दाँतों के दर्द

स्वस्थ शरीर के लिए दाँतों को सशक्त एवं निरोगी होना अति आवश्यक हे। स्वस्थ मनुष्य के लिए स्वस्थ दाँत होना सूचक माना गया है।
दाँत शरीर का एक अमूल्य भाग होता है, क्योंकि इसके जरिए हम अनेकों प्रकार के व्यंजनों का स्वाद लेते हैं और उन्हीं की बदौलत व्यक्ति मुस्कराते है और स्वस्थ जाने जाते हैं। किन्तु किसी भी वस्तु का मूल्य तब पता चलता है, जब हम उसे खो देते हैं। इसी तरह दाँतों का असली मूल्य वही बता सकता है, जिसका ठीक सामने वाले का दाँत टूटा हो या कई दाँत एक साथ टूटें हो वो न तो किसी के सामने हंस पाता है, न ही ठीक से खा पाता है।
वैसे तो इस दाँत की गाथा बहुत खराब है, उस पर हमारा तबज्जो तक नहीं जाता, जब तक इसका हाल रो-रोकर यानि टूटकर इतना खराब नहीं हो जाता कि हमारी रातों की नींद हराम नहीं हो जाती, किसी पहलवान का कहना है कि बड़े से बड़ा पहलवान भी दाँतों के दर्द को बर्दास्त नहीं कर पाता है, इसकी शुरूआत कुछ इस तरह होती है, जब खुशियों के अवसर पर मिठाइयाँ खाते है तो खुशियों में हम इतना व्यस्त हो जाते है कि दाँतों को हम ठीक से साफ भी नहीं करते हैं। मिठाइयों के कण जो दाँतों के बीच में फंस जाते है और वह मुँह में रह रहे कीटाणुओं का भोजन बन जाते है।
जिनके द्वारा एसिड उत्पन्न हो जाती है दाँतों को गला देने की क्षमता रखता है और दाँतों में कई सूक्ष्म छेद बन जाते है जिनमें कीटाणु अपना घर बना देते है और जैसे-जैसे इनकी संख्या बढ़ती जाती है वैसे ही ये अपने घर का विस्तार कर देते हैं, जब तक दाँत पूरा खोखला नहीं हो जाता है और एक दिन टूट जाता है और विकृत रूप धारण कर लेता है। इस बीच दाँत हमें कई बार उसे बचाने के संदेश देता है, जैसे दाँत में टीस उठना, मीठा दर्द होना, दाँतों में बदबू आना, ठंडा व गर्म पानी लगना इत्यादि और अगर हम तब भी सचेत नहीं होते है, तब हमें भयंकर दर्द का अहसास करता है और अपने प्राण त्याग देता है, इस बीच अगर हम सचेत हो जाए तो किसी दंत चिकित्सक की सलाह लेकर उसे बचा सकते है। और आज की बढ़ती टेक्नोलाॅजी युग में दाँतों को किसी भी अवस्था में बचाया जा सकता है।
दाँतों को बचाने के उपायः-
1. हमेशा मुलायम टूथब्रश का प्रयोग करें।
2. फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग करें।
3. रोज दो बार ब्रश करें।
(सुबह और सोने से पहले)
4. मसूढ़ों की सफाई और मालिश करें।
5. मीठे और चिपचिपे पदार्थ न खायें।
6. साफ उँगलियों से कड़वे (सरसो) के तेल में नमक के साथ मसूढ़ों की मालिश करें।
7. जब भी कुछ खायें उसके बाद पानी से कुल्ला अवश्य करें।
8. नियमानुसार खायें और बीच में कुछ न खायें।
साल में दो बार दंत चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। प्रतिदिन के नियम और संयम से हम अपने दाँतों को मजबूत सुंदर, चमकीले और पूर्ण यप से सवस्थ बना सकते है।


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