के कार्यकर्ताओं द्वारा सीएमएस प्रेसीडेंट, प्रो. गीता गाँधी किंगडन के नेतृत्व मेंः स्वतंत्रता दिवस बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। कोरोना काल एवं लोकडाउन के चलते यह मीटिंग ऑनलाइन करवाई हुई।सीएमएस चाईल्ड वैलबीइंग डिपार्टमेंट की हेड, श्रीमती अरुणा गुप्ता ने सभी को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और कार्यक्रम का संचालन किया।  सीएमएस संस्थापिका की एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी, श्रीमती वन्दना गौड़ ने स्कूल की प्रार्थना के साथ कार्यक्रम की शुरुवात करी और तत्पश्यात सभी कार्यकर्ताओं ने खड़े होकर राष्ट्रध्वज को नमन कर एक स्वर में राष्ट्रगान गाया। इसके पश्चात श्रीमती लता सक्सेना ने ‘सारे जहां से अच्छा.’ गीत गाया और फिर सभी ने ष्ऐ मेरे वतन के लोगों .भी गाया। सीएमएस हेड ऑफिस के सचिव श्री एस के वर्मा ने प्रातः 8 बजे प्रधान कार्यालय में ध्वजारोहड़ किया और इस दौरान श्री नितिन सक्सेना, हेड, ह्युमन रिसोर्स डिपार्टमेंट और सीएमएस ट्रांसपोर्ट के हेड, श्री तलाल मुजादीदी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर सीएमएस की प्रेसीडेंट, प्रो0 गीता गाँधी किंगडन ने सभी कार्यकर्ताओं को स्व

कवयित्री सम्मेलन का आयोजन

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74वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर संस्कार भारती, प्रयागराज इकाई द्वारा कवयित्री सम्मेलन का आनलाइन आयोजन किया गया। संस्था की अध्यक्ष कल्पना सहाय ने समस्त कवयित्रियों तथा अतिथिगण का शब्द-सुमनों से स्वागत किया।अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री जया मोहन ने की। युवा-कवयित्री नीना मोहन ने माॅ शारदा की वंदना के पश्चात अपनी रचना ष्भारत के उज्जवल मस्तक पर नाम लिखा है तुम्हारा। मिट कर तुमनें अमर किया है जग में नाम तुम्हारा।। का सस्वर पाठ कर श्रोताओं को आल्हादित कर दिया। श्रीमती रेनू मिश्रा ने ऐ लाल मेरे मैंने तुझको भेज दिया रणभूमि में,तिरंगा ध्वज लहराये सदा भान तुझे रखना होगा।। सुनाकर मन में राष्ट्रीय भावना को उद्वेलित कर दिया।वरिष्ठ कवयित्री गीता सिंह ने ष्भारत माँ का सम्मान बढ़े। जब खाकी सीना तान चले।। सुनाकर श्रोताओं में जोश पैदा कर दिया।प्रतिष्ठित कवयित्री ललिता नारायणी ने अपने भावपूर्ण गीत तुम होते तो भरी अमावश पूनम का पखवारा होता ,तुम सरहद पर दीप जलाते ढ्योडी पर उजियारा होता।। और उसकी मीठी प्रस्तुति से एक अलग ही पहचान बनायी। गमंच की जानी-मानी अभिनेत्री एवं स्थापित कवयित्री ऋतंधरा मिश्रा की र

नाटकों का मंचन रुकना नहीं चाहिए

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कोविड-19 (कोरोना वायरस) लॉकडाउन की वजह से नाटक मंचन तथा अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां भी नहीं हो पा रही है जिसके कारण कलाकारों ने भी दूसरे रास्ते अपनाए हैं मंचन के दौरान कम से कम कलाकारों को शामिल किया जाना। शारीरिक दूरी रखकर सरकारी गाइडलाइन का अनुपालन संस्था के कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। ऐसे में हमारे प्रयागराज में सक्रिय एवं निरंतर कार्य करने वाली वरिष्ठ रंगकर्मी निर्देशिका सुषमा शर्मा ने भी एकल नाट्य प्रस्तुति को कहती हैं समय के स्वरूप है और उन्होंने 4 एकल नाट्य प्रस्तुतियां की है आइए उनके बारे में भी जाने उन्हीं के शब्दों में मैंने चार एकल नाटकों का अभिनय किया है जो किसी भी कलाकार के लिए किसी सघन प्रशिक्षण से कम नहीं होता है सन 2001 में मेरे मन में यह विचार आया कि मैं एकल नाटकों में अभिनय करके देखो उस समय हमारे शहर में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की श्री गोविंद गुप्ता मौजूद थे उनके निर्देशन में मैंने पहला एकल नाटक धूप का एक टुकड़ा किया इलाहाबाद में पहली बार किसी  रंगकर्मी में एकल अभिनय मंच पर किया था लोगों की प्रशंसा ने उत्साहवर्धन किया और सीख ली हमने उसका कुछ सुधार के साथ दूसरा मंचन

मुंशी प्रेमचंद और उनके नाटक विषय पर आधारित परिचर्चा का आयोजन

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शहर समता विचार मंच के तत्वावधान में साहित्य साधक मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर मुंशी प्रेमचंद और उनके नाटक विषय पर आधारित एक परिचर्चा का आयोजन, शहर समता विचार मंच की साहित्यिक संयोजक रचना सक्सेना के संयोजन में शाम चार बजे से गुगल मीट द्वारा सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस आयोजन का संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी और वरिष्ठ अधिवक्ता ऋतन्धरा मिश्रा ने किया। आयोजन की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नाटककार कवि साहित्यकार अजीत पुष्कल ने की एवं वरिष्ठ नाटककार समीक्षक डाक्टर अनुपम आनन्द मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ रंगकर्मी रंग निर्देशक सुषमा शर्मा विशिष्ट अतिथि रही। वरिष्ठ रंगकर्मी अजय केसरी एवं साहित्य प्रेमी शिवमूर्ति सिंह मुख्य वक्ता थे। इस आयोजन में अध्यक्षता कर रहे अजित पुष्कल जी ने मुंशी प्रेमचंद जी की साहित्य साधना पर विचार रखते हुऐ कहा कि वैसे हिंदी साहित्य में प्रेमचंद को नाटककार के रूप में नहीं माना जाता और कथाकार और उपन्यास के संदर्भ में उनकी ख्याति है मगर यह बहुत कम लोग जानते हैं प्रेमचंद ने नाटक तो नहीं लिखे हैं पर नाटक लिखने की लालसा उनमें बहुत अंदर तक थी और वह एक कहानी में उन्होंने लिखा है कि मैं नाटक नहीं ल

साहित्य साधक मुंशी प्रेमचंद की जयंती मनाई गई

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शाश्वत सांस्कृतिक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रयागराज के तत्वावधान में साहित्य साधक मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर प्रेमचंद की कहानियां और उनके नाटक विषय पर आधारित एक गोष्टी का आयोजन, गूगल मीट द्वारा सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस आयोजन का संचालन शाश्वत संस्था की महासचिव ऋतन्धरा मिश्रा ने किया। आयोजन की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध नाटककार कवि साहित्यकार अजीत पुष्कल ने की एवं वरिष्ठ नाटककार समीक्षक डाक्टर अनुपम आनन्द मुख्य अतिथि तथा वरिष्ठ रंगकर्मी रंग निर्देशक सुषमा शर्मा विशिष्ट अतिथि रही। वरिष्ठ रंगकर्मी अजय केसरी एवं साहित्य प्रेमी शिवमूर्ति सिंह मुख्य वक्ता थे। इस आयोजन में अध्यक्षता कर रहे अजित पुष्कल जी ने मुंशी प्रेमचंद जी की साहित्य साधना पर विचार रखते हुऐ कहा कि वैसे हिंदी साहित्य में प्रेमचंद को नाटककार के रूप में नहीं माना जाता और कथाकार और उपन्यास के संदर्भ में उनकी ख्याति है मगर यह बहुत कम लोग जानते हैं प्रेमचंद ने नाटक तो नहीं लिखे हैं पर नाटक लिखने की लालसा उनमें बहुत अंदर तक थी और वह एक कहानी में उन्होंने लिखा है कि मैं नाटक नहीं लिख सकता मगर उन्होंने राधेश्याम कथावाचक के एक नाटक

राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता और शिवजी को समर्पित रहा सावन उत्सव

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प्रयागराज। राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच के तत्वावधान में सावन के उपलक्ष्य में कवयित्री रचना सक्सेना प्रयागराज के संयोजन में आनलाइन “सावन उत्सव” का एक शानदार आयोजन लोकगीत पर आधारित कवयित्री सम्मेलन के रूप में किया गया जो दिनांक 6 जुलाई. से प्रारम्भ होकर 11 जुलाई,, 2020 तक चला। इसकी अध्यक्षता  महिला अधिवक्ता वेल्फेयर, कवयित्री एवं वरिष्ठ रंगकर्मी-रंग निर्देशक ऋतन्धरा मिश्रा ने की एवं मुख्य अतिथि मधु शुक्ला सचिव व्यंजना आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी एवं शिक्षिका प्रयाग संगीत समिति रही। इसका संचालन प्रयागराज की चर्चित शायरा डा. नीलिमा मिश्रा ने किया जो अत्यन्त सराहनीय रहा। उनकी आशुकविताओं से समां बाँध दिया। इस आयोजन का प्रारम्भ संयोजिका रचना सक्सेना की वाणी वंदना से हुआ, तत्पश्चात इस आयोजन में पांचों दिन अलग अलग अन्य कवयित्रियों ने अपनी वाणी वंदना से शुभारंभ करते हुऐ महफिल को लोकगीतों और कजरी से सजा दिया। जिसमे रुचि मटरेजा, रेनू मिश्रा, नीना मोहन, एवं डा० अर्चना पाण्डेय की वाणी वंदना शामिल रहीं। लेकिन पाँचों दिनों तक संचालन डा० नीलिमा मिेश्रा ने बाखूबी किया। कार्यक्रम का समापन डा. अर्चना पाण्डेय क

सावन के गीतों के साथ महिला रचनाकारों ने सावन उत्सव का शुभारंभ किया

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राष्ट्रीय महिला रचनाकार मंच प्रयागराज के तत्वावधान में सावन मास प्रारम्भ होने के उपलक्ष्य में सावन उत्सव हेतु एक कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया जो 6 जुलाई से प्रारम्भ हुआ है और कई दिनो तक लगातार चलेगा। इसके अंतर्गत पूरे भारत वर्ष की महिलाओं ने जुड़ कर सावन से संबंधित लोकगीत एवं कजरी की मनमोहक प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता ऋतन्धरा मिश्रा ने की। मुख्य अतिथि मधु शुक्ला और संचालन प्रयागराज की चर्चित शायरा डा. नीलिमा मिश्रा ने एवं संयोजन रचना सक्सेना जी का था एवं वाणी वंदना रुचि मटरेजा द्वारा किया गया। इस अवसर पर नंदिता मनीष सोनी नागपुर,मीना विवेक जैन वारासिवनी, प्रेमाराय प्रयागराज उर्मिला ग्रोवर लखनऊ, अर्चना जैन मण्डला, सम्पदा मिश्रा, अनामिका अमिताभ गौरव, सुधा शर्मा, नवनीता दुबे ष्नूपुरष्, डा.अर्चना पाण्डेय डा. लीला दीवान, सरिता श्रीवास्तव,दीपा परिहार दीप्ति जोधपुर, ने अपनी प्रस्तुति दी।

महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई ने काव्य गोष्ठी का आयोजन किया

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महिला काव्य मंच की काव्य गोष्ठी का आयोजन, महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई की अध्यक्ष श्रीमती रचना सक्सेना जी के संयोजन में महिला काव्य मंच पूर्वी उत्तर प्रदेश की अध्यक्षा आ मंजू पाण्डेय जी की अध्यक्षता में  गूगल मीट के द्वारा सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ। इस काव्य गोष्ठी  के अतिथि अभिषेक शुक्ला जी हाई कोर्ट बार संयुक्त सचिव प्रशासन थे कार्यक्रम का शुभारंभ महक जौनपुरी जी एव अतिथि के द्वारा माँ सरस्वती को मालार्पण और दीप प्रज्ज्वलित एवं रचना सक्सेना जी की वाणी वंदना से हुआ। संचालन डा नीलिमा मिश्रा जी के द्वारा किया गया। इस काव्य गोष्ठी में, महक जौनपुरी, रचना सक्सेना, डा. नीलिमा मिश्रा रचना उपाध्याय, उर्वशी उपाध्याय, कविता उपाध्याय, उमा सहाय, प्रेमाराय, मंजू निगम, मीरा सिन्हा ,जयश्री  सरिता श्रीवास्तव, रेनू मिश्रा, गीता जी, शाम्भवी, इन्दु बाला, अन्नपूर्णा मालवीय, डा. अर्चना पाण्डेय, अर्विना गहलोत, सम्पदा मिश्रा, डा. सविता श्रीवास्तव डॉ. आकांक्षा मिश्रा, चेतना चितेरी ऋतन्धरा मिश्रा, नीना मोहन, पुष्पलता लक्ष्मी, इन्दू सिन्हा एवं पूर्णिमा मालवीय आदि ने शिरकत की। 

अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर वर्चुअल योगा मीट का आयोजन

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस) द्वारा  पाँचवे इण्टर-स्कूल योगा मीट का आनलाइन आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि श्रीमती संयुक्ता भाटिया, मेयर, लखनऊ, ने योगा मीट का आनलाइन शुभारम्भ किया तथापि इस अवसर पर देश-विदेश की प्रख्यात हस्तियों ने अपनी आनलाइन मौजूदगी से समारोह की गरिमा में चार-चाँद लगा दिये। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक डा. जगदीश गाँधी, योगगुरू श्री अशोक केवलानी एवं कर्नल सत्यवीर सिंह के अलावा सी.एम.एस. के सभी कैम्पसों की प्रधानाचार्यायें एवं बड़ी संख्या में गणमान्य हस्तियों व योग प्रेमियों ने आनलाइन जुड़कर योग से निरोग का संदेश सारे विश्व में प्रवाहित किया। समारोह में बैंकाक से सुश्री गरिमा परमार, योगा ट्रेनर एवं इण्डोनेशिया से श्रीमती अमरप्रीत कौर ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। योगा मीट की विभिन्न प्रतियोगिताओं में देश भर के 25 से अधिक विद्यालयों के छात्रों ने प्रतिभाग कर योगासनों, यौगिक क्रियाओं एवं शारीरिक क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया, साथ ही देश की इस सांस्कृतिक विरासत को विश्व के कोने-कोने में पहँुचाया।  इस अवसर पर अपने संबोधन म

आनलाइन पोएट्री कम्पटीशन का आयोजन

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 सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस), लखनऊ द्वारा इण्टर-कैम्पस कविता पाठ प्रतियोगिता का आनलाइन आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता का आयोजन विद्यालय के इतिहास क्लब ‘एन्टिक्विटी’ के तत्वावधान में किया गया। प्रतियोगिता में लखनऊ के चार विख्यात कवि-कवित्रियों श्रीमती ज्योति सिन्हा, श्री अंशुमानी टंडन, श्रीमती विनीता मिश्रा एवं श्री चन्द्र शेखर वर्मा ने निर्णायकों की भूमिका निभाई। साथ ही, छात्रों को कविता एवं रचनात्मक लेखन के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें रचनात्मक लेखन हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होंने छात्रों को समझाते हुए एक स्वर से कहा कि वास्तव में कविता जीवन का सार है, जिसे हर कोई आत्मसात नहीं कर सकता।  यह आनलाइन कविता पाठ प्रतियोगिता ‘द प्रेडिकामेन्ट आफ द माइग्रेन्ट वर्कस इन द लाइट आफ नावेल कोरोना वायरस’ एवं ‘द वल्र्ड चेन्जेस विद द एडवेन्ट आफ कोविड-19’ विषयों पर आयोजित हुई, जिसके अन्तर्गत छात्रों ने अंग्रेजी एवं हिन्दी में अपनी स्वरचित रचनाओं को प्रस्तुत किया। प्रतियोगिता में 53 छात्रों ने प्रतिभाग किया तथापि 11 सर्वश्रेष्ठ बाल कवियों को कविता पाठ हेतु चयनित किया गया। इ

वल्र्ड यूनिटी प्रेयर का आनलाइन आयोजन

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजेन्द्र नगर (तृतीय कैम्पस), लखनऊ के छात्रों व शिक्षकों ने आज विश्व एकता एवं वैश्विक समस्याओं का समाधान हेतु जूम एप पर ‘विश्व एकता प्रार्थना’ का आनलाइन आयोजन किया। सी.एम.एस. छात्रों की यह वल्र्ड यूनिटी प्रेयर ‘शेयर्ड प्राब्लम्ब, शेयर्ड सल्यूशन’ थीम पर आधारित थी, जिसके माध्यम से छात्रों ने सम्पूर्ण विश्व में एकता, शान्ति व सौहार्द की पुरजोर अपील की। इस ‘विश्व एकता प्रार्थना’ के अन्तर्गत छात्रों ने अपने-अपने घरों में विभिन्न देशों के नागरिकों के रूप में, उनके पारम्परिक परिधान पहनकर, संयुक्त राष्ट संघ से संयुक्त राष्ट संघ से जोरदार अपील की कि वो कोविड-19, जलवायु परिवर्तन एवं आतंकवाद जैसी विभिन्न वैश्विक समस्याओं का समाधान हेतु विश्व के सभी देशों के बीच एकता व मित्रता का वातावरण तैयार करने का प्रयास करे। इस अवसर पर विद्यालय के एक छात्र ने ‘विश्व नागरिक’ की डेªस पहनकर विश्व में एकता व शान्ति की प्रार्थना की जो कि वर्तमान समय की महती आवश्यकता है क्योंकि कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को संकट में डाल दिया है।  छात्रों के अभिभावकों ने भी इस विश्व एकता प्रार्थना में जोरदार

छात्रों ने धरती को हरा-भरा बनाये रखने का संदेश दिया

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के सभी 18 कैम्पसों में आज आनलाइन ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ मनाया गया। इसी कड़ी में सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) द्वारा जूम एप पर वेबिनार का आयोजन सम्पन्न हुआ, जिसका विषय था ‘अर्थ, इन्वार्यनमेन्ट एण्ड कोविड-19’। इस इण्टरएक्टिव सेशन में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पर्यावरण एक्टिविस्ट एवं इण्टरनेशनल चिल्ड्रेन्स पीस प्राइज-2016 की विजेता सुश्री कहकशाँ बासु भी टोरंटो, कनाडा से शामिल हुई। इसके साथ ही, सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, सी.एम.एस. अलीगंज (प्रथम कैम्पस) की वरिष्ठ प्रधानाचार्या श्रीमती ज्योति कश्यप, प्रधानाचार्या श्रीमती शिवानी सिंह एवं 100 से अधिक छात्रों ने आनलाइन प्रतिभाग किया। इस वेबिनार में ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ की इस वर्ष की थीम ‘सेलिब्रेटिंग बायोडायर्सिटी’ पर चर्चा-परिचर्चा सम्पन्न हुई।  इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने पर्यावरण संरक्षण हेतु विद्यालय के शिक्षकों व छात्रों की आॅनलाइन मुहिम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रकृति प्रदत्त धरती के संसाधनों एवं इस धरती के अनुपम धरोहर पेड़-पौध

संतुलित पर्यावरण

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विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन एवं संयोजन ऋतंधरा मिश्रा के द्वारा इलाहाबाद महिला अधिवक्ता वेलफेयर एसोसिएशन के तत्वावधान मे पाँच जून को समय 11 बजे से 3 बजे तक आयोजित की गई आयोजित की गई। जिसमे मुख्य अतिथि अध्यक्ष राज्य विधिक परिषद उत्तर प्रदेश श्री देवेंद्र मिश्र नगरहा जी विशिष्ट अतिथि नवनिर्वाचित अध्यक्ष हाईकोर्ट बार एसोसिएशन अमरेंद्र सिंह और कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व अध्यक्ष हाई कोर्ट बार एसोसिएशन आई के चतुर्वेदी ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ अतिथियों ने माँ वीणापाणी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन किया। गोष्ठी का विषय ‘पर्यावरण और हम’ पर मुख्य अतिथि ने कहा कि वर्तमान में प्रदूषण व औद्योगिकरण शहरीकरण निर्माण कार्य के कारण से जय विविधता का ह्रास हो रहा है इसी क्रम में कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे आई के चतुर्वेदी जी ने कहा की प्रकृति मानव की सहचारी है प्रभाविता संतुलित पर्यावरण के द्वारा मानव को स्वास्थ्य जीवन प्रदान करती है गोष्ठी में आमंत्रित नवीन सिन्हा ने कहा कि यह पृथ्वी मांगती तुझसे ऐसा काम कर जाना अदब से नाम हो तेरा ऐसा काम कर जाना वरिष्ठ ए

मां गंगा दिवस के अवतरण पर गंगा का उदगम विषय परिचर्चा

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शाश्वत सांस्कृतिक साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था द्वारा आयोजित आनलाइन परिचर्चा मां गंगा दिवस के अवतरण पर गंगा का उद्गम विषय परिचर्चा हुई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में वरिष्ठ रंगकर्मी एवं अधिवक्ता ऋतंधरा मिश्रा जी ने कहा की  गंगा का उद्गम गोमुख जिसके हम सशरीर दर्शन करके आते हैं। वह असली गोमुख नहीं है वो तो मात्र संसार को वही तक रोकने का एक उपाय है क्योंकि वास्तविक गोमुख को हमेशा बचाकर सुरक्षित रखना है सदियों से लोग सशरीर वहीं से प्रणाम करके वापस आ जाते हैं क्योंकि असली गोमुख तक शरीर जाना संभव ही नहीं। पूरी गंगा अल्केमिकल प्रयोग है इस जगत में एक मात्र अनूठा अनुपम क्योंकि गंगा एक ऐसी इकलौती नदी है जो उद्गम से लेकर अंत तक एक रासायनिक द्रव्य में बदल दी गई थी जिसके जल में यह विशेषता पैदा कर दी गई थी कि सालों तक उसका जल बाहरी जीवाणुओं से प्रभावित नहीं हो सकता था। गंगा ही एक ऐसी नदी है जिस के जल में यह विशेषता पाई जाती है कि यदि उसमें आप अस्थियों को प्रवाहित करें तो वह पूर्णतया घुल जाती है इसलिए सनातन ने अस्थि विसर्जन के उपयुक्त केवल गंगा को कहा पर हड्डियों को गलाने की क्षमता रखते हुए भी गंगा अप

आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन

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शहर समता विचार मंच के तत्वावधान में प्रयागराज के वरिष्ठ कवि अशोक स्नेही जी की अध्यक्षता में एक आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ । इस काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि वरिष्ठ गजलकार तलब जौनपुरी एवं विशिष्ट अतिथि आ. शंभु नाथ त्रिपाठी  थे। आयोजन का प्रारम्भ माँ सरस्वती जी को मालार्पण और दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया और सरस्वती वंदना संयोजिका रचना सक्सेना द्वारा प्रस्तुत की गयी। डा. नीलिमा मिश्रा के प्रभावशाली एवं सुंदर संचालन द्वारा प्रयागराज के अनेक कवि एवं कवयित्रियों नें अपनी सुंदर-सुंदर रचनाओ को पटल पर रख अपने भावों का आदान-प्रदान किया। इस काव्य गोष्ठी का संयोजन श्रीमती रचना सक्सेना एवं  राजेश सिंह राज ने किया। इस काव्य गोष्ठी में रचना सक्सेना, गीता सिंह, मीरा सिन्हा, प्रेमा राय, तलब जौनपुरी, उमा सहाय शिवानी मिश्रा, शिवराम गुप्ता, कविता उपाध्याय, जया मोहन, मुकुल मतवाला, वी के  तिवारी, संजय सक्सेना, शंभुनाथ त्रिपाठी, महक जौनपुरी, नीना मोहन, सरिता श्रीवास्तव, उर्वशी उपाध्याय, राजेश सिंह राज, ऋतन्धरा मिश्रा, अभिषेक  केसरवानी, उमेश श्रीवास्तव, डा. नीलिमा मिश्रा, अशोक स्नेह

साहित्य प्रेमी एक पुलिस कर्मी

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आनलाइन संगोष्ठी उमेश श्रीवास्तव की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। यह संगोष्ठी, कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उमेश श्रीवास्तव जी की माता श्रीमती सावित्री देवी की 25 वी एवं  संयोजिका ऋतन्धरा मिश्रा जी के पिता साहित्य प्रेमी एवं पुलिस कर्मी डा. देवेन्द्र कुमार मिश्र जी की 7 वी पुण्यतिथि पर आधारित थी। संगोष्ठी का विषय था साहित्य प्रेमी एक पुलिस कर्मी इस अवसर  पर ऋतंधरा मिश्रा ने अपने पिताजी को एक पुस्तक समर्पित की जो अमेजन पर प्रकाशित भी हो चुकी है पुस्तक का नाम है देवेंद्र लघुकथा संग्रह जिसमें प्रयाग की सशक्त हस्ताक्षर महिला काव्य मंच  प्रयागराज ईकाई की अध्यक्ष रचना सक्सेना, रमोला रूथ लाल, जया मोहन, सविता गुप्ता, प्रतिभा मिश्रा, सरिता श्रीवास्तव, ऋषा मिश्रा, शिवानी मिश्रा, नंदिता एकांकी, साधना मिश्रा, विकास गुप्ता और ऋतंधरा मिश्रा की लघु कथा शामिल है इस संगोष्ठी का शुभारंभ अतिथि एवं अध्यक्ष द्वारा माँ सरस्वती को पुष्प अर्पण एवं ऋतन्धरा मिश्रा की वाणी वंदना से हुआ तत्पश्चात अतिथि शंभु नाथ त्रिपाठी जी एवं वरिष्ठ रंगकर्मी सुषमा शर्माजी  ने श्रद्धांजलि स्वरुप अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया तथा