शुभ और अशुभ घटनायें अपने संकेत पहले ही दे जाती हैं

अंग्रेजी मे एक कहावत है ‘कमिंग इवेन्टस कास्ट देयर शेडोज बिफोर’ भविष्य होने वाली शुभ और अशुभ घटनायें अपने संकेत पहले ही दे जाती हैं। जो शकुन, स्वपन, अंग फड़कना, छिपकली गिरना या किसी अन्य पारिवाीरक, समाजिक दुर्घटना के रूप मे हो सकती है। यह बात उन लोगों पर भी लागू होती है जिनके पास जंमपत्री या जंम संबधी आंकड़े उपलब्ध नही है। वे इन घटनाओं को जानकर अपने दुर्भाग्य दायक ग्रह को जान कर स्वयं या किसी ज्योतिषी से अपना उपचार कर सकते हैं। लखनऊ के एक प्रसिद्ध कपड़े के व्यापारी जो अपने भारी व्यापारिक घाटे और  कर्जे से परेशान थे किसी बाबानुमा ज्योतिषी के पास गये और लौटकर मुझसे बताने लगे बाबा ने कहा कि तुम्हारा बृहस्पति खराब है। जिसके कारण तुम परेशान हो मैने कहा कि हर ग्रह के अशुभ होने के खास लक्षण होते हैं। जैसे गुरू खराब हो तो पेट, लीवर, आन्त के रोग, संतानहीनता, धनाभाव, पुत्र बाधा या पुत्राभाव आदि होता है। मैने कहा कि आपके उपर इन में से कोई भी बात लागू नही होती है। वास्तव मे आपका बुध (व्यापार) और मंगल (कर्जा व संपत्ति कारक) खराब है। जो कर्जा और व्यापार में घाटा और मकान बिकवा रहा है। मैने वर्षों पूर्व उनका हाथ देख कर बताया था कि आप करोड़ों कमायेंगें किन्तु आपको भारी घाटा होगा और आप कर्ज में डूब कर दीवालिया हो जायेंगे दरअसल उनके दायें हाथ में बुध पर्वत पर तिल था जो बुघ (व्यापार) के शत्रु गह मंगल (कर्ज) द्वारा तबाही का संकेत दे रहा था इस लेख में विभिन्न ग्रहों के शुभ व अशुभ संकेतों को प्रस्तुत किया जा रहा है।

सूर्य:- शुभ सूर्य, सरकारी नौकरी, पुत्रवान, उत्तम नेत्रदृष्टि, सम्मान, पुरूस्कार, दीर्घायु पिता, हडडी और हृदय रोग से मुक्त रखता है। अषुभ सूर्य उपरोक्त चीजों का अभाव देता है। रोशनी देने वाले उपकरण बल्ब आदि बार बार खराब होंगे घर में सूरज की रोशनी नही आयेगी रोशनदान, खिड़कियां बंद हो जायेंगी सरकारी नोटिस या जुर्माने लगेंगे। धूप में खड़ा रहना, रोषनदान में कोई सामान रख देना या उसमें चिड़िया का घोंसला बना लेना, फसल या पेड़ सूख जाना, अचानक सर टकरा जाना, जोड़ों में दर्द व अकड़न, बदनामी, मुदकमें में हार, बार-बार थूकना, पुत्र का बीमार या चोटग्रस्त हांे जाना, आग से जलना, सोने या ताम्बे की वस्तु खो जाना।
चन्द्रमा:- दीर्घायु बड़ी बहन व माता से सुख, जलस्थान नदी, तालाब के निकट स्थान, घर में दुधारू पशु या दूध देने वाले या सफेद रंग के फूल वाले पेड़ों का होना। अशुभ चन्द्रमा हो तो घर के नल या पानी की टंकी से पानी बहे, दूध फट जाय, भयानक स्वपन आयें, स्त्रियों को मासिक रोग व कफ, अतिसार, जुकाम, खांसी, भय आदि दिमागी रोग हो, अतिनिद्रा, आलस्य, सींग वाले पशु या जलीय जन्तु से चोट आदि।
मंगल:- घर की भूमि धंस जाय या मकान का हिस्सा गिर जाय, दीवार टूट जाय या घर में आग लग जाय बिजली के उपकरण या बल्ब बार बार खराब हों, छोटी चोट या दुर्घटना, सर्जरी, ताम्बे की वस्तु खो जाना, अकारण शत्रुता, बह्मराक्षस का कोप, गुस्सा आना। हवन या अन्य अग्नि ना जल, गैस, स्टोव आदि खराब हो जायंे।
बुध:- सूंघने, सुनने या बोलने की शक्ति कम हो गाली निकले, शिक्षा, व्यापार में हानि, खाज, खुजली के रोग,यादाश्त मे कमी, पुस्तके खो जाना, पुराने मित्रों से संबध टूटे, कामशक्ति मे कमी। मोबाईल खोये, स्कूल मे प्रवेश ना मिले।
गुरू:- जंेवर खोये, अकारण बदनामी, धार्मिक पुस्तक या मूर्ति अपने हाथों नष्ट हो, संतानहीनता, लीवर व बड़ी आन्त के रोग, पंडित या विद्वान का अपमान हो जाय, असत्य बोले, बह्म या देवकोप, सिर के बाल गिर जाय। 
शुक्र:- पत्नी या महिला से विवाद, यौन रोग, शरीर का कोई अंग सुन्न हो जाय, धनाभाव, अतिकामुकता हो नया व़स्त्र फट जाय, र्दुगंध आये, वाहन खोये या क्षतिग्रस्त हो, चाँदी की वस्तु खोये, शराब पिये।
शनि:- दिन मे नींद आये, गंदे, अपाहिज या भिखारी से विवाद हो, मकान क्षतिग्रस्त हो जाये, जूते चप्पल खो जाय, लोहे से चोट लगे या लौह वस्तु खोये, नौकर से झगड़ा या वह छोड़कर चला जाय, काला पालतू जानवर या मुर्गी मर जाय, तेल गिरे, अंधेरे गंदे कमरे मे रहे, गंदे कपड़े पहने, दाढी, मुछें व सिर के बाल बढें, कपड़ों मे धब्बे लगे। छाता फट जाये, पैर के लगे चोट।
राहू:- सर्प या मरी छिपकली दिखे, धुयें मे रहे, पालतू जानवर खो जाय या मर जाय, यादाश्त कमजोर हो, जरूरी चीजें व कागज खोये, ठगों से हानि, बंधन हो, अकारण शत्रुता पैदा हो, घर की रस्सी टूटे, मरे पक्षी दिखे भूत प्रेत दिखें या कष्ट दें, जादू टोने से पीड़ा, भयानक सपने आयें, घर मे उल्लू, चमगादड़ों का वास हो हाथ पैर के नाखुन टूटे, किसी शवयात्रा मे जाना पड़े, तीर्थ जाकर स्नान या देव दर्शन ना करें, मकान मे काई लगे दीवारें मे धास उगे या घर पुराना, खंडहर या प्रेतग्रस्त हो, घर में कबाड़ जमा हो, नालियां जाम हो, घर में जंगली पेड़ उगें। घर मे कोई पक्षी या पशु आकर मर जाय। भ्रम या गल्तियां करे, अपयश, तबादला, गाली बके, कहीं गिर जाय या फिसल जाये। बुरी खबरें सुनने को मिलें, मुर्गे काटे या चूहा काटे या चूहे कपड़ें काटे, शत्रु तंत्र करें, पैर के नाखुन खराब हो पेट, मूत्र के रोग, अग्नि से जलना, चोट।


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