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कलर बेल्ट प्रतियोगिता

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जिला कराटे संघ रायबरेली के तत्वाधान में आज एनटीपीसी स्थित स्पोर्ट्स स्टेडियम में कराटे कलर बेल्ट का आयोजन हुआ जिसमें एनटीपीसी स्पोर्ट्स स्टेडियम के लगभग 80 बच्चों ने प्रतिभाग किया। प्रतियोगिता का आयोजन जिला कराटे संघ के नेतृत्व में हुआ जिसमें निर्णायक मंडल के रूप में आशीष जायसवाल, रोहित कुमार, रितिका गुप्ता अल्ताफ खान रहे, इसमें सहायक निर्णायक के रूप में अहाना त्रिपाठी अविका सिंह, सूर्यांश पांडे पर्णिका सिंह, आयुषी जेठवंत रहे। लगभग 4 घंटे चले इस प्रतियोगिता में वाइट बेल्ट से लेकर ब्राउन बेल्ट तक बच्चों ने अपना प्रदर्शन दिखाया। आगामी 28 तारीख को टेस्ट का परिणाम घोषित होगा जिसके उपरांत टेस्ट में पास हुए बच्चों को बेल्ट और सर्टिफिकेट देकर अगले बेल्ट के लिए प्रमोट किया जाएगा। इस मौके पर मुख्य निर्णायक कराटे मास्टर राकेश कुमार गुप्ता ने बच्चों के ब्लॉक्स, किक, कांते जैसी चीजों को बहुत ही बारीकी से चेक करते हुए उन्हें अपना अनुभव साझा किया। स्पोर्ट्स काउंसिल के सचिव उज्जवल प्रताप सिंह तथा लक्ष्मीकांत सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में कराटे सीखना सभी के लिए बहुत ही जरूरी है समाज में हो रही विभि

23 चयनित कहानियां पुस्तक का विमोचन

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- विशेष संवाददाता लखनऊ। कहानीकार लेखक साहित्यकार वरिष्ठ आई.ए.एस. आर.एन. मौर्य की 23 चयनित कहानियां पर पुनः प्रकाशित हुई पुस्तक का विमोचन सचिवालय के लोकभवन के निकट उपनिदेशक सूचना (से.नि.) प्रमोद कुमार ने किया। वरिष्ठ लेखक व आईएएस जो कि वर्तमान में विशेष सचिव उत्तर प्रदेश सचिवालय में तैनात है जिन्होंने यह पुस्तक अपनी स्वर्गीय मां श्रीमती जिलेबा देबी व पिता स्वर्गीय कमला प्रसाद को समर्पित की है।  मानव जीवन को अपना दीपक स्वयं बनो अनुभूतियोें का संकलन कर निरंतर अभ्यास से हमें आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता। अपने आस-पास प्राकृतिक सम्पदा, जीव जन्तुओं व जीवांत परिजनों, दोस्तों आदि से लगाव कर जीवन को निरंतर उन्नतशील विकास की ओर बढ़ा सकते है। हमारे इर्द-गिर्द अधिकांश महापुरूष जो भी हुए है उनका गांधी जी का कथन सदा जीवन उच्च विचार सकारात्मक कार्यो से ही सम्बन्धित रहा है। सहज, सरल भाषा में प्रकाशित कहानियों को पढ़ने से दर्द और मानवीय एहसास होता है वहीं समाज में कुछ कर गुजरने की अभिलाषा भी बढ़ जाती है। कहानी संग्रह पुस्तक में पत्ता टूटा डाल से, चीटें का सफर, दि बैचलर एंड एन ओल्डमैन, लोहे की जालिया, तुमन

आइये, अपने परिवार की तरह अपने पड़ोसी को भी प्यार करें!

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- डा 0 जगदीश गांधी (1) इस धरती का परमपिता परमात्मा एक है :-                 क्रिसमस या बड़ा दिन ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में 25 दिसम्बर को मनाया जाने वाला पर्व है। आधुनिक क्रिसमस की छुट्टियों में एक दूसरे को उपहार देना , चर्च मंे प्रार्थना समारोह और विभिन्न सजावट करना शामिल है। इस सजावट के प्रदर्शन में क्रिसमस का पेड़ , रंग - बिरंगी रोशनियाँ , जन्म के झाँकी और हॉली आदि शामिल हैं। सांता क्लॉज को ( जिसे क्रिसमस का पिता भी कहा जाता है ) क्रिसमस पर बच्चों के लिए तोहफे लाते हैं। क्रिसमस को सभी ईसाई लोगों सहित गैर - ईसाई लोग भी इसे एक धर्मनिरपेक्ष तथा सांस्कृतिक उत्सव के रूप मे मनाते हैं। क्रिसमस के दौरान उपहारों का आदान प्रदान , सजावट और छुट्टी के दौरान पिकनिक के कारण यह संसार का एक बड़ा महोत्सव बन गया। (2) परम पिता परमात्मा सारी सृष्टि का रचयिता है :-                 ईसाई धर्म के अनुयायी इस बात को स्वीकार करते हैं कि इस सारी सृष्टि का ईश्वर एक