मुंबई में इंटरनेशनल होमेओपैथिक सेमिनार संपन्न

मुंबई। मिशन होमिओपैथी व चिल्ड्रन वेलफेयर सेंटर स्कूल के संयुक्त प्रयास और होमिओपैथिक के मशहूर डा. अमरसिंह दत्तत्रय निकम द्वारा दो दिवसीय इंटरनेशनल होमेओपैथिक सेमिनार का आयोजन 11 और 12 जनवरी 2020 को चिल्ड्रन वेलफेयर सेंटर स्कूल, वर्सोवा, अँधेरी (वेस्ट), मुंबई में आयोजित किया गया था, जोकि सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। जहाँ पर देश-विदेश के चार सौ होमिओपैथी डाक्टरों ने हिस्सा लिया। डा. अमरसिंह निकम के होमेओपैथिक पर चालीस वर्षों के अनुभव और रिसर्च द्वारा लिखित पुस्तक व्हायटल फोर्स इज ऑक्सीजन इस सेमिनार में विशेष चर्चा का विषय रहा। जिसके लिए लोगों ने डाक्टर को नोबल पुरस्कार की भी मांग की। इस अवसर पर केंद्रीय सी.सी.एच. के पूर्व उपाध्यक्ष डा..अरुण भस्मे, डा. मनीष निकम,डा. विजय निकम,डॉ.सुचित्रा निकम, डा. एस टी गोसावी, डा. दिनेश भस्मे, डा. बालकृष्ण गायकवाड़, डा. राजन संकरन, डा. राजेश पालांडे, डा. विद्या साळूंखे, डा. अनिता शिंदे, डा. नीलेश पाटिल, डा. दिव्या छाबरा, श्री आनंद रेखी, आमदार प्रसाद लाड व वेलफेयर सेंटर हाई स्कूल के प्रिंसिपल श्री अजय कौल इत्यादि लोगों ने कार्यक्रम की शोभा बढाई।
                   डा. अमरसिंह निकम का होमिओपैथिक का हास्पिटल पुणे के पिम्परी गांव में है। उनका चालीस वर्षों से ज्यादा समय का अनुभव होमिओपैथी में है। उन्होंने कैंसर,पीलिया, ब्रेन ट्युमर, किडनी फेलिएर जैसी कई बड़ी व ना इलाज बिमारियों को ठीक किया है। उनके द्वारा लिखित पुस्तक  व्हायटल फोर्स इज आक्सीजन में व्हायटल फोर्स के बारे में बताया गया है कि कैसे उसके हिसाब से लोगों का इलाज किया जा सकता है? वैसे होमिओपैथिक शास्त्र के जनक डा. सैम्यूल हैनिमन ने 250 वर्ष पहले अपनी पुस्तक आरगेनान आफ मेडिसिन में भी व्हायटल फोर्स का जिक्र किया है। इसके अलावा सभी प्रकार की बीमारी व उसके इलाज और उसकी दवाई इत्यादि पर इस सेमिनार में चर्चा की गयी। सेमीनार में डा. अरुण भस्मे ने मांग किया कि पुणे के डा. अमरसिंह निकम को नोबल पुरस्कार मिलना चाहिए। कार्यक्रम के अंत में सभी लोगों ने डा. अमरसिंह निकम, मिशन होमिओपैथी व वेलफेयर सेंटर हाई स्कूल के प्रिंसिपल श्री अजय कौल का आभार व्यक्त किया। 


 


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