टेंशन से दूर रहे


आधुनिक जीवन शैली वैसे तो काफी मनमोहक लगती है, सुविधाओं से भरी, हर चीज हमारी उंगलियों के इशारे पर. मगर इस जीवन शैली की कीमत हम अपनी तेज रफ्तार एवं भागदौड़ भरी जिंदगी से चूकते हैं। एक सीसी जिन्दगी जिसमे में सेहत बहुत पीछे रह जाती है और नतीजन हम युवावस्था में ही ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, ह्रदय रोग, कोलेस्ट्रोल, मोटापा, गठिया, थायरॉइड जैसे रोगों से पीड़ित होने लगे हैं। ये ऐस रोग हैं जो कि पहले प्रोढ़ावस्था एवं वृद्धावस्था में होते थे, मगर अब खान-पान और रहन-सहन की गलत आदतों के कारण इन रोगों को वक्त से पहले ही निमंत्रण दे देते हैं। चलिए देखते हैं सेहत के कुछ नियम जिनका का पालन करके खुद भी स्वस्थ रह सकते हैं तथा परिवार को भी स्वस्थ रखते हुए अन्य लोगों को भी अच्छे स्वास्थय के लिए जागरूक कर सकते हैं।  
संतुलित भोजनरू- चीनी एवं नमक का अधिक मात्रा में सेवन ना करें, ये डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोगों का कारण हैं। बादाम, किशमिश, अंजीर, अखरोट आदि मेवा सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं इनका सेवन अवश्य करें। घी, तेल से बनी चीजें  जैसे  पूड़ी, पराँठे, छोले भठूरे, समोसे कचैड़ी, जंक फूड, चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक का ज्यादा सेवन सेहत के लिए घातक है और इनका अधिक मात्रा में नियमित सेवन ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रोल, मधुमेह, मोटापा एवं हार्ट डिजीज का कारण बनता है। पानी एवं अन्य लिक्विड जैसे फलों का ताजा जूस, दूध, दही, छाछ, नींबू पानी, नारियल पानी का खूब सेवन करें, इनसे शरीर में पानी की कमी नहीं हो पाती, शरीर की त्वचा एवं चेहरे पर चमक आती है, तथा शरीर की गंदगी पसीने और पेशाब के दवारा बाहर निकल जाती है।
 खाने में हरी सब्जियां, मौसमी फल, दूध, दही, छाछ, अंकुरित अनाज और सलाद को शामिल करना चाहिए जो की विटामिन, खनिज लवण, फाइबर, एव जीवनीय तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
 रोज व्यायाम करें! सूर्योदय से पहले उठकर पार्क जाएं, हरी घास पर नंगे पैर घूमें, दौड़ लगाएं, वाक करें, योगा, प्राणायाम करें, इन उपायों से शरीर से पसीना निकलता है, माँस पेशियों को ताकत मिलती है, शरीर में रक्त का संचार बढ़ता है, अनेक शारीरिक एवं मानसिक रोगों से बचाव होता है, पूरे दिन भर बदन में चुस्ती-फुर्ती रहती है, भूख अच्छी लगती है इसलिए नियमित रूप से व्यायाम अवश्य करें।
 शरीर एवं मन को स्वस्थ रखने के लिए प्रतिदिन लगभग 7 घंटे की गहरी नींद एक वयस्क के लिए जरुरी है, लगातार नींद पूरी ना होना तथा बार-बार नींद खुलना, अनेक बीमारियों का कारण बनता है। सोने का कमरा साफ सुथरा, शांत एवं एकांत में होना चाहिए, रात को अधिकतम 10-11 बजे तक सो जाना और सुबह 5-6 बजे तक उठ जाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है, सोने से पहले शवासन करने से अच्छी नींद आती है, खाना सोने से 2-3 घंटे पहले कर लेना चाहिए एवं शाम को खाना खाने के बाद 20-25 मिनट अवश्य घूमें।
 टेंशन से दूर रहे! रोज मर्रा की जिंदगी में आने वाली समस्यों के लिए चिंतन करना सही है चिंता करना नहीं, चिता तो फिर भी मरने के बाद शरीर को जलाती है किन्तु लगातार अनावश्यक चिंता जीते जी शरीर को जला देती है इसलिए तनाव होने पर भाई, बंधू एवं विश्वास पात्र मित्रों से सलाह मश्वरा करें यदि समस्या फिर भी ना सुलझे तो विशेषज्ञ से राय लें।


 


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पक्षी आपका भाग्य बदले

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

भृगु संहिता के उपचार