सेवा में ही जीवन का आनन्द निहित है

सेवा में ही जीवन का आनन्द निहित है। सेवा परमोधर्म है और यही आत्मा को परमात्मा से मिलाने को सर्वश्रेष्ठ साधन है। यह विचार हैं सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका एवं बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी के, जो आज यहाँ सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम, लखनऊ में आयोजित विश्व एकता सत्संग में बोल रहीं थी। आगे बोलते हुए डा. (श्रीमती) गाँधी ने कहा कि शान्ति से ही शान्ति आती है। हम सब एक होकर आपसी भेदभाव मिटाकर मानवता की सेवा करें और भलाई का कार्य करें, तभी शान्ति की स्थापना हो सकती है। उन्होंने कहा कि विश्व शान्ति लाने में महिलाओं को विशेष रूप से आगे आना चाहिए व मानव जाति को करुणा, दया, प्रेम व सत्य का मार्ग दिखाना चाहिए। विश्व एकता सत्संग में आज कई वक्ताओं ने अपने सारगर्भित विचार रखे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि मानवता की सेवा करने में जो संतोष व सुख मिलता है वह किसी और कार्य में नहीं। अन्त में सत्संग की संयोजिका श्रीमती वंदना गौड़ ने सभी को धन्यवाद दिया।


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