जनपद रायबरेली में लाकडाउन को देखते हुए एक पूर्व सभासद व समाज सेविका वफा आब्दी द्वारा पवित्र रमजान से गरीब व निर्धन महिला व बच्चियों को सोशल डिस्टेसिंग के माध्यम से कोरोना जागरूकता के साथ ही सिलाई की बारीकियों से दो-दो जरूरतमंत बच्चियों को विभिन्न समय में सिलाई की जानकारी दे रही है। इसके अलावा उनसे कहा जा रहा है कि अपने-अपने घरों में अधिक से अधिक रहे तथा आवश्यकता पड़ने पर घरों से निकलने तो मास्क आदि का प्रयोग करे। लाॅकडाउन व सोशल डिस्टेसिंग से सही कोरोना वायरस की चैन को तोड़ा जा सकता है।
मनुष्य का जीवन अपने आसपास के वातावरण से ही प्रभावित होता है। व्यक्ति के आस-पास के पशु पक्षी उसके जीवन का अभिन्न अंग है। भारतीय ऋर्षियों तथा संसार के अध्यात्मवादियो ने संसार के पक्षियों को ना केवल ज्योतिष तथा मनुष्य के भाग्य से जोड़ा है। बल्कि पक्षियों को उपयोग शकुन ज्योतिष, फलित तथा प्रष्न ज्योतिष तथा अनेकों ज्योतिष, तांत्रिक उपचारों और शारीरिक मानसिक रोगों के निवारण में किया है। भारत मे पंच प़क्षी शास्त्र, कल्ली पुराण पर आधारित तोते द्वारा भविष्यवाणी, पक्षी तंत्र तथा शकुन ज्योतिष का प्रयोग आदिकाल से ही किया जाता है भारत मे गरूड़ जी, नीलकंठ, काकभुषुंडी,, हंस, जटायु व संपाती, शुकदेव जी आदि दिव्य पक्षियों तथा अनेक देवी देवताआंे वाहन के रूप मे पक्षियों को प्रयोग किये जाने का वर्णन है। जैसे भगवान विष्णु का गरूड़, कार्तकेय जी का मयूर, माता लक्षमी का उल्लू, विश्वकर्मा, वरूण जी तथा स्वरसती जी का हंस आदि शनिदेव का कौआ आदि का प्राचीन काल मे पक्षियों द्वारा डाक सेवा युद्ध संबधी शकुन का भी काम लिया जाता था पक्षियों को स्वतंत्रता, नवीन विचारों, आनंद, तनाव, मुक्ति, प्रषंसा, यष, धन्यवाद देने, प्रजनन श