जातिगत जनगणना करायी जाये

अखिल भारतीय यदुवंशी महासभा उ.प्र. के प्रान्तीय प्रवक्ता ओपी यादव ने महामहिम राष्ट्रपति को फैक्स भेजकर देश में जातिगत जनगणना कराये जाने की मांग की है। अखिल भारतीय यदुवंशी महासभा के पदाधिकारियों ने दीवानी न्यायालय परिसर रायबरेली में बैठक पर आरक्षण व जातिगत जनगणना की समस्या पर चर्चा की। बैठक को सम्बोधित करते हुए ओपी यादव ने कहा कि देश में सन् 1931 से जातिगत जनगणना नहीं करायी गयी, जिसके कारण सम्बन्धित पात्र व्यक्तियों को उचित लाभ नहीं मिल पाता है। यह एक कड़वी सच्चाई है कि देश से जातिवाद को नकारा नहीं जा सकता है। अभी देश में महामहिम के चुनाव के दौरान महामहिम की सारी योग्यता गौड़ थी मात्र आदिवासी महिला होना पूरे देश में परोसा गया, जिससे स्पष्ट है कि हम जातिवाद से ऊपर नहीं उठ सके, फिर भारत सरकार संविधान में खिलवाड़ कर आरक्षण को समाप्त करना चाहती है। भाईलाल यादव एडवोकेट ने कहा कि जब पशु-पक्षियों की जाति की गणना हो सकती है तो मानव जाति की गणना क्यों नहीं हो सकती है।  सुरेश चन्द्र यादव एडवोकेट ने कहा कि कोइ व्यक्ति अपना धर्म बदल सकता है, लेकिन जाति नहीं बदल सकता है। जयसिंह यादव एडवोकेट ने कहा कि बिना जातिगत जनगणना कराये आम आदमी को आरक्षण का उचित हम व लाभ नहीं मिल पाता है।  संदीप यादव एडवोकेट ने कहा कि जातीय जनगणना न होने का ही परिणाम है कि मान्नीय उच्च न्यायालय में आरक्षण को लेकर एक सप्ताह से बहस चल रही है, परन्तु आरक्षण की प्रभावी नीति नहीं बन पा रही है।  बैठक को आर.पी. यादव, बृजेन्द्र यादव, मनोज यादव, सौरभ यादव, कमल कुमार यादव, बी.डी. यादव, अरविन्द यादव, आनन्द यादव, राजाराम यादव, राजेश यादव, श्रीपाल यादव, उमेश यादव, रणजीत यादव आदि अधिवक्ताओं ने सम्बोधित किया। बैठक के बाद निर्णय लिया गया कि महामहिम राष्ट्रपति महोदय को फैक्स भेजकर जातीय जनगणना कराये जाने की मांग की है।
 

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