संदेश

त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश

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अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम के अन्तर्गत जनपद स्तरीय सतर्कता एवं मनीटरिंग समिति के सदस्य व विधायक राम नरेश रावत ने कहा कि सतर्कता एवं मनीटरिंग समिति व प्रदेश सरकार व शासन अनुसूचित जाति/जनजाति के प्रति पूरी तरह से संवेदनशील व उनकी समस्याओं के प्रति गम्भीर है। यह बात विधायक ने मानीटरिंग समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी रायबरेली नेहा शर्मा व पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह एवं सदस्यो से कहा कि एससी/एसटी के प्रकरणों में तत्काल कार्यवाही व सहायता अपेक्षित है। कलेक्ट्रेट स्थित बचत भवन के सभागार में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1995 कि नियम-17 के अन्तर्गत इस जिलास्तरीय सतर्कता एवं मनीटरिंग समिति की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने कहा कि सतर्कता एवं मानीटरिंग समिति के सदस्यों द्वारा चर्चा के दौरान जो बिन्दु आये है उनका निस्तारण गम्भीरता पूर्वक किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मिलने वाली सहायता राशि व अन्य कार्यवाही का निस्तारण जनपद में प्रमुखता से किया जा रहा है। जनपद के समस्त थानों में पुलिस अधीक्षक

पार्किंग एरिया में अतिक्रमण बना मुसीबत

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झांसी महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज झांसी मैं इलाज कराने हेतु व प्राइवेट नर्सिंग होम में इलाज कराने हेतु आते मरीजों के वाहनों के खड़े करने के लिए मेन रोड से हटके पार्किंग की जगह पर अवैध गुमटी ठेला व होटल वालों ने अवैध कब्जा कर रखा है जिससे चार पहिया वाहन से आने वाले मरीजों को मैन रोड पर गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है मरीज को अस्पताल में ले जाने के दौरान रोड पर खड़े चार पहिया वाहन को ट्रैफिक पुलिस लिफ्टर क्रेन के द्वारा उठा लिया जाता है जब मरीज को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद परिवार वाले व चार पहिया वाहन का ड्राइवर बाहर आकर देखता है तो उसकी गाड़ी गायब हो जाती है जिससे वह घबरा जाता है और पता करता है तो उसको जानकारी मिलती है उसकी गाड़ी को लिफ्टर क्रेन द्वारा विश्वविद्यालय चैकी मेडिकल झांसी के पास खड़ी मिलेगी तब वह जाकर ट्रैफिक पुलिस व लिफ्टर क्रेन ड्राइवर को 500 जुर्माना देकर रसीद कटा कर अपनी चार पहिया गाड़ी को प्राप्त करते हुए जाता है जिससे मैं मुसीबत के समय में और मुसीबत में घिर जाता लेकिन प्रशासन का वाहन पार्किंग एरिया से अवैध कब्जा धारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की जाती है जिससे अवैध कब्ज

अमेरिका की पेस यूनिवर्सिटी द्वारा 72,000 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप से नवाजा गया

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                                                                             सिटी मोन्टेसरी स्कूल, महानगर कैम्पस, लखनऊ के मेधावी छात्र मयंक पाण्डेय को अमेरिका की पेस यूनिवर्सिटी द्वारा 72,000 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप से नवाजा गया है। मयंक को यह स्काॅलरशिप चार वर्षीय उच्चशिक्षा अवधि के दौरान प्रदान की जायेगी। इसके अलावा, अमेरिका के पाँच और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों द्वारा मयंक को स्काॅलरशिप के साथ उच्चशिक्षा का आमन्त्रण प्राप्त हुआ है, जिसमें फ्लोरिडा इन्स्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी द्वारा 40,000 अमेरिकी डालर, यूनिवर्सिटी आॅफ सिनसिनाटी द्वारा 40,000 अमेरिकी डालर, यूनिवर्सिटी आॅफ इलिनोईस द्वारा 24,000 अमेरिकी डालर, यूनिवर्सिटी आॅफ यूटाह द्वारा 20,000 अमेरिकी डालर एवं वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा 16,000 अमेरिकी डालर की स्काॅलरशिप शामिल है। इस प्रकार, सी.एम.एस. के इस होनहार छात्र ने अपनी लगन, प्रतिभा व शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर अमेरिका के छः विश्वविद्यालयों में चयनित होकर विद्यालय का गौरव बढ़ाया है। सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस प्रतिभाशाली छात्र की

शेफाली की उससे मुलाकात नही हुयी

शेफाली लखनऊ के एलिफिस्टन होटल में रिसेपनिस्ट थी उसकी डयूटी सुबह 11 बजे से रात 9 बजे तक होती थी उसके बाद विपिन गुप्ता यह जिम्मेदारी उठाते थे स्टाफ कार उसे कैपिटल थियेटर पर छोड़ देती थी जहाँ से वो चारबाग स्टेशन से आने वाली 8 नम्बर की सरकारी बस पकड़ कर वायरलेस चैराहे पर उतरती थी वहाँ से पांच मिनट के पैदल फासले पर महानगर मे उसका घर था उसके परिवार मे उसकी विधवा माँ व एक बड़ा भाई था जो बम्बई मे नौकरी करता था और कभी-कभी ही आ पाता था। बरसात की एक रात शाम से ही लगातार बारिश होने के कारण शेफाली को होटल से निकलने मे देर हो गई, जब वो कैपिटल पहुँची 10 बज रहे थे किस्मत से पहुँचते ही बस आ गई खराब मौसम के कारण बस में केवल चार-पांच ही पैसेन्जर थे तभी उसकी निगाह छह फुट लंबे तगड़े बेहद खूबसूरत व हैण्डसम नवजवान पर पड़ी जिसने काफी महंगा सूट पहन रहा था देखने में वो किसी फिल्मी हीरो से कम नही लग रहा था शेफाली उसे देखकर पहली ही नजर में ही उस पर बुरी तरह फिदा हो गई वो किसी फाइल में मशगूल था निशातगंज चैराहे पर स्टापेज आने पर वो उतरा और चिनहट जाने वाली वाली बस में सवार हो गया सारे टाईम शेफाली उसे एक टक देखती ही रही र

चन्द्रशेखर आजाद ही जिए और आजाद ही मरे

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अंग्रेजी उपनिवेशवाद के युग में भारत सहित विश्व के लगभग 54 देशों में अंग्रेजी राज के प्रति नफरत और आक्रोश फैला हुआ था। उपनिवेशवाद में यूरोपीय देशों ने पूँजी के द्वारा सर्वोच्च लाभश् प्राप्त किया है। उपनिवेशवाद का पूरे यूरोप का मुख्य केन्द्र इंग्लैण्ड रहा है। उपनिवेषवाद का तात्पर्य है आर्थिक दृष्टि से विकसित देशों के द्वारा अविकसित देशों का शोषण। पिछड़े देशों की सारी आर्थिक व्यवस्था उनपर निर्भर रहती है। अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो् की अन्यायपूर्ण विचारधारा के कारण अंग्रेज के गुलाम 54 देशों के मूल निवासी गरीबी, बीमारी, अशिक्षा तथा गुलामी से भरा अपमानजनक जीवन जी रहे थे। विश्व के इन देशों की प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन करके तथा मानव संसाधन का शोषण करके अंग्रेज अपने देश इंग्लैण्ड को समृद्ध कर रहे थे। इस कालखण्ड में गुलाम भारत में अंग्रेजांे के प्रति आक्रोश चरम सीमा पर था। स्वाधीनता आन्दोलन के लिये पूरे राष्ट्र में एक दबी हुई चिगंारी धधक रही थी। ऐसे विकट समय में अमर बलिदानीए भारत माँ के वीर क्रान्तिकारी सपूत अप्रतिम साहस के पर्याय चन्द्रशेखर आजाद भारत की प्राचीन सभ्यताए संस्कृति तथा स्वाभि

किड्स कार्निवाल

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, कानपुर रोड कैम्पस, लखनऊ द्वारा विद्यालय प्रांगण में आयोजित किड्स कार्निवाल 'मानसून गाला' में नन्हें-मुन्हें बच्चों की बहुमुखी प्रतिभा देख अभिभावक गद्गद् हो गये। इस शानदार आयोजन में छात्रों ने अपने हुनर का प्रदर्शन कर किड्स कार्निवाल की रौनक में चार-चाँद लगा दिया। जहाँ एक ओर छात्रों ने पाॅम प्रिन्टिंग, नेल आर्ट, टैरो कार्ड रीडिंग, टैटूस, वर्चयूज आॅफ लाईफ, ड्रामा, मीट द यंग शेफ, डान्स एण्ड म्यूजिक, खेलकूद, जर्नी इनटू इण्डिया, द पाण्डा हाउस, मी एण्ड माई सोल आदि शिक्षात्मक गतिविधियों में अपनी प्रतिभा का जोरदार प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया तो वहीं दूसरी ओर छात्रों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रकार के झूले, मनोरंजक खेल, खाने-पीने के स्टाल आदि लगाये गये थे। किड्स कार्निवाल का शुभारम्भ सर्व-धर्म व विश्व शांति प्रार्थना से हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रस्तुत हस्तनिर्मित अनेक कलाकृतियों ने दर्शकों को दातों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया, साथ ही छात्रों ने रंगारंग शिक्षात्मक-सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर समारोह में चार-चांद लगा दिये। कार

शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने वाले शिक्षा मित्र हुए बेपटरी

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शिक्षकों की कमी तथा शिक्षकों के द्वारा पढाई के अतिरिक्त कार्यो जैसे जनगणना, पोलियो अभियान, मिड डे मील सहित तमाम कार्यो को करने के परिणामस्वरूप (मसलन पढाई का कार्य छोड़कर अन्य सरकारी कार्य करना) शिक्षकों की कमी पूर्ति के लिए उप शिक्षक शिक्षा मित्रों की नियुक्ति सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत केन्द्र सरकार के 65 प्रतिशत तथा राज्य सरकार के 35 प्रतिशत के सहयोग से प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त करने की योजना 2001 में बनाई गई थी। उत्तर प्रदेश में भी यह योजना लागू की गई तथा इसी के अंतर्गत 11 माह के शिक्षा सत्र के लिए संविदा पर शिक्षक रखने की योजना की शुरूआत की गई इसमें व्यवस्था भी निर्घारित की गई कि गांव के युवक अथवा युवती का चयन ग्राम शिक्षा समिति के प्रस्ताव पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति के माध्यम से चयन कर नियुक्त किया गया। तथा संबन्धित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में इन्हें एक माह का प्रशिक्षण भी दिया गया। वहीं चयन शुरू से ही विवादों के साये में रहा और शायद ही कोई नियिुक्ति रही हो जिस पर विवाद न रहा हो। बहरहाल सरकार का यह प्रयास सफल रहा तथा प्राथमिक शिक्षा में शिक्षा मित्