12 साल बाद मुसीबत आयेगी

श्री गौरी शंकर कनौजिया का जंम उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर में नदी के किनारे बसे गांव में सन् 1939 में हुआ था। उनके जंम के पहले उनके सभी बड़े भाई बहन मर चुके थे, उन्ही दिनों गांव में एक दिव्य साधू पधारे जो गांव की सीमा के बाहर रहते थे गौरीशंकर के पिता कालीचरन जी ने उस साधू से पूछा कि क्या मेरा यह बेटा दीर्घायु होगा तो साधू ने कहा जिस दिन मैं गांव से जाने लगू उस दिन पूछना लगभग एक महीने बाद जब साधू गांव छोड़ने लगे तो फिर कालीचरन जी ने साधू से अपने पुत्र की आयु के बारे मे पूछा तो साधू बोले यह जीवित तो रहेगा लेकिन कहते हुये अटक गये जब कालीचरन जी ने कहा महाराज इस लेकिन का क्या मतलब है। तो साधू बोले कि 12 वर्ष की आयु में यह भारी जानलेवा मुसीबत मे फंसेगा यदि यह बच गया तो लंबी आयु जीयेगा सचमुच 12 वर्ष की आयु मे गांव मंे चेचक फैली जिसमे सैकड़ों बच्चे मर गौरीशंकर जी भी गंभीर रूप से बीमार रूप से चेचक के शिकार हुये पर ईश्वर की कृपा से बच और दीर्घायु हुये सन 2004 में करीब 65 वर्ष की आयु मे लखनऊ मे उनका देहांत हुआ यह घटना गौरीशंकर जी के पुत्र उदयराज कनौजिया जो पंजाब नेशनल बैंक के सेवाविृत्त अधिकारी व जानकीपुरम लखनऊ के निवासी है, दिनांक 18 मार्च 2017 को लखनऊ में आयोजित ज्योतिष गोष्ठी में बताई थी। श्री कालीचरन कनौजिया मूल रूप से फरूख्खाबाद के बड़ी सराय क्षेत्र के निवासी थे पर सुल्तानपर में वसीयत मे प्राप्त जायदाद के कारण वहां रहते थे। 


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