रत्न के आकार और उसके लाभ

- डी.एस. परिहार

केवल रत्न ही नही बल्कि उनका आकार भी इंसान के भाग्य पर गहरा असर डालता है। एक ही रत्न अगर विभिन्न आकारों में पहना जाये तो उसका भिन्न असर होगा विभिन्न आकार के रत्न पहनने का प्रचलन प्राचीन काल से ही दुनिया की विभिन्न सभ्यताओं में रहा है। स्काॅट कन्निंघम  नामक एक विदेशी जेम्स रिसर्चर ने अपने ग्रन्थ जेम एण्ड मेटल मैजिक मे इस विषय पर ज्ञान वर्धक शोधपत्र दिया है, रत्न अनेकों आकार मे पाये जाते है। गोलाकार, लंबे पतले, डायमंड आकृति के, दिल के आकर के, वर्गाकार, आयताकार, पिरामिड नुमा, त्रिकोणाकृति, अंडाकार, षडकोण के आकार के, टेढे-मेढे, एल या किडनी की आकृति के गोल व लंबी मिश्रित आकृति के आदि।

गोलाकार रत्न-ब्रह्मांडीय उर्जा, जल तत्व, प्रकृति की फिमेल एनर्जी नारी शक्ति व चुम्बकीय शक्ति से भरपूर होते है। कुंआरी स्त्रियां यदि ज्योतिष के अनुसार विवाहोनुकुल रत्न गोलाकार आकृति मे पहने मे विवाह विलंब के ग्रह दोष कटते है। इस आकार मे पहने गये ठण्डे रत्न ब्लू टोपाज, मूनस्टोन, नीली जमुनिया, पैरीडाट, पन्ना पित्तदोष क्रोध, बी पी, अल्सर, खेनी बवासीर, नकसीर अति मासिक स्त्राव, स्त्रिी जननांगों के रोग अति बातूनी दोष को शांत करता है। महिलाओं के लिये गोलाकार नग ज्यादा लाभकारी होते है। इस आकर मे नग धनाकर्षण, प्रेम संबधों की सफलता, अध्यात्मिक व मानसिक विकास मे अति प्रभावी होते है।  

लंबे पतले-इस आकृति के नग पाजिटिव विद्युत उर्जा प्रसारित करते है यह उत्तम रक्षा कवच का काम करते है। शत्रु बाधा, तंत्र बाधा, मानसिक रोग व प्रेत बाधा को रोकते है। इन्हें सुरक्षा हेतु दरवाजे की बाहरी चैखट या आयने के उपर लगाना चाहिये

डायमंड आकृति के:- ये रत्न आर्थिक उन्नति हेतु लाभकारी है। 

दिल के आकार:- ये नग प्रेमाकर्षण, प्रेम संबधों में स्थायित्व लाने मे लाभकारी है। इन्हे लव बर्डस या पति पत्नि दोनों को हाथ या गले मे पहनना चाहिये इससे एफेयर मैरिज में बदल जाता है। यह जल तत्व व ठंडी उर्जा से भरपूर होते हैं।

वर्गाकार आयताकार:- पृथ्वी तत्व स्थिरता के प्रतीक है। चचंलता, आलस और निकम्मापन और आवारापन नाशक है। मानसिक अध्यात्मिक व चारित्रिक विकास करते है। 

पिरामिड नुमा:- यह किसी भी शुभ उर्जा को संग्रहित और उसे कई गुना बढाने हेतु एक मशीन का काम करते हैं। यह धनोपार्जन, शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक विकास, शिक्षा की बाधा, रोग नाशक, निर्धनता, तनाव, डिप्रैशन का नाश करता है ।

त्रिकोणाकृति:- रक्षात्मक है, अग्नि व पुरूषत्व साहस शक्ति संबधी उर्जा पैदा करता है। कवच का काम करता है। अपने घर को शत्रु बाधा, तंत्र बाधा, मानिसक रोग व प्रेत बाधा से बचाने हेतु इन्हें घर की सड़क के सामने पड़ने वाली बाहरी  खिड़की के उपर लगाना चाहिये।

अंडाकार:- रचनात्मक शक्ति और नये विचारों की उत्पत्ति करता है। बुध के नग इस आकार में पहनने से शिक्षा और कम्पटीशन में लाभ होता है।

षडकोण के आकार के:- जीवन मे सौभाग्य व संतुलन लाते है।

टेढे मेढे:- सकारात्मक उर्जा के अनावशक विनाश व व्यय को रोकते है। बुरी आदतों नशा, जुआ वेश्यगामन आदि आदतों को नियंत्रित करते है।   

एल या किडनी की आकृति के:- यह शारीरिक और अध्यात्मिक उर्जा का मिलन व साधना मे सफलता देते हंै। सौभाग्य लाते हैं। किडनी की आकृति के गुर्दे के रोग को नष्ट करते है। पन्ना दहाना फरंग, ब्लू टोपाज, जमुनिया नीली मून स्टोन आदि ठंडे नग इस आकृति में पहनने से  पथरी, नेफ्राटिस, यूरिन इन्फैक्शन मे लाभ होता है। 

गोल व लंबी मिश्रित आकृति के आदि:- प्रेम संबधों मे लाभकारी है। इन्हे लव बर्डस या पति पत्नि दोनो को हाथ या गले में पहनना चाहिये यह पति पत्नी के झगड़ों और तलाक की समस्या को शांत करते हैं।

 

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