नारी हूँ मैं
महिला काव्य मंच प्रयागराज ईकाई के तत्वावधान में अध्यक्ष रचना सक्सेना और महासचिव ऋतन्धरा मिश्रा के संयोजन में पुस्तक पर आधारित एक परिचर्चा के आयोजन का किया गया था। पुस्तक परिचर्चा के अंतर्गत अनेक कवयित्रियों पर हो चुकी परिचर्चा में कवयित्री डा. उपासना पाण्डेय के काव्य संग्रह ’नारी हूँ मैं’ पर केन्द्रित परिचर्चा की गयी जिसमें मंच की अनेक महिला साहित्यकारों के साथ-साथ अन्य अनेक गुणीजनों एवं साहित्यकारों ने भी उनके काव्य संग्रह पर अपने समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत किये। प्रयागराज की वरिष्ठ कवयित्री एवं लेखिका ’देवयानी’ पुस्तक पर अपने विचार व्यक्त करते हुऐ कहती हैं कि नारी के विविध रूपों का चित्रण है नारी हूँ मैं। काव्य संग्रह में न केवल नारी का विविध रूप है ,उसमें नारी का सौन्दर्य उसका हृदय,उसकी भावना, त्याग, पीड़ा, आजादी की तड़प और मजबूरी भी हैद्य नारी रूप और नारी संवेदनाओं का यह उत्तम संग्रह है। वरिष्ठ कवयित्री ’उमा सहाय’ लिखती है कि उपासना ने नारी को अबला न समझा और न ही कहीं दिखाया है अपितु नारी को सबला, सृजनात्मक और गुणों में पुरुष से श्रेष्ठ समझा है वरिष्ठ कवयित्री तथा लेखिका कहानीकार ’म