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निरन्तर जम्हाई आना बीमारी भी हो सकती है

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बदलते परिवेश में वर्तमान का समय को आर्थिक युग कहा जा सकता है, आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी हमे अपने स्वास्थ्य से बहुत दूर करती चली जा रही है यही कारण है कि हम बीमारियों के चपेट में आते चले जा रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण प्रतिदिन का खान-पान, रहन-सहन, और खराब वातावरण के अनुसार हमारा शरीर ढलता जाता है। साथ ही साथ समय और मौसम भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। इन परिस्थितियों में बदलाव होने से हमें जम्हाई आती है। यदि आप रात में देर से सोते हैं या पूरे दिन काम करते-करते थक जाते हैं तो दिन में एक-दो बार जम्हाई आ सकती है। परंतु, जब आपको यह जम्हाई हद से ज्यादा आती हो तो भी हम इसे इग्नोर कर देते हैं। आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे कि निरन्तर जम्हाई आने के पीछे कई बीमारियां हो सकती हैं। आइए जानते हैं जम्हाई किन-किन बीमारियों के बारे में संकेत देती हैं। और हम आपको बता रहे है की बार-बार जम्हाई आना किन बीमारियों का संकेत है। - बार बार उबासी या जम्हाई आना से हार्ट अटैक का खतरा रहता है। साथ ही अगर उबासी आने के साथ सीने में दर्द बने तो तुरंत चिकित्स्सक से सलाह लें। - शरीर में थायराइड के हार्मोन की कमी या

जाके बैरी सम्मुख ठाडे, ताके जीवन को धिक्कार

जब कभी वीर और वीरता की बात होती है तो, बुंदेलखंड की वीर भूमि महोबा और आल्हा एक दूसरे के पर्याय हैं। महोबा की सुबह आल्हा से शुरू होती है और उन्हीं से खत्म। बुंदेलखंड का जन-जन आज भी चटकारे लेकर गाता है। बुंदेलखंड की सुनो कहानी बुंदेलों की बानी में पानीदार यहां का घोडा, आग यहां के पानी में  महोबा के अनेकों स्मारक आज भी इन वीरों की याद दिलाते हैं। सामाजिक संस्कार आल्हा की पंक्तियों के बिना पूर्ण नहीं होता। आल्ह खंड से प्रभावित होता है। जाके बैरी सम्मुख ठाडे, ताके जीवन को धिक्कार। आल्हा का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा था कि 800 वर्षो के बीत जाने के बाद भी वह आज भी बुंदेलखंड के प्राण स्वरूप हैं।  आल्हा गायक इन्हंे धर्मराज का अवतार बताता है। कहते है कि इनको युद्ध से घृणा थी और न्यायपूर्ण ढंग से रहना विशेष पसंद था। इनके पिता जच्छराज (जासर) और माता देवला थी। ऊदल इनका छोटा भाई था। जच्छराज और बच्छराज दो सगे भाई थे जो राजा परमा के यहाॅ रहते थे। परमाल की पत्नी मल्हना थी और उसकी की बहने देवला और तिलका से महाराज ने अच्छराज और बच्छराज की शादी करा दी थी। मइहर की देवी से आल्हा को अमरता का वरदानल मिला था। युद्ध

18 वाहनों के चालान किए गये

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झांसी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश में यातायात माह के तहत चैकी प्रभारी विश्वविद्यालय परमेंद्र कुमार सिंह के द्वारा मेडिकल बाईपास तिराहे पर कॉन्स्टेबल उपेंद्र शर्मा ,कांस्टेबल पंकज आदि समस्त पुलिस स्टाफ विश्वविद्यालय चैकी ने सघन चेकिंग अभियान मैं 18 वाहन दो पहिया व चार पहिया वाहनों के ऑनलाइन चालान करते हुए 32200 रूपये शमन शुल्क जुर्माना किया गया। 

कार्यो में किसी भी प्रकार शिथिलता व लापरवाही नही होगी क्षम्य

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रायबरेली जनपद की नोडल अधिकारी/प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने बछरावा ंथाना व ब्लाक का निरीक्षण किया। प्रमुख सचिव ने थाना बछरावा का निरीक्षण किया कार्यालय लिपिक, कान्सेटबल से अपराध रजिस्टर, ग्राम वार रजिस्टर, रजिस्टर नं0 8, भूमि विवाद रजिस्टर, शस्त रजिस्टर, तहसील रजिस्टर, थाना दिवस रजिस्टर आदि के बारे में जानकारी ली। आई.जी.आर.एस. के मामलों की तत्काल निराकरण के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हिस्ट्री शीटर आदि अन्य अपराधियों के बारे में.ेंजानकारी ली तथा निर्देश दिये कि इनकी निरन्तर समीक्षा करते रहे व दोषी पाये जाने पर कार्यवाही भी करते रहे। निरोधातक कार्यवाही पर ध्यान दें। वारन्ट कितने तामील समय से कराये। इस मौके पर मालखाना, हवालात, अभिलेखागार, कम्प्यूटर कक्ष लाकप आदि को देखने के साथ ही थाने की साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाओं को दुरूस्त रखने के निर्देश दिये। उन्होंने थाना प्रभारी को निर्देश दिये कि अपराधिक मामले बढने न पाये। बड़ी संख्या में जांचे भी लम्बित है प्रभावी तरीके से कार्यवाही करे। निरीक्षण के दौरान निर्देश दिये देते हुए कहाकि शासन की मंशा के अनुरूप कार्य करे। कार्यो के क्र

क्वालिटी विचारधारा को अपनाकर ही भावी पीढ़ी उन्नति कर सकती है

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस, लखनऊ के तत्वावधान में चल रहे चार दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय स्टूडेन्ट्स क्वालिटी कन्ट्रोल सर्किल सम्मेलन (आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.-2019) का दूसरा दिन देश-विदेश से पधारे क्वालिटी विशेषज्ञों के सारगर्भित विचारों से ओतप्रोत रहा। इन प्रख्यात विशेषज्ञों ने युवा पीढ़ी को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में 'क्वालिटी की भावना' को आत्मसात करने पर जोर देते हुए इसे जीवन के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने का सशक्त माध्यम बताया। क्वालिटी विशेषज्ञों ने छात्रों को जीवन में उत्कृष्टता लाने के लिए पढ़ने की प्रणाली व जीवन शैली में सुधार लाने के लिए प्रेरित किया, साथ ही चरित्र निर्माण, टीम वर्क, सहयोग की भावना, विचारों के आदान-प्रदान के महत्व पर भी जोर दिया। इसके अलावा देश-विदेश के प्रतिभागी छात्रों ने कोलाज एवं केस स्टडी प्रजेन्टेशन प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन किया।   इससे पहले, आई.सी.एस.क्यू.सी.सी.-2019 के दूसरे दिन का शुभारम्भ प्रख्यात शिक्षाविद् एवं लेखिका श्रीमती अनीता अराथून के सारगर्भित अभिभाषण से हुआ। देश-विदेश से पधारे क्वलिटी विशेषज्ञों एवं प्रतिभ

ब्रूस ली का 79 वां जन्मदिन धूमधाम से मनाया

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वर्ल्ड फेमस ब्रूस ली का जन्मदिन यानि 27 नवंबर को चिता जीत कुन डू ग्लोबल स्पोर्ट्स फेडरेशन (सी जे के डी) के चेयरमैन और फिल्मों के सुप्रसिद्ध मार्शल आर्ट एक्सपर्ट चिता यग्नेश शेट्टी द्वारा मुंबई के अंधेरी स्थित दी सेलिब्रेशन स्पोर्ट्स क्लब ,अँधेरी, मुंबई में ब्रूस ली के 79 वां जन्मदिन के अवसर पर एक भव्य और विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। चिता जीत कुन डू ग्लोबल स्पोर्ट्स फेडरेशन ने ब्रूस ली की याद में नेशनल मार्शल आर्ट्स चैंपियनशिप का भी आयोजन भी किया था । जिसमें मुंबई के 20 स्कूलो के बच्चों ने और 26 राज्यो से बच्चों ने इस चैंपियनशिप में भाग लिया। बाद में यग्नेश शेट्टी ने मिलिंद गुनाजी, ओमकार दास मानिकपुरी, शहजाद खान, अशोक बेनीवाल,विनय आनंद, सी जे के डी के डायरेक्टर त्रिशान शेट्टी,वाईस प्रेजिडेंट हरीश शेट्टी ने मिलकर ब्रूस ली के पोस्टर का विमोचन किया और केक काटकर ब्रूस ली का जन्मदिन मनाया। इसके बाद 50 अंडर प्रिविलेज बच्चों को स्कूल बुक और पढाई सामग्री वितरित किया गया। उसके बाद अतिथियों द्वारा चैंपियनशिप के विजेतायों को और सी जे के डी के इंस्ट्रक्टरो को मुफ्त में वीमेन एम्पावरमेंट के

समाज के विकास में पत्रकारों व पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण रही है

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देश व समाज के विकास में पत्रकारों व पत्रकारिता की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इलेक्ट्रानिक्स मीडिया तो अभी जल्दी आया है इस पूर्व प्रिन्ट मीडिया ने अपने सशक्त समाचारों विचारों से लोगों को जागरूक कर आगे बढ़ाने का कार्य कर देश व समाज के विकास में योगदान दिया है जो आज भी कर रहे है। समाचार पत्र, पत्रिका का क्लेवर, फोटो सेटिंग, समाचार का रचनात्मक, सकारात्मक, विश्वनियता, पारदर्शिता, विस्तृत अन्दाज, फोटो, गुणवत्ता, निष्पक्षता, सत्यता, नियमितता आदि, सबका साथ सबका विकास वाली पठनीय साम्रगी को पाठक पसंद करते है। समाचार पत्रों प्रिन्ट मीडिया का भविष्य भूत, वर्तमान उज्जवल रहा है आगे भी उज्जवल रहेगा। पत्रकारिता का महत्व इसलिए अधिक है कि पत्रकार या उनके संवादसूत्र दूर दराज क्षेत्रों में समाज के अंतिम व्यक्ति से पैठ बनाकर उसका दुख दर्द, परेशानी आदि को जानकर समाचार पत्र में स्थान देकर शासन प्रशासन के सम्मुख लाकर समस्या का निवारण दुख दर्द दूर करने में अहम रोल निभाते है। कई बार बहुत सी जानकारी मीडिया प्रतिनिधियोें से ही आसानी से मिल जाती है जोकि कानून व शांति व्यवस्था को सुदृढ रखने में बहुत ही कारगर होती है।