मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण राजनीतिक मायने


 - संदीप कुमार

वर्ष 2023 के लिए राष्ट्रपति ने 106 पद्म पुरस्कारों को प्रदान करने की मंजूरी दी है। सूची में 6 पद्म विभूषण, 9 पद्म भूषण और 91 पद्म श्री शामिल हैं। मुलायम सिंह यादव, जाकिर हुसैन समेत 6 हस्तियों को पद्म विभूषण, प्रसिद्ध उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला, उपन्यासकार एसएल भैरप्पा और लेखिका सुधा मूर्ति सहित नौ लोगों हस्तियों को पद्म भूषण से नवाजा गया है। 91 हस्तियों को पद्मश्री सम्मान दिया गया है। राकेश झुनझुनवाला, अभिनेत्री रवीना टंडन, मणिपुर भाजपा अध्यक्ष टी चैबा सिंह सहित 91 लोगों को पद्म श्री सम्मान के लिए चुना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म पुरस्कार पाने वालों को ट्वीट कर बधाई दी। उन्होंने कहा, भारत के लिए उनके समृद्ध और विविध योगदान और विकास पथ को बढ़ाने के उनके प्रयासों को देश स्वीकार करता है।  

जब से समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। देश के नागरिक सम्मानों की घोषणा के दौरान मुलायम सिंह यादव का नाम देखकर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक हलकों में चर्चा का दौर शुरू हो गया है। यूँ तो राजनीति और राजनीतिज्ञों जुड़ी किसी भी घटना को सियासी रूप दिये जाने लगते हैं। चाहे वो व्यक्तिगत औपचारिक भेंट हो अथवा किसी तरह का प्रोतसाहन ही क्यों न हो उसके अलग-अलग मायने लगाये जाने लगते हैं। इस समय पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण दिये जाने की घोषणा होने के बाद चर्चायें तेज हो गई है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई थी। अब इस घोषणा के राजनीतिक अर्थ निकाले जाने शुरू कर दिए गए हैं। कुछ संगठन मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित करने का भी अन्दर ही अन्दर विरोघ कर रहे, जो भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं। 

मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़े चेहरे के रूप में जाना जाता था। समाजवादी आंदोलन को धार देने में मुलायम सिंह यादव की बड़ी भूमिका रही। पहलवानी के अखाड़े से निकलकर राजनीतिक मैदान तक अपने दांव से उन्होंने बड़े-बड़े राजनीतिक दलों को पछाड़ा। उत्तर प्रदेश की राजनीति में कांग्रेस की भूमिका को नगण्य करने में मुलायम सिंह यादव का योगदान अहम रहा। ऐसे में मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित कर   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा दांव खेला जाना भी राजनीतिक लोगों का मानना है। देश में अभी हिंदुत्व और सनातन को लेकर जिस प्रकार की बहस छिड़ी हुई है। इन परिस्थितियों में लोकसभा चुनाव 2024 से पहले उत्तर प्रदेश की राजनीतिक मैदान में भारतीय जनता पार्टी नई रणनीति के साथ उतरने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश भाजपा ने प्रदेश की सभी 80 सीटों पर जीत का लक्ष्य तय किया है। आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उप चुनाव के परिणाम भाजपा के पक्ष में आए थे। इसके बाद से प्रदेश में अलग रणनीति पर भाजपा काम करती दिख रही है। इसमें पसमांदा मुसलमान को साधने की रणनीति तो है ही। इनके साथ-साथ मुलायम सिंह यादव पर आस्था रखने और अखिलेश यादव से दूरी बनाने वाले यादव वोट बैंक को साधने की कोशिश भी हो रही है। भारतीय जनता पार्टी एक अलग ही राजनीति ताना-बाना को स्थापित करने की कोशिश करती दिख रही है। ऐसे में मुलायम सिंह यादव को सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जाने को अलग ही नजरिए से देखा जा रहा है। विपक्ष की राजनीति को साधने की कोशिश के रूप में पूरे मामले को भी देखा जा रहा है।

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