फांसी द्वारा मृत्यु के ग्रह योग


फांसी द्वारा मृत्यु तीन कारणों से होती है। 
1. राजा या सरकार द्वारा अपराधी को फांसी की सजा दी जाये। 
2. कोई शख्स फांसी से लटक कर आत्महत्या करे। 
3. किसी व्यक्ति की फांसी द्वारा हत्या की जाये।
 ज्योतिष के अनुसार कोई भी लंबी पतली वस्तु केतु के अंदर आती है अतः रस्सी, साड़ी अंगोछा, तार डोरी, हंटर या या गला घोंटने के काम आने वाली वस्तु या हाथों द्वारा किसी का गला घोंटना आदि फांसी से होने वाली मृत्यु मे गला, जो पाराशरी व जैमिनी ज्योतिष में केतु, तृतीय भाव, मिथुन राशि व बुघ में आता है। सांस का अवरूद्ध होना फेफड़े, श्वास, श्वसन तंत्र श्वास के सभी रोग सांस फूलना, दमा आदि बुघ, तृतीय भाव व मिथुन राशि में आते है। शनि व राहू वायु तत्व के ग्रह है। बुध के दो शत्रु ग्रह मंगल और केतु है। बुध ग्रह, तृतीय भाव या मिथुन राषि यदि किसी भी रूप में मंगल या  केतु ग्रहों या उनकी राशि से संबध बनाये तो फाँसी द्वारा मृत्यु होगी।
फांसी के ग्रह योगः- 
1. यदि लग्नेश 6, 8, या 12 वें भाव मे राहू/केतु या कार्मिक ग्रह के साथ हो तो अकाल और अप्राकृतिक मृत्यु देता है।
2. यदि मंगल केतु, की युति 3, 8 या 12 वें भाव में हो तो फांसी या घात से मृत्यु होगी।
3. अष्ठमेश यदि पाश, या सर्प देष्काण मे हो तो उस देष्काण स्वामी की दशा मे जातक की फांसी द्वारा मृत्यु होगी वृश्चिक मे प्रथम, कर्क के द्वितीय व मीन के तृतीय देष्काण सर्प देष्काण है।
4. अष्ठमेश जिस ग्रह के देष्काण मे हो वह ग्रह जमांक मे शनि या राहू या केतु से युत हो तो जातक की फांसी द्वारा मृत्यु होगी 
5. लग्नेश व दशमेश दोनो राहू केतु से युत होकर दुष्ट भाव में हो तो जातक की फांसी द्वारा मृत्यु होगी 
6. चतुर्थ या दशम भाव मे मंगल शनि व सूर्य शनि योग हो तो जातक की बिजली गिरने, ऊँचाई से गिरने या फांसी द्वारा मृत्यु होगी 
7. पुरूष जमांक मे यदि बलहीन शुक्र पापर्कतरी में तथा शुक्र पर कोई शुभ प्रभाव ना हो तो पत्नी की अकाल या फांसी द्वारा मृत्यु होगी। 
8. नवांश लग्न का दशमेष यदि जमांक मे राहू केतु ये युत हो तो जातक की फांसी द्वारा मृत्यु होगी। 
9. शनि मंगल योग 8 वे भाव मे हो तो फांसी द्वारा मृत्यु कुछ केस होगी।  
10. चतुर्थ भाव मे सूर्य व दशम भाव में मंगल क्षीण चन्द्र से दृष्ट हो द्वितीयेश व षष्ठेश या लग्नेश और षष्ठेश राहू केतु से युत होकर त्रिक भाव में हो तो जातक की फांसी द्वारा मृत्यु होगी। 
11. चतुर्थ भाव मे सूर्य या मंगल व दशम भाव मे सूर्य या षनि हो फांसी द्वारा मृत्यु होगी। 
12. लग्न व त्रिकोण मे पाप ग्रह या सूर्य, शनि मंगल क्षीण चन्द्रमा के साथ हो तो दुर्घटना या फांसी द्वारा मृत्यु होगी। 


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