राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार व जनपद न्यायधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देशन मे विश्व मानसिक विकार दिवस के अवसर पर लीगल ऐड क्लीनिक कुंडौली बछरावां तहसील महाराजगंज रायबरेली मे मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1987 विषय पर संगोष्टि का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, रायबरेली श्री मयंक जायसवाल द्वारा बताया गया कि कोविड-19 ने जीवन शैली मे कई बदलाव किये है जिनके चलते मानसिक स्वास्थ्य पर इसका असर पड़ा है। संगोष्टि मे कम नींद आना, ज्यादा सोना, उलझन, घबराहट, हीन भावना आदि समस्याये है जो मानसिक बीमारियों से जुडी हुई है। विस्तार से चर्चा हुई बताया गया कि मानसिक समस्याये होने पर न केवल लोगो का जीवन प्रभावित होता है अपितु कई बार लोग आत्मघाती कदम उठा कर आत्महत्या तक कर लेते है। आज की भागदौड़ और चुनौतियों से भरी जीवनशैली के बीच हमें मानसिक स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकता मे लाना होगा। हर आयु वर्ग को यह समझने की जरुरत है की वह किसी भी स्थिती मे धैर्य न खोये और उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करे। संगोष्टि मे वरिष्ठ अधिवक्ता ए. पी. रावत परा विधिक स्वयं सेवक बृजपाल, दुशेन्द्र, रामकुमार, जालिपा, सरिता देवी उपस्थित रही। उपस्थित लोगो को कोविड-19 महामारी के समय मास्क का प्रयोग सोशल डिस्टैंसिंग व कुछ कुछ समय अंतराल पर हाथ धोने हेतु प्रेरित किया गया।
मनुष्य का जीवन अपने आसपास के वातावरण से ही प्रभावित होता है। व्यक्ति के आस-पास के पशु पक्षी उसके जीवन का अभिन्न अंग है। भारतीय ऋर्षियों तथा संसार के अध्यात्मवादियो ने संसार के पक्षियों को ना केवल ज्योतिष तथा मनुष्य के भाग्य से जोड़ा है। बल्कि पक्षियों को उपयोग शकुन ज्योतिष, फलित तथा प्रष्न ज्योतिष तथा अनेकों ज्योतिष, तांत्रिक उपचारों और शारीरिक मानसिक रोगों के निवारण में किया है। भारत मे पंच प़क्षी शास्त्र, कल्ली पुराण पर आधारित तोते द्वारा भविष्यवाणी, पक्षी तंत्र तथा शकुन ज्योतिष का प्रयोग आदिकाल से ही किया जाता है भारत मे गरूड़ जी, नीलकंठ, काकभुषुंडी,, हंस, जटायु व संपाती, शुकदेव जी आदि दिव्य पक्षियों तथा अनेक देवी देवताआंे वाहन के रूप मे पक्षियों को प्रयोग किये जाने का वर्णन है। जैसे भगवान विष्णु का गरूड़, कार्तकेय जी का मयूर, माता लक्षमी का उल्लू, विश्वकर्मा, वरूण जी तथा स्वरसती जी का हंस आदि शनिदेव का कौआ आदि का प्राचीन काल मे पक्षियों द्वारा डाक सेवा युद्ध संबधी शकुन का भी काम लिया जाता था पक्षियों को स्वतंत्रता, नवीन विचारों, आनंद, तनाव, मुक्ति, प्रषंसा, यष, धन्यवाद देने, प्रजनन श