तमिल वास्तुशास्त्र

तमिल वास्तुशास्त्र तथा नाड़ी ग्रन्थांे में कुछ ऐसे चमत्कारी नियमों का वर्णन मिलता है कि जिनके द्वारा किसी भी मकान, भवन, दुकान, गांव, मंदिर को देख कर भवन, मकान स्वामी गांव, मंदिर, पुजारी या दुकान के बारे मे सटीक भविष्यवाणी संभव होता है। यद्यपि नाड़ी ग्रन्थों में जमांक के द्वारा जातक के जंम स्थान, जंम भवन तथा उसके आसपास के जमीन भवन, मकान कँुआ, तालाब, नदी, पहाड़, स्कूल, पार्क खंडहर, देवताओं के मंदिर खेत, बाग बगीचे का विवरण पाया जाता है। परन्तु मकान, भवन, दुकान, गांव, मंदिर को देख कर भविष्यवाणी करना चमत्कार से कम नही है। गांव, मकान, भवन, दुकान, गांव, मंदिर गांव, कस्बे के प्रवेश द्वार तथा कई मकानों की बनावट को देख कर भवन, मकान स्वामी गांव, मंदिर, पुजारी उस स्थान तथा वहांँ के निवासियों के बारे मे निम्न वर्णन किया गया।
1. गांव मे घुसते ही गुरू जी ने कहा कि यहाँ के निवासी धार्मिक, धनी, शिक्षित और आदर्शवादी है। प्रवेष द्वार पर मंदिर व पीपल का पेड़ था।
2. एक अंय गांव मे घुसते ही गुरू जी बोले यहाँ के निवासी, अनैतिक, संतों, साधकों को अपार कष्ट देने वाले दान व दयाहीन तथा पापी है।
3. एक मकान मे घुसते ही गुरू जी ने कहा कि तुम पुत्र हीन हो तुमने पाप किये है। जिसकी सजा मिल रही है। मुख्य द्वार के दांयी ओर कोई खिड़की नही थी तथा मकान का दायां भाग टूटा हुआ था।
4. एक अंय मकान में घुसते ही गुरू जी ने कहा कि मकान मालिक की बहन के अंय जाति के व्यक्ति से अवैध संबध है। तथा बदनाम है। इसका पड़ोसी कष्ट मे है। और गूंगा है। मुख्य द्वार की बांयी ओर की खिड़की क्षतिग्रस्त थी आस-पास प्लास्तर भी उखड़ा हुआ था मकान का एक दरवाजा गली मे खुलता था।
5. एक दुकान मे गुरू जी ने दुकानदार से कहा कि तुम इस व्यापार से धन नही कमा पाओंगें यहाँ जिन्होने ने भी काम किया है। उन्हें घाटा हुआ है। तुम्हें दूसरे स्थान पर जाना पड़ेगा दुकान के सामने एक बड़ा मैदान था दुकान के अंदर सीलन थी जिससे दीवाल मे कई घब्बे बने थे तथा दुकान की सीढियां टूटी हुयी थी दुकान राहू ग्रस्त थी दुकान दार के भाई से संबध खराब रहेंगंे रोगी पारिवारिक सुख विहीन।
6. एक मकान मालिक से गुरू जी ने कहा कि तुम गत छह माह से परेशान हो तुम तनाव और भ्रम व घाटे मे हो अगलें छह माह मे सब ठीक हो जायेगा।
6. एक मकान मालिक से गुरू जी ने कहा कि इस मकान इस मकान की एक महिला व्यभिचार के कारण घर से भाग गयी है। मकान के मुख्य दरवाजे के ठीक सामने बेडरूम था।
7. एक मंदिर देखकर गुरू ने कहा कि इस मंदिर को बनाने वाले ने अनैतिक तथा अवैध धन कमाया है। यह चरित्रहीन तथा इसके एक महिला से अवैध संबध है। यह सिफलिस और अंय यौन रोगों से ग्रस्त है। विवरण जाँच मे सत्य पाया गया मंदिर का हाल अंधेरे में डूबा है। सत्य पाया गया मंदिर का हाल अंधेरे में डूबा है।
8. एक मकान देख कर गुरू ने कहा कि इस घर मंे चाहे जितना घन आ जाये पर इस घर की गरीबी नही मिटेगी यहाँ राहू कष्ट दे रहा है, तिराहे पर बना मकान।
8. एक मकान देखकर गुरू ने सलाह दी कि इसका मुख्य दरवाजा बगल मे स्थानान्तरित कर दो सौभाग्य आ जायेगा दरवाजे के ठीक सामने पेड़, खंभा या ठूठ था।
10. एक मंदिर देखकर गुरू ने कहा कि इसका मालिक धनी व शिक्षित है। यहाँ एक वर्ष मे किसी का विवाह होगा।
भृगु नंदी नाड़ी के व्याख्याकार स्व. आर.जी. राव नाड़ी वास्तु पर एक रोचक पुस्तक लिखी है। उस विलुप्त प्राय पुस्तक के कुछ प्रमुख सूत्र प्रस्तुत लेख मे दिये जा रहे है।
1. शिष्य ने पूछा गुरूजी आज आपने एक गांव देखकर कहा कि यहां के निवासी दुष्ट वे सज्जनों को गांव से भगा देंगें।
2. एक मंदिर के पुजारी को देखकर आपने कहा हि इसे पुश्तैनी धन मिला है। और मंदिर को देखकर कहा कि मंदिर अवैध, अन्यायपूर्ण ढंग से धन हड़प कर बना है अतः इसका प्रबंधक गठिया रोग से ग्रसित रहेगा और उसके घर के कई सदस्य अकाल मृत्यु को प्राप्त होंगें।
3. एक दुकान देख कर कहा कि दुकान अशुभ है। जो भी धन इसमें लगाया जायेगा तब भी मुनाफा नही होगा तिराहे पर बनी दुकान।
एक मकान देख कर आपने कहा कि यह संतानहीन होगा एक बाहरी लड़की गोद लेगा यह लड़की भी आपने विवाह के सिलसिले मे दूसरे परिवार मे भेज दी जायेगी एक अंय मकान देखकर आपने कहा कि इस घर की मालकिन एक आर्दश, दयालु और धार्मिक विचारों वाली होगी पर उसके कुछ गुप्त संबध होगंे उसका पति घोर शराबी, आलसी दरिद्र होगा एक अंय अवसर पर गुरू जी ने कहा कि यह व्यक्ति सौभाग्यशाली होगा एक विशाल मकान को देख कर गुरू जी बोले कि इसके मालिक ने बड़े संघर्ष से धन कमाया है। यह वेद ज्ञानी है। एक पुत्र पर बृहस्पति की कृपा है दूसरा पुत्र दिव्य और बुद्धिमान है। यदि पष्च्छिम दिशा मे मुख्य द्वार हो।
एक मंदिर के पुजारी को देखकर कहा कि यह मंदिर समृद्ध नही होगा और इसका पुजारी सुखी और शांत रहेगा मंदिर और मूर्ति वास्तुशास्त्र के विरूद्ध बनी है। मूर्ति की भौंहे मोटी है। जो मंगली दोष बना रही है। तेज नुकीली नाक, गुरू दोष गाल सपाट हैं शुक्र दोष तथा ठुडडी तश्तरी के समान समतल है। पुजारी के मकान के घर बगल मे बांये हाथ पर पानी से घिसा एक बड़ा चिकना गोल पत्थर है। अतः मकान पुजारी के पिता का बनवाया है। पत्थर के एक भाग पर कमरे का एक भाग है। यहां एक खिड़की बनी है। कमरे के पष्च्छिम मे उस पत्थर के सामने पत्थर पर एक छोटा दरवाजा है। गोल पत्थर राहू और छोटा दरवाजा केतु को बता रहा है। बांये हाथ की खिड़की घर की स्त्री संतान को बता रही है यह सब बताते है कि मकान मालिक की पुत्री या माँ अंय जाति के पुरूष के सम्पर्क मे है। यह महिलाये घर जाने के बाद भारी कष्ट मे रहेंगीं और अपना जीवन समाप्त कर लेंगी।
शिष्य द्वारा पूछ गये प्रश्नों का गुरूजी ने निम्न जवाब दिया 1. प्रश्न न0 2-पूरा गांव एक उँचे टीले पर बसा है। तथा जमीन दलदलीय है गांव के एक सिरे पर पीपल का जला तना जिसके नीचे कई जले पत्थरों का चबूतरा था गांव के चारों ओर बदबू फैली हुयी थी और वातावरण मे शांति का अभाव था तथा जो मंगल या अंगारक नीचत्व का प्रतीक है। अतः यहाँ के निवासी दुष्ट है। गांव की सीमा पर एक पीपल का पंेड़ था यहाँ उसके नीचे सर्प गुफा के पास कई पवित्र पत्थर लगे थे जो बताता है। कि यहाँ धार्मिक तथा दैवी विचारों वाले लोंगों का वास था लेकिन दुष्ट लोगों ने पीपल वृक्ष को जलावनी लकड़ी तथा कोयला बनाने हेतु काट दिया था अतः इस गांव मे भले लोगों के लिये कोई स्थान नही था।
2. प्रश्न न0 7- मंदिर तिराहे पर बना था अतः यह कभी समृद्ध नही होगा1
कुछ विशेष नियम-
1. यदि मकान के अंदर गेट के ठीक सामने कोई गलियारा है। या मकान के पास कोई कोई खंडहर या सूखा पेड़ है। या मकान के चारों ओर या सामने पत्थर के खंभे या पत्थरों का ढेर है। विवाद, मतभेद हों तो मालिक को बहुत थोड़ी आय होगी
2. यदि मकान के दांये के मुख्य दरवाजे के दांयी ओर खिड़की ना हो या क्षतिग्रस्त खिड़की हो तो मालिक पुत्रहीन हो या पुत्र के हों तथा पुत्र की आय और यश मे बाधायें आयेंगी सूर्य राहू।
3. यदि मकान के दांये के मुख्य दरवाजे के बांयी ओर खिड़की ना हो या क्षतिग्रस्त खिड़की हो तो घर की महिलायें को वात रोग गर्भाशय आदि के रोग भारी बाधाये आयें या पुत्रियां ना पैदा हों। यदि खिड़की के पास गलियारा हो तो केतु दोष हो महिलायें दरिद्र व बीमार रहें।
3. यदि मकान मे मुख्य दरवाजे के अलावा मकान के दांये बाई साईड की रोड या गली मे कोई अंय दरवाजा भी हो तो महिला दयालु और दानी हो पर उसके विवाहेतर संबध हों यदि मकान मे प्रवेश केवल एक ही दरवाजा हो तो मालिक व पत्नी महा कंजूस हो। या मकान मे प्रवेश के दो मुख्य दरवाजे हों तो घर की एक महिला के विवाहेतर संबध हों।
मकान मे प्रवेश द्वार की सीढियंा शनि को बताती है। यदि सीढियां क्षतिग्रस्त है। तो मालिक की आय निरन्तर घटती जायेगी।
4. मकान के मुख्यद्वार की बांयी खिड़की मालिक की माँ, पुत्री व पत्नी को बताती है। इसके पास उखड़ा प्लास्तर या टूटी खिड़की का फ्रेम या मकान का उपरी भाग बांयी ओर से टूटा घर की महिलाओं को कष्ट देगा मकान के मुख्यद्वार की दांयी खिड़की मालिक के पिता व पुत्र को बताती है। इसके पास उखड़ा प्लास्तर या टूटी खिड़की का फ्रेम या मकान का उपरी भाग दांयी ओर से टूटा घर के पिता व पुत्र को कष्ट देगा।
5. मकान के पास सड़क के पार यदि कोई वीरान मैदान, टूटी दीवारें, शमशान, कब्र, खंडहर या पेड़ का ठूठ हो तो घर मे अशांति रोग और कर्ज ग्रस्तता रहे। इसका मुख्य कारण अमावस और पूर्णिमा की रात मकान के आस पास प्रेतात्मायें भटकें। यदि मकान में कोई अंधेरा कमरा हो तो यह फल शर्तिया प्राप्त होंगें।
5. यदि मकान के पूर्व दिशा मे बेडरूम हो तो मकान मालिक की पत्नी क्रोधी स्वभाव की होगी यदि पूर्व दिशा में भोजन कक्ष हो तो भवन स्वामी की प्रगति मे बाधायें आयेंगी। यदि मकान के पूर्व दिशा मे अन्न भंडार हो तो तो भवन स्वामी बहुत यात्रायें करें।
6. यदि मकान के दक्षिण पूर्व में पानी की टंकी या खाद्य पदार्थों का बड़ा ढेर या गोदाम हो तो पत्नी या पुत्री बीमार व अकारण बदनाम हो। मकान स्वामी कर्जग्रस्त हो तथा आय से अधिक खर्च हो। यदि बेडरूम व किचिन आसपास सामने या एक ही हो पति क्रोधी व निर्बल हो कलह होे यदि दक्षिण दिशा मे कैश या काॅस्मैटिक का सामान रखा हो घर में धन का प्रवाह ना हो। यदि घर के सदस्य दक्षिण दिशा के बेडरूम भोजन करते है। तो उन्हे रोग व आलस हो यदि वे बेड पर खाते हों तो गरीबी व रोग हों। दक्षिण दिशा में अन्न का गोदाम हों तो भाईयों मे कलह, मतभेद व झगड़े हों। यदि बेडरूम मे अन्न का गोदाम तथा तथा बेडरूम से बाथरूम अटैच्ड हो तो पति पत्नी व पुत्री रोगी हों। यदि घर के सामने पत्थर, ईंटे या टाइल्स बिछे हो जो कई जगह से टूटे हो जिनसे गढ्ढे बने हों तथा उनमे बरसात का पानी भर जाता हो तो मालिक मकान पैसा ना कमा पाये जो थोड़ा बहुत कमाये वो शराब व अंय बुरी आदतों मे खर्च होवे।
7. यदि बेडरूम व ड्राईंगरूम एक ही हो तथा उसमे या उससे सटा पानी की टंकी या पानी का संग्रह हों तो पति शक्की हो व पत्नी व पुत्री किसी अंय पुरूष के आर्कषण में रहेे। पति भी विवाहेतर संबध रखें यदि बेडरूम यदि मकान में सबसे बड़ा हो या बेडरूम मकान के मुख्य दरवाजे के ठीक सामने हो तो पत्नी के अवैध संबध हों। यदि उत्तर पष्च्छिम मे बेडरूम हो तो ग्रह कलह हो यदि यहां कबाड रखा हो तो मुखिया को शत्रु बाधा हो मालिक की मां को वात व कफ रोग हो तथा घर मे प्रेत बाधा और मानसिक रोग हों यदि यहँा किचिन हो तो मुखिया के कारण घर मे अशांति हो पत्नी चंचल दिमाग की हो पुत्री बदनाम व गर्भाशय के रोग से ग्रस्त हो मुखिया रसिक व व्यभिचारी हो।
8. यदि दक्षिण दिषा मे कुंआ व टूटी दीवार हो तो घर मे प्रेत बाधा हों यदि बेडरूम हो तो पत्नी को वात व रोग हो घर मे काला धन आये।
9. यदि पश्च्छिम दिशा मे मुख्य द्वार हो तो मकान मालिक मेहनती, महान संघर्ष और श्रम से उन्नति करे व अत्याचार का षिकार हो यदि पश्च्छिम दिशा मे बेडरूम हो तो मुखिया को जाॅब मे शत्रु बाधायें, बेरोजगारी, पारिवारिक आय मे कमी व निर्धनता हो। यदि पश्च्छिम मे कबाड़, टूटी खिड़की या दरवाजा हो मालिक आलसी व मूर्ख हो घर मे ठगी व धोखे से धन आये।
चारों ओर का वातावरण-अक्सर कुछ अधुरे वीरान मकान दिखाई देते है। जिनमे कुछ समय के लिये गधे, कुत्ते, अवारा, चोर, भिखारी, बूढे रहते हैं ऐसै मकान प्रेतग्रस्त होते हैं। यदि इन मकानों मे कोई पति पत्नी रहते है तो वो कभी समृद्ध नही होगा भारी कलह होगी सारी आय नष्ट हो जायेगी कुछ खूबसूरत मकानों मे यदि हाते या चैकीदार का कमरे की पुताई या रंग उड़ जाये या मकान का कुछ भाग टूट या गिर जाय या क्षतिग्रस्त हो मकान मे शत्रु बाधा होगी कुछ मकानों मे बचत या सुविधा के लिये पत्थर के चबूतरे में व चारों ओर पत्थर लगाये जाते है। तो इन मकान के स्वामी के कैरियर या जाॅब मे निरन्तर बाधायें आती है और धन बर्बाद होता है। यदि मकान के पास कोई टीला, पहाड़ी, चटटा्न, बरगद का पेड़ तो मालिक व संतान आलसी, अशांत व भयभीत रहें। यदि मकान के पास, बिजली, वेल्डिंग या सैन्य सामानो की दुकान हो तो मकान स्वामी के कैरियर मे व शत्रु बाधाये आयें यदि लान्ड्री, याईधन की दुकान हो मालिक को अशुभ, यदि किराने की दुकान भी तो भारी कष्ट झगड़े हो ठगी से धन कमाये ईधन की दुकान के सामने का मकान बिक या छिन जायेगा घर की महिलाओं को भारी बाधायें आयेंगी परिवार मे दुर्भाग्य दुःख, अशांति, हो मकान के मुख्यद्वार के सामने बड़े पत्थर खंभे हो तलाक हो मकान के सामने पत्थर का बरामदा, मंडप हो तो परिजन संघर्ष करें घर मे संतानों की शिक्षा मे भारी बाधायें आयें। यश व शत्रु मे बाधा घर के सामने या निकट पुराना क्षतिग्रस्त पत्थर के खंभों का बरामदा शेल्टर हो व इसकी दीवारंे टूटी, गिरी या क्षतिग्रस्त हो तो मकान मे दुर्भाग्य भयानक डर व दरिद्रता हो मकान प्रेतग्रस्त हो मकान के सामने गैराज हो तो पारिवारिक सदस्य परेशान रहें। पैसा ना बचे अनावश्क खर्चा हो यदि मकान के सामने, तालाब, गहरा गढढा, ढलान तो परिवार मे मानसिक रोगी हों मकान के सामने छाया या अंधेरा हो संताने समृद्ध ना हों यदि दरवाजे व खिड़कियां भी अंधेरे मे हो तो संतान रोगी और निर्धन रहें। यदि मकान मे अंधेरा मे डूबा हुआ कुंआ या पास मे कुंआ हो तो मालिक की माता को कष्ट, दूसरों की दुष्टता के कारण झूठा दोषारोपण, तथा मकान मे जादू टोना हो पूर्व दिशा में या सामने खंडहर, सूखा पेड़, कबाड़ से भरा अंधेरा कमरा हो घर मे अप्राकृतिक मत्यु और भयानक रोग हो।
मकान के हिस्से और कारक ग्रह
मुख्य दरवाजा राहू
पिछला दरवाजा केतु
मुख्य दरवाजे की बांयी चन्द्र
ओर की खिड़की
दांयी ओर की खिड़की सूर्य
पानी की टंकी, जल संग्रह चन्द्र
हाॅल, बरामदा बुध,
बेडरूम शुक्र
किचिन मंगल
घर के सामने
की सड़क शनि
कबाड़ रूम शनि
पूजा कक्ष गुरू
सूखा पेड़, अंधेरा भाग राहू
गैलरी, गली, बाथरूम केतु
प्रवेश द्वार की
सीढियां शनि
दीवारें,प्लास्तर बुध
क्षतिग्रस्त भाग व राहू
टूटी दीवारें, टूटा प्लास्तर राहू
टूटे फ्रेम राहू
पत्थर, टाइल्स, खंभे मंगल
मकान का बांया भाग चन्द्र
मकान का दांया भाग सूर्य
फूलों का गार्डन शुक्र
बगीचा, बाग बुध
गौशाला चन्द्र
अन्न भंडार, शनि
डायनिंग हाॅल शनि
लौह सामान,चक्की, कूड़ा स्थल शनि
प्रवेश द्वार की बीम शनि
रंग या पुताई
का उड़ जाना राहू
सड़कें, खाली उजाड़ भूमि राहू
बड़े सूखे गढढे, गुफा, 
राहूसंुरगे, पहिये राहू


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