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दीवाली मे बचे तंत्र प्रहार से

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दीपावली को सिद्धि और साधना का पर्व माना जाता है। दीपावली को तंत्र सिद्धी की रात कहा जाता है। तंत्र विद्याएं या टोटके तब सबसे अधिक फल देते हैं जब चंद्रमा पूरी तरह बलहीन हो । दीवाली की रात चन्द्रमा ना केवल पूर्णतः प्रकाशहीन होता हैं बल्कि ज्योतिष मतानुसार अपनी नीच राशि वृश्चिक मे भी जाने वाला अत्यंत निर्बल होता है, तथा सूर्य भी नीच राशि मे होता है, यही ग्रह राहू यानि तामसिक शक्तियों के कुचक्र को निष्प्रभावी करते हैं। इनके बलहीन होने के कारण कार्तिक अमावस्या की काली रात में तामसिक तंत्र की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। दिवाली की रात उल्लू-तंत्र की पूजा का भी खास महत्व है। पीलीभीत के मशहूर तांत्रिक स्वर्गीय धु्रव नारायण कपूर ने भी इसी रात को लालता उल्लू की सिद्धि की थी तंत्र साधक कार्तिक अमावस्या की आधी रात को सिद्धि के लिए विशेष साधना करते है। जबकि वैद्य व आयुर्वेद के जानकार दिव्य और कुछ तांत्रिक औषधि जगाते  है, तंत्रशास्त्र की महारात्रि पर और भी कई शक्तियां सिद्ध करने की कोशिश की जाती है। इनमे बगलामुखी साधना, उच्चाटन और स्तंभन जैसी सिद्धियां मुख्य हैं। दिवाली पर देवी लक्ष्मी अपनी बहन दरिद्रत

देशी गाय के गोबर से गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति बनाई

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देश की संस्कृति व धर्म को आगे बढ़ाने में लगी है डॉ संतोष सिंह। डॉ संतोष ने देशी गाय के गोबर से प्रथम पूज्य गणेश जी व माता लक्ष्मी की मूर्ति बनाई है। इससे अच्छी बात क्या होगी कि दीवाली के दिन गाय के गोबर से बने गणेश लक्ष्मी का पूजन होगा। डॉ संतोष सिंह न केवल गाय के गोबर से मूर्तिया बनाती है बल्कि घर के बेकार सामानों से भी वो खिलौने, मूर्तियां, सजावटी सामान आदि बनाती हैं। डॉ संतोष सिंह के पिता सेना में कार्यरत थे और अपने संस्कारो के प्रति जागरूक थे वहां से डॉ संतोष ने भारतीय संस्कार को जाना वही केंद्रीय विद्यालय में शिक्षा ग्रहण के दौरान एक विषय (एसयूपीडब्ल्लू) से कला सीखी और पढ़ाई में आगे अर्थशात्र में पीएचडी किया। इससे उन्होंने संस्कार को अर्थ से जोड़कर एक नया अध्याय लिखना शुरू किया। डॉ संतोष ने बहुत से बच्चियों को इस कला को सिखाकर उनको स्वावलंबी बनाया और आगे भी इस कार्य को जारी रक्खे हुए हैं। संतोष न केवल गाय के गोबर से ही गणेश जी व लक्ष्मी जी की प्रतिमा बनाती है बल्कि वो कूड़े से भी खिलौना, छोटी बड़ी कलात्मक वस्तुए भी बना डालती है। इनका कहना है कि हम चाहते है कि लोग इस कला को सीखे और स्वा

मॉरिशस मैत्री महोत्सव

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कोलकाता. 186 साल पूर्व भारत से मॉरिशस गये गिरमिटिया मजदूरों की याद में अचीवर्स जंक्शन पर भारत मॉरिशस मैत्री महोत्सव का आयोजन हुआ जिसमें दोनों देशों के डेलीगेट्स, साहित्यकार, कलाकार, गायक, पत्रकार और संस्कृति कर्मियों ने हिस्सा लिया. कार्यक्रम की स्पीकिंग अध्यक्षता भोजपुरी यूनियन की चेयरपर्सन डॉ सरिता बुधू ने की। आगाज गीत गवाई स्कूल ऑफ मॉरिशस की दो दर्जन गायिकाओं ने किया. धनदेवी और उनकी टीम ने लगभग घंटे भर लोक गीत, संस्कार गीत और घर-आंगन गीत से न सिर्फ गिरमिटिया मजदूरों की कहानी कही, बल्कि दर्शकों को उनकी जड़ों के बाद काव्य पाठ हुआ। इस कार्यक्रम में भारत से कर्नल बीपी सिंह, गीतकार मनोज कुमार मनोज ती मॉरिशस से प्रोफेसर हेमराज सुंदर, हिंदी सचिवालय के महासचिव प्रोफेसर विनोद कुमार मिश्र, डॉ मुरीति रघुनंदन, डॉ शिक्षा गजाधर ने हिस्सा लिया। लवना रामधनी, वशिष्ट कुमार और अरविंद सिंह ने अद्भुत काव्य पाठः किया गीत-गजलों और कविताओं की बारिश होती रही. गिरमिटिया मजदूरों की याद में आयोजित कार्यक्रम में डॉ कीर्ति प्रोड्यूसर, एकर नर्मदा खेदनाह, महात्मा गांधी संस्थान के डॉ अरविंद विसेमार, पत्रकार सविता ति

ओवरटेक न करे, दुर्घटना से देर भली

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जिलाधिकारी, रायबरेली वैभव श्रीवास्तव व पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने जनपद में चलाये जा रहे यातायात माह नवम्बर पर जनपद वासियों से अपील की है सरकार द्वारा जारी यातायात सम्बन्धित दिशा निर्देशों को स्वयं जाने तथा दूसरों को जानकारी दें। इसके अलावा यातायात व सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करके अपनी तथा दूसरों की जीवन की रक्षा करें। सड़क सुरक्षा सम्बन्धी नियमों का स्वयं भी पालन करें तथा अन्य को भी पालन करना सुनिश्चत करे। सड़क सुरक्षा संबंधी अपनी जिम्मेदारी निभाएं, हेलमेट लगाए, वाहन चलाते समय मोबाइल का प्रयोग न करे, तेज गति से वाहन न चलाए, नशे की हालत मे वाहन न चलाए, निश्चित सवारी ही गाड़ी मे बैठाए, गलत ढ़ग से ओवरटेक न करे, दुर्घटना से देर भली आदि पर बोर्ड जनपद के विभिन्न स्थलो पर लगाएं ताकि लोग जागरूक हो तथा यातायात के नियमो का पालन करें। इसी क्रम में सड़क सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रमों के तहत वल्र्ड वेलफेयर आर्गनाइजेशन तत्वाधान में स्थानीय मलिकमऊ जवाहर विहार कालोनी के निकट दुर्गा इण्टर कालेज में सड़क सुरक्षा जागरूकता व मिशन शक्ति जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विशेष विशेषज्ञों जिसमे

नई विश्व व्यवस्था

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ के तत्वावधान में आॅनलाइन आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 21वें अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ के प्रतिभागी 63 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, न्यायविद्, कानूनविद् व अन्य प्रख्यात हस्तियों  ने ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ के माध्यम से संकल्प व्यक्त किया है कि वे विश्व एकता, विश्व शान्ति एवं भावी पीढ़ी के सुरक्षित भविष्य हेतु ‘नई विश्व व्यवस्था’ के गठन हेतु सतत् प्रयास करते रहेंगे। विदित हो कि लगातार चार दिनों तक सम्पन्न हुए इस महासम्मेलन के अन्तर्गत विश्व की प्रख्यात हस्तियों, न्यायविद्ों व कानूनविद्ों की गहन परिचर्चा के निष्कर्ष स्वरूप ‘लखनऊ घोषणा पत्र’ जारी किया गया। न्यायविदों ने संकल्प व्यक्त किया कि वे अपने देश में अपनी सरकार के सहयोग से इस मुहिम को आगे बढायेंगे जिससे विश्व के सभी नागरिकों को नई विश्व व्यवस्था की सौगात मिल सके और प्रभावशाली विश्व व्यवस्था कायम हो सके। उक्त जानकारी सम्मेलन के संयोजक, प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, संस्थापक, सी.एम.एस., ने दी है। लखनऊ घोषणा पत्र के विस्तृत विवरण में मुख्य न्यायाधीशों, न्यायाधीशों व कानूनविद्ों ने कहा है कि - हा

माँ के स्नेह का कोई मूल्य नहीं होता हैं

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माता-पिता, बुजुर्गो के प्रति सेवा, आदर व सम्मान प्रकट करने से आत्मविश्वास, सकारात्मक सोच, राष्ट्रीय एकता, अखण्डता को बलवती करने का बल मिलता है। समाज सेवी माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव पत्नी हरीश चन्द्र श्रीवास्तव ने अपने सीमित संसाधनो से परिवार व समाज के लोगो को विपत्तियों में आगे बढ़ने की पे्ररणा दी। माँ के स्नेह का कोई मूल्य नहीं होता हैं। जीवन और मृत्यु के सफर के बीच में किये गये कार्य ही व्यक्तित्व स्थापित करते है। महत्वपूर्ण यह नही है कि जिन्दगी में कितने खुश हम है बल्कि यह है कि आपके व्यवहार से कितने लोग खुश है। आज के सामाजिक परिवेश में जब मानवीय मूल्य गौड़ होते जा रहे है ऐसे में मानवीय मूल्यो की सुरक्षा सुढ़ता के लिए बुजुर्गो के विचारो व क्रिया-कलापो को आत्मसात करना जरूरी है। यह विचार पत्रकार हिमांशु श्रीवास्तव की माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव पत्नी हरीश चन्द्र श्रीवास्तव की स्मृति में 92 फिरोज गांधी कालोनी में आयोजित एक कार्यक्रम में सहायक निदेशक सूचना प्रमोद कुमार द्वारा माताश्री निरंजनी श्रीवास्तव के चित्र पर पुष्प व श्रद्धासुमन अर्पित करने के उपरान्त व्यक्त किये गये। माताश्री निरंज

सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान में प्रगति रथ सहयोग दे रहा हैं

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प्रगति रथ संस्था झाँसी द्वारा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार, के सौजन्य से सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान पिछले 25 दिनों से चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत प्रगति रथ की टीम अक्स नाट्य एवं कला संस्थान, झाँसी के रंगकर्मियों के साथ सदर बाजार, कचहरी चैराहा, मिनर्वा चैराहा और मानिक चैक, झाँसी पर नुक्कड़ नाटक लेकर उतरी। जहाँ लोगो को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से सन्देश दिया गया कि यातायात के नियमो का पालन करें, नियम न मानने की वजह से ही दुर्घटनाएं होती हैं और जान-माल की हानि होती है। नाटक के जरिये लोगों को सड़क सुरक्षा और यातायात नियमो की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई और लोगों से प्रार्थना की गई कि वे यातायात नियमो का पालन करें एवं स्वयं की सुरक्षा करें। साथ ही लोगो को सड़क सुरक्षा की शपथ भी दिलाई गई। इस अभियान में झांसी प्रशासन, नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस प्रगति रथ को भरपूर सहयोग दे रहे हैं।  इस कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक टीम से शरद नामदेव, देवदत्त बुधोलिया, शीलू पंडित, विकास बहादुर, वीरेन्द्र ढोलकिया, संजू तिवारी, अंशुल शर्मा, डॉली ठाकुर, झुल्लन मामा (शायर), एवं संस्था से अध्यक्ष श्री विजय च