चहेते कामेडियन सतीश कौशिक जिदंगी भर हंसाया था रूला कर चले गये

- धीरेन्द्र सिंह परिहार

रंगों का पर्व होली में दुखद रहा भारतीय फिल्म दर्शकों के लिए, एक गहरा सदमा लगा होली के तुरन्त बाद उनके चहेते काॅमेडियन कलाकार और निर्देशक सतीश कौशिक का हृदयाघात से निधन हो गया। उनका प्रिय कलैंडर जिसने उन्हें जिदंगी भर हंसाया था रूला कर चले गये इस हंसमुख गोल-मटोल कलाकार का जन्म 13 अप्रैल 1956 को महेंद्रगढ़, हरियाणा में हुआ था। उन्होंने 1972 में किरोड़ीमल कालेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया। आगे चल कर कौशिक जी ने नेशनल स्कूल आॅफ ड्रामा और इण्डियन फिल्म और टेलिविजन इंस्टीटयूट पूना से डिप्लोमा किया था। 

1985 में उन्होंने शशि कौशिक से शादी की थी जिस से उन्हें एक बेटा शानू हुआ था बदकिस्मती से दो साल की उम्र मे उसकी 1996 में मृत्यु हो गई 2012 में, उनकी बेटी वंशिका पैदा हुयी उनकी पहली फिल्म 1983 मे आई रवि वासवानी की फिल्म जाने भी दो यारों थी उसी साल शबाना जी और नासिरूददीन शाह के साथ उनकी फिल्म मासूम आई उन्हें असली पहचान 1987 मे आई शेखर कपूर की फिल्म मिस्टर इण्डिया से मिली जिसमे उनका रोल केलैंडर उनकी नई पहचान बन गया। उनकी अंतिम फिल्म 2008 मे आई गॅाड तुस्सी ग्रेट हो थी सतीश जी ने हम किसी से कम नहीं क्योंकि... मैं झूठ नहीं बोलता चल मेरे भाई, हद कर दी आपने, हमारा दिल आपके पास है, तेरा जादू चल गया, दुल्हन हम ले जायेंगे, बड़े दिलवाला, राजाजी, हसीना मान जायेगी, हम आपके दिल में रहते हैं, आ अब लौट चलें, घरवाली बाहरवाली, परदेसी बाबू, किला, बड़े मियाँ छोटे मियाँ, आंटी नम्बर वन, मिस्टर एंड मिसेज खिलाड़ी, साजन चले ससुराल, अंदाज, जमाई राजा, प्रेम प्रतिज्ञा, राम लखन, एक नया रिश्ता, जलवा, सागर, उत्सव, मंडी, वो सात दिन जैसी हिट फिल्मों मे जबरदस्त काॅमेडियन रोल किया उनकी अपनी कामेडियन शैली थी वे कई तकिया कलाम जैसे ये भी खूब कही, ये भी ठीक है। महाराज, भईओ का बखूबी प्रयोग करते थे उनकी एक्टिंग मे पुराने कामेडियन गोप की मासूमियत और बेवकूफी झलक नजर आती थी उनकी जोड़ी गोविंदा, अनिल कपूर के साथ जमी उन्होंने मिलेंगे शादी से पहले जाने भी दो यारों जैसी फिल्मों मे कहानी और संवाद लेखन का कार्य किया वे बधाई हो बधाई और मिस्टर इण्डिया फिल्मों के निर्माता थे आपने प्रेम, रूप की रानी चोरों का राजा, मिलेंगे मिलेंगे शादी से पहले वादा ,तेरे नाम, बधाई हो बधाई, मुझे कुछ कहना है, हमारा दिल आपके पास है, हम आपके दिल में रहते हैं फिल्मों का निर्देशन भी किया था आपको 1990 मे रामलखन के लिये और 1997 में साजन चले ससुराल के लिये बेस्ट कामेडियन रोल के लिये फिल्मफेयर बेस्ट कामेडियन एवार्ड मिला। 66 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने से 9 मार्च 2023 को गुरूग्राम में उनका निधन हो गया।


 

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