ईश्वरा महादेव मंदिर


यह रहस्यमय शिव मंदिर मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के बीहड़ों मे एक छोटी सी खाईनुमा गुफा मे स्थित है जिसमे शिवलिंग का पहाड़ों से रिसने वाले पानी से निरन्तर अभिषेक होता है। 11  महीने इस मंदिर मे सन्नाटा रहता है। पर सावन के महीने मे हर रात कोई अज्ञात अदृश्य व्यक्ति गुप्त रूप से शिवलिंग का अभिषेक कर जाता है यहाँ रात मे कोई नही रहता है। सब गांव मे लौट जाते है पर सुबह मंदिर मे चावल और बेलपत्र चढे पाये जाते है इस शिवधाम का संबध रामायणकाल से है विश्वास किया जाता है कि सावन के माह में रात तीन से चार बजे के बीचलंकापति विभीषण स्वयं यहाँ गुप्त रूप से अभिषेक कर जाते है कुछ लोगों के अनुसार ब्रह्मलीन संत रामदास सिद्ध बाबा पूजा कर जाते है। कुछ लोगों ने रात मे पूजा करने वाले को देखने की कोशिश की तो अचानक आसमान पर काले बादल छा गये तेज आंधी चलनेे लगी  गहरा अंधेरा छा गया मूसलाधार बारिस होने लगी जब मौसम सामंाय हुआ। अभिषेक हुआ पाया गया पहाड़पुर के राजा पंचम जी ने सिंह भी इसका रहस्य जानने के लिये सेना लगाई पर सेना अचेत हो गई और अभिषेक  हो गया ग्वालियर के पहाड़गढ से शिवपुर जाने वाली छोटी लाईन रेलवे मार्ग पर कैलासर तहसील नामक स्टेशन  से करीब 24 किमी दूर घने पहाड़ी वीरान जंगलो के बीच एक गहरी खाई है। जिसके पार करने के बाद पत्थरों से घिरी लिखी छाछ नामक घाटी है। जिसकी दीवारों पर राम रावण युद्ध के चित्र बने है। मंदिर उस घाटी के बाद 70 फुट गहरी एक छोटी सी खाई मे स्थित है। यहाँ अनोखे बेलपत्र के पेड़ है। जिनमे पांच सात व 21 तक पत्ते पाये जाते है। - संकलित


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