कोरोनाः क्या मंत्र शक्ति रोकेगी महामारी

ज्योतिष डी.एस. परिहार दिल्ली विधान सभा चुनाव में अरविन्द केजरीवाल की जीत की घोषणा की थी वो सत्य साबित हुई थी। करोना वायरस पर उनका सुझाव आपके समझ है।
यह घटना संवत 2017 सन 1958 की है। राजस्थान के जिला टोंक के भासू ग्राम मे चैत शुक्ल नवमी से पुर्णिमा तक विष्णु याग (यज्ञ) का आयोजन किया गया था जिसे सम्पन्न कराने वाराणासी के प्रसिद्ध वैदिक विद्वान प. वेणीराम जी गौड़ आये थे, वे यज्ञ शुरू होने के तीन दिन पहले ही आ गये थे हम लोगों ने उनसे प्रार्थना की कि यहाँ 20-25 मील के आस पास अनेकों गांव मे चेचक की महामारी फैल गई है। अकेले भासू गांव में ही छह माह से लेकर 14 साल के करीब 50 बच्चे रोज मर रहे है। जिससे हमारा यज्ञ के प्रति उत्साह नष्ट हो गया है। पण्डित जी ने कहा, आप लोग ंिचंता ना करे आज रात मैं एक अनुष्ठान करूँगा जिससे आप सबको इस महामारी से छुटकारा मिल जायेगा उन्होंने रात मे नौ बजे गांव के चैराहो पर नवग्रह आदि का पूजन करवा कर दो ब्राह्मणों को अलग-अलग रात भर मंत्र जाप करने का निर्देश दिया और कहा, आप लोग जप पूरा ना होने तक आसन नही छोड़ें रात भर दीपक ना बुझने पाये इसकी भी व्यवस्था की गई जप सम्पन्न हुआ तो प्रातः उन्होंने यज्ञ भी किया दूसरे दिन चमत्कार हो गया जहाँ रोज 50 बच्चे मरते थे वहाँ केवल एक ही बच्चे की मौत हुयी और अगले दिन से आस पास के सभी गांवों से ना केवल महामारी खत्म हो गई बल्कि कोई भी मौत नही हुयी गांव वालो ने आंनदपूर्वक विष्णु यज्ञ सम्पन्न करवाया जब वे विद्वान वापस लौट रहे थे तो मैंने उनसे पूछा के आपने महामारी रोकने के लिये कौन सा अनुष्ठान किया था तो वे बोले मैंने उस रात एक ब्राह्मण को दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का संपुट लगा कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने को कहा था। 
बालग्रहा भिभूतानां बालानां शान्ति कारकम्।
संघातभेदे च नृणां मैत्रीकरणमुत्तम।।
और दूसरे ब्राह्मण को शीतलाष्ठक के इस मंत्र का संपुट लगा कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने को कहा था। 
शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।
शीतले त्वं जगद्धात्री शीतलायै नमो नमः।।
यह दोनो मंत्र शीतला माता (चेचक) के भंयकर प्रकोप को शांत कर देते है। 
साभार-पुस्तक- पढे समझो और करो, प्रेषक- श्री बजरंग प्रसाद शर्मा, ग्राम भासू जिला टांेक, राजस्थान, प्रकाशक-गीताप्रेस गोरखपुर।
महामारी नाशक दुर्गा सप्तशती का अमोघ मंत्र-
दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का संपुट लगा कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से हैजा आदि कोई भी महामारी शांत हो जायेगी इसके अलावा यदि नौ दिन तक प्रतिदिन नौ माला नवार्ण मंत्र का पाठ करे मध्य मे 101 बार निम्नलिखित मंत्र का जाप करे पुनः नौमाला नवार्ण मंत्र का जाप करे दसवे दिन गाय के दूध की खीर से दो माला का हवन करें तथा गुर्च या गिलोय के टुकड़ों मे घी मिला कर तीन माला हवन करें। तो महामारी निश्चित रूप से शांत हो जोयगी 
ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते। 
विविध रोगों तथा उपद्रवों की शान्ति के लिये:-
राम चरित मानस के इस मंत्र का नित्य एक माला का जाप साधक को महामारी से मुक्त रखेगा इसका सामुहिक जाप भी महामारी को शांत कर देगा। 
“दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज काहूहिं नहि ब्यापा।।
अपील:- मैं डी एस परिहार देश के विद्वान ब्राह्मणों, साधकों तथा यज्ञ कर्ताओं से हाथ जोड़ कर प्रार्थना करता हूँ कि जिस प्रकार आपके महान तपस्वी महर्षि पूर्वजों ने देश और विश्व की रक्षा के लिये अनेकों बार महान तप और अनुष्ठान किये आप लोग भी एक बार फिर विश्व व देश की रक्षा के लिये मंत्र शक्ति, जप हवन आदि से मानवता की रक्षा करें देश के धनाढ्यों से भी प्रार्थना करता हूँ आप लोग सामूहिक यज्ञ, जप आदि करवाने का कष्ट करें।


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