नागालैण्ड की स्थापन

नागालैण्ड भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है, इसकी राजधानी कोहिमा है, नागालैंड में ११ जिले हैं। जबकि दीमापुर राज्य का सबसे बड़ा नगर है। नागालैण्ड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व मे बर्मा से और दक्षिण मे मणिपुर से मिलती है। नागालैण्ड राज्य में कुल 16 जनजातियां निवास करती हैं। प्रत्येक जनजाति अपने विशिष्ट रीति-रिवाजों, भाषा और पोशाक के कारण दूसरी से भिन्न है, हालांकि, भाषा और धर्म दो सेतु हैं, जो इन जनजातियों को आपस में जोड़ते हैं। अंग्रेजी राज्य की आधिकारिक भाषा है। यह शिक्षा की भाषा भी है और अधिकांश निवासियों द्वारा बोली जाती है। नागालैंड भारत के उन तीन राज्यों में से एक है, जहां ईसाई धर्म के अनुयायी जनसंख्या में बहुमत में हैं।,
राज्य ने 1950 के दशक में विद्रोह और साथ ही अंतर-जातीय संघर्ष देखा है। हिंसा और असुरक्षा ने नागालैंड के आर्थिक विकास को सीमित कर दिया था, क्योंकि इसे कानून, व्यवस्था और सुरक्षा के लिए अपने दुर्लभ संसाधनों को प्रतिबद्ध करना था। हालांकि पिछले डेढ़ दशकों में, राज्य में हिंसा काफी कम हुई है, पूर्वोत्तर क्षेत्र में सबसे तेजी से विकसित हो रहा राज्य बन पाया है।
नागालैण्ड की स्थापना 1 दिसम्बर 1963 को भारत के 16वें राज्य के रूप मे हुई थी। असम घाटी के किनारे बसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर राज्य का अधिकतर हिस्सा पहाड़ी है। राज्य के कुल क्षेत्रफल का केवल 9 प्रतिशत हिस्सा समतल जमीन पर है। नागालैण्ड में सबसे उँची चोटी माउंट सरामति है जिसकी समुंद्र तल से उँचाई 3840 मी है। यह पहाड़ी और इसकी शृंखलाएं नागालैंड और बर्मा के बीच प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती हैं। यह राज्य वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता का घर है
इस राज्य का इतिहास बर्मा और असम से मिलता-जुलता है लेकिन कुछ मतों के अनुसार इस राज्य का नाम अंग्रेजों ने नागा (यह नाग लोगो की भूमि है हिन्दी मे) के अनुसार रखा था। भारत में नाग लोगो की संख्या बहुमत में है ये नाग लोग वैसे तो पूरे भारत में निवास करते हैं परंतु महाराष्ट्र और नागालैंड में इनके नाम से राज्य एवं जिले का नाम पड़ा है
प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रजो ने बहुत से नागा लोगों को युद्ध में लड़ने के लिए फ्रांस और यूरोप भेजा। जो लोग युद्ध में लड़ने बाहर गये और जब वे लोग भारत वापस आए तो उन्होने नागा नॅश्नलिस्ट मूवमेंट की स्थापना की थी। भारत की आजादी के दौरान नागालेंड असम के अंतर्गत था लेकिन नागा लोग अपना विकास चाहते थे। इसी कारण से वे किसी केन्द्रीय सरकार से जुड़ना चाहते थे। सन् 1955 में भारत सरकार ने भारतीय सेना की एक टुकड़ी नागालेंड भेजी और स्न 1957 में भारत सरकार और नागा लोगों के बेच विलय की बातचीत शुरू हुए जिसके अन्तर्गत् नागालैंड 1 दिसम्बर 1963 को भारत का 16वाँ राज्य बना।


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