ज्योतिष और संपत्ति की अदृश्य बाधायें

यह बात सुनने मे बड़ी अजीब किन्तु सौ फीसदी सच है कि दुनिया मे कई संपत्तियों पर कुछ अदृश बाधायें सक्रिय रहती हैं, जो संपत्ति मालिक को संपति सुख रहित या अत्याधिक न्यून कर देती है। यह बाधायें भूत प्रेत या मनहूस संपति या अदृश्य शापों के रूप मे होती है। ऐसी संपत्तियों मे अक्सर वास्तु दोष पाया जाता है। संपति बाधाओं के कुछ लक्षण नीचे दिये जा रहे हैं।

1. कुछ व्यक्ति जीवन मे मकान या संपत्ति खरीदने का बार-बार प्रयास करते हैं। लकिन हर बार किसी ना किसी कारण से असफल होते है। हर बार कोई ना कोई ऐसी जटिल समस्या आ जाती है और सारी योजना चैपट हो जाती है।
2. कुछ लोग आजीवन किराये के मकान मे ही रह कर मर जाते हैं।
3. कुछ लोगों की संपति पर पीढी दर पीढी मुुकदमे चलते है या उनकी भूमि बंजर रहती है। और मकान या भवन खंडहर के रूप मे रह जाते हैं। कुछ लोगों की संपति का उपयोग दूसरे लोग करते है।
4. कभी-कभी व्यक्ति सपत्ति खरीदता तो है बाद मे पता चलता है कि वह झगड़े की है या कई लोगो को बिकी हुयी है या सरकार द्वारा अधिग्रहीत, बैंक मे गिरवी है या भारी कर्जग्रस्त है।
5. कुछ लोग भूमि, मकान आदि का बयाना देते है, फिर किसी कारणवश जैसे लोन का पास ना होना या धनाभाव में संपति खरीद नही पाते हैं और उनका बयाना भी डूब जाता है।
6. एक व्यक्ति ने मकान खरीदा वह सरकारी नौकरी मे था उसका तबादला कही दूर हो गया जहां पर वह किराये के मकान मे रहा पूरी नौकरी के दौरान वह अपनी संपत्ति से दूर ही रहा जब वह रिटायर होने वाला था कि उसकी मृत्यु हो गयी अपनी संपत्ति का सुख भोगना उसकी किस्मत मे नही था।
7. कुछ लोग अजीवन किराये के मकान मे रहते है। भारी उन्नति करते है। पर संपत्ति खरीदते ही भारी घाटे या गंभीर बीमारियों के शिकार हो जाते हैं।
संपत्ति मे अदृश्य बाधायें के लक्षण:-
1. धनी होने पर भी संपत्ति ना खरीद पाना।
2. जातक की संपत्ति कोई अन्य हड़प ले, उपयोग करे या कब्जा कर ले और और वह खुद किराये के मकान मे रहे।
3. पैत्रिक संपत्ति नष्ट हो जाये या उसे पैत्रिक संपति मे उसे हक ना मिले।
4. नये मकान मे आने पर किसी परिजन की मृत्यु या गंभीर दुर्घटनाग्रस्त या पागल हो जाये।
5. मकान मे चोरी, आगजनी हो जाये या जातक को भोगना उसकी किस्मत मे नही था संपत्ति खरीदते ही भारी घाटा हो जाये।
संपत्ति मे अदृश्य बाधायें के कारण:-
1. गत जंम या इस जंम मे दुघारू जानवरों की हत्या या उसे घर से निकाल दे।
2. गत जंम या इस जंम मे माता-पिता को घर से निकाल दे।
3. मंदिर या उसकी जमीन को छलपूर्वक हड़प कर बेचना या उस पर मकान आदि बना कर रहना।
4. गत जंम या इस जंम मे किसी जायदाद हड़प कर उसे उसे उसकी जायदाद से बेदखल करना।
5. दूसरे आदमी की जमीन सा मकान धोखे से बेच लेना या या अपनी बेच कर पैसा लेकर भी जमीन या मकान खरीदार को ना देना।
अदृश्य बाधायें के ज्योतिषीय सूत्र:-
 जमंाक के चतुर्थ भाव से खेत, मकान, दूकान या जमीन का अध्यययन किया जाता है।
अष्ठम भाव ये बाबा की संपत्ति, द्वादश से पिता नाना की संपति, तृतीय भाव से नाना की संपत्ति, द्वितीय भाव से स्थाई संपति व उससे प्राप्त आय देखी जाती है। 
1. यदि चतुर्थ भाव व अष्ठमेश दोनो पापग्रस्त हों या त्रिक भाव मे नीच या शत्रु राशिगत हों तो संपति मे अदृश्य बाधायें होती है।
2. यदि चतुर्थ भाव मे सूर्य या चन्द्र राहू केतु से युत हों या चतुर्थेश, वक्री,या पापकत्र्तरी मे हो।
3. चतुर्थ भाव व चतुर्थेश निर्बल व पापकत्र्तरी मे हो।
4. मंगन-शनि चतुर्थ भाव मे हो तथा चतुर्थेश व अष्ठमेया पापग्रस्त हों। जातक के संबधी व अन्य लोग उसकी संपति हड़प लें।
5. चतुर्थ भाव मे कालसर्प योग हो।
6. कही भी मंगल-राहू या बुध राहू योग हो। 
7. जमंाक मे मंगल नीच का होकर शनि राहू से युत या दृष्ट हो यदि केतु से युत या दृष्ट हो तो आग से खतरा हो।
8. जमंाक मे बुध-मंगल, बुघ-चन्द्र, बुघ-केतु या बुध नीच का हो।
9. चतुर्थ भाव मे मांदि हो या मांदि चतुर्थंेश या बुध, शुक्र, या मंगल से युत हो।
10. जमांक मे शुक्र-राहू या शुक्र केतु युति हो या शुक्र नीच का हो।
उपचार
1. घर के प्रमुख दरवाजे पर शनि मंत्रों से अभिमंत्रित काले घोड़े की नाल लगवायें।
2. भूमि या मकान पर भूमि देवी या भूमिपुत्र मंगल का हवन करवायें।
3. ऋग्वेद के भू-सूक्त के कवच मंत्रों से हवन करवायें।
4. क्षेत्र देवता व ग्रामदेवता की पूजा करें या करवाये।
5. भूमि या भवन मे मंगल या वास्तुदेवता का अभिमंत्रित कवच स्थापित करवायें।


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