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ज्योतिष और मनहूस मकान

सदियों से हर धर्म, हर समाज मे यह मान्यता रही है। कि कुुछ जमीन, खेत या मकान अभिशप्त और मनहूस होते है। जिनमे रहने वाले लोगो या किरायदारों को जानी अंजानी मुसीबतों तथा मृत्यु तक का सामना करना पड़ता है। लोग ऐसे मकानों या जमीनों को छोड़ कर भाग जाते हंैं। बहुत बड़े या सुंदर मकान बहुत ही कम कीमत पर बिकने या किराये पर मिलने पर भी कोई उन्हें लेने को तैयार नहीं होता है। अमरीका के लौंग आईलैण्ड की एमिटी विला, सिल्वर ओक्स, भानगढ का किला, कराची का पूर्व अमरीकी राज दूतावास, आॅस्ट्रिया का कैसल आॅफ मिरर आदि ऐसी ही मनहूस ईमारते हैं। ज्योतिषीय आधार पर किसी मकान या जमीन के मनहूस होने के निम्न कारण होते है जो जमीन किसी से जबरन छीनी या धोखे से हड़पी गई हो विशेषतः निःसंतान, विधवा, निर्बल या बीमार की व्यक्ति की। यदि मकान किसी शमशान, कब्रिस्तान, मजार, कब्र, या समाधि पर या उसके निकट बना हुआ हो वहां किसी देवी देवता का थान या सती का चैरा आदि रहा हो। किसी जमीन या मकान मे हत्या, आत्महत्या, एक या अनेक अकाल या दुःमरण मौत हुयी हो। किसी मकान मे प्रेत पूजा, तांत्रिक पूजा, बलि आदि दी जाती रही हो या किसी प्रेतात्मा का वास हो ज

370 समाप्त, कश्मीर के अच्छे दिन की शुरूआत

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    मोदी सरकार के ऐतिहासिक एवं साहसिक निर्णय कश्मीर से 370 समाप्त कर तथा जम्मू एवं लेह लद्दाख विभाजित कर केन्द्र शासित प्रदेश बनाना एवं कश्मीर के अच्छे दिन की शुरूआत होने वाली है। लेकिन वहां के आवाम की विश्वनियता हासिल करना, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार के साथ ही विकास के नये आयाम स्थापित करने के साथ-साथ नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए अहम् चुनौती भी है। अलगावादियों से से निपटना तथा विदेशी मोर्चा पर पकिस्तान को बेनकाब करते हुए विश्व विरादरी को अपने पक्ष में करना भी कुटनीतिक चुनौती है। देश की सरकार विपक्षी पार्टी कांग्रेस जिसे धारा 370 का जनक माना जाता है के विरोध के बाद भी उसके कुछ बड़े नेताओं का सरकार के फैसले साथ खड़े रहना भी सरकार के विश्वास की बहाली में योगदान है। खासकर डा. कर्ण सिंह जो काश्मीर के राजा हरि सिंह के सुपुत्र है तथा ज्योतिशदित्य राय सिंधिया और दीप्ती सिंह जैसे बड़े नेताओं का समर्थन भी सरकार के किसी संजीवनी से कम नहीं है। लेकिन सरकार को जो इस मुद्दे पर सिर्फ विरोध कर रहे है कि उन्हें सरकार का विरोध करना ही करना है अथवा इस फैसले से विशेष वर्ग का नुकसान दिखाकर विरोध करना उनकी आवश

जिलाधिकारी ने चैपाल लगया

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जिलाधिकारी रायबरेली नेहा शर्मा व पुलिस अधीक्षक सुनील कुमार सिंह ने जन समस्याओं का मौके पर निस्तारण व विकास कार्यो को त्वरित गति प्रदान करने के लिए विकास खण्ड डीह की पदमनपुर बिजौली, सुरैय्या मुवक्किलपुर, सुनगा, फागूपुर, मधुकरपुर, हाजीपुर में चैपाल लगाकर विकास कार्यो का स्थलीय सत्यापन व निरीक्षण व भ्रमण आदि किया गया। जिलाधिकारी ने आयोजित चैपाल में ग्रामीणों से कहा कि सरकार द्वारा 15 सितम्बर से 31 अक्टूबर तक पशुओं के मुँहपका खुरपका बीमारियों से निपटने के लिए अभियान का चलाया जायेगा। जिसका ग्रामीण अपने पशुओं का टीकाकरण कराकर रोग से बचाओं करे। ग्रामों में चूना, छिड़काव, फागिंग के लिए स्वास्थ्य विभाग में अनटाईड फंड के माध्यम से कराये। इसके अलावा डीएम-एसपी ने कहा कि गांव में अमन चैन दुरस्त रहे खुराफातियों असमाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखें। कोई समस्याए हो तो सम्बन्धित क्षेत्र के थानों व 100 नम्बर डायल करके शिकायत को दर्ज करा सकते है। उन्होंने शासन द्वारा पाॅलीथीन रोक थाम के लिए अपने घरों से कपड़ों का झोला लेकर जाये और अपनी खरीदारी करें। पालीथीन का प्रयोग करने से बचे। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं क

आजादी हमें बड़े संघर्षों के बाद मिली है

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल के सभी 18 कैम्पसों में बड़ी धूमधाम व उत्साह से स्वतन्त्रता दिवस मनाया गया। मुख्य समारोह लखनऊ में सी.एम.एस. प्रधान कार्यालय पर सम्पन्न हुआ, जहाँ बड़ी संख्या में उपस्थित कार्यकर्ताओं के बीच सी.एम.एस. की संस्थापिका-निदेशिका डा. (श्रीमती) भारती गाँधी ने ध्वाजारोहण किया। इस अवसर पर सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी, इंग्लैण्ड से पधारे शिक्षाविद् डा. रोजर डेविड किंगडन, सी.एम.एस. प्रेसीडेन्ट प्रो. गीता गाँधी समेत विद्यालय के विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर अपने उद्बोधन में इंग्लैण्ड से पधारे शिक्षाविद् डा. रोजर डेविड किंगडन ने कहा कि हमें अपनी जिम्मेदारियों व कर्तव्यों से भी परिचित होना चाहिए एवं उसी के अनुरूप आचरण करना चाहिए, तभी हम वास्तविक अर्थों में स्वतन्त्रता का आनन्द उठा पायेंगे।   सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने इस अवसर पर कहा कि यह आजादी हमें बड़े संघर्षों के बाद मिली है, अतः हमें स्वयं इसके महत्व को समझना चाहिए एवं भावी पीढ़ी का भी समझाना चाहिए। सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशका व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. (श्रीमत

महान क्रांति का अभियान

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आज से दो हजार वर्ष पूर्व जब भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, तब भी जनमानस का स्तर बहुत ही निम्न स्तर पर जा पहुंचा था। तंत्र और वाममार्ग के नाम पर सर्वत्र भ्रष्टाचार फैला था और उस निकृष्ट जीवन को व्यतीत करते हुए भी लोग अमुक कर्मकांडों को सहारा लेकर स्वर्ग-मुक्ति आदि की आशा करते थे। मद्य, मांस, मदिरा, मुद्रा, मैथुन की खुली छूट थी। चरित्र और सदाचार को उपहासास्पद मूर्खता माना जाता था। यज्ञों के बहाने भरपूर मद्य, मांस का सेवन होता था। देवताओं के नाम पर बलि-प्रथा का खूब जोर था, भैरवी चक्र ने व्यभिचार की पूरी छूट दे रक्खी थी। उस अनाचार का परिणाम वही हो रहा था, जो होना चाहिए। लोग रोग, शोक, क्लेश, कलह, दुःख-दरिद्रता में बुरी तरह डूबे थे, सर्वत्र अशांति का हाहाकारी दावानल जल रहा था। उन्हीं परिस्थितियों में गौतम बुद्ध जन्मे। गृहत्याग उन्होंने आत्म कल्याण की दृष्टि से किया था। बीमारी, बुढ़ापा और मौत के दुःखों से भयभीत होकर उन्होंने चाहा था कि वे ऐसा तप साधन करेंगे, जिससे अजर-अमर होने का, सदा निरोग और युवा रहने का अवसर मिले। इसी उद्देश्य को लेकर वे सुख-साधनों को लात मारकर तप करने निकले थे। उन्होंने वह कि

विश्वात्मा अटल जी की पुण्य तिथि पर शत्-शत् नमन!

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'विश्व शांति के हम साधक हैं जंग न होने देंगे, युद्धविहीन विश्व का सपना भंग न होने देंगे। हम जंग न होने देंगे..'   इस युगानुकूल गीत द्वारा महान युग तथा भविष्य दृष्टा कवि अटल जी ने सारी मानव जाति को सन्देश दिया था कि विश्व को युद्धों से नहीं वरन् विश्व शांति के विचारों से चलाने में ही मानवता की भलाई है। इस विश्वात्मा के लिए हृदय से बरबस यह वाक्य निकलता है, जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि। विश्व शान्ति के महान विचार के अनुरूप अपना सारा जीवन विश्व मानवता के कल्याण के लिए समर्पित करने वाले वह अत्यन्त ही सरल, विनोदप्रिय एवं मिलनसार व्यक्ति थे। सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ एक अच्छे वक्ता भी थे।   भले ही 16 अगस्त 2018 में अटल जी इस नाशवान तथा स्थूल देह को छोड़कर विश्वात्मा बनकर परमात्मा में विलीन हो गये। लेकिन उनकी ओजस्वी वाणी तथा महान व्यक्तित्व भारतवासियों सहित विश्ववासियों को युगों-युगों तक सत्य के मार्ग पर एक अटल खोजी की तरह चलते रहो, चलते रहो की निरन्तर प्रेरणा देता रहेगा। चाहे एक विपक्षी नेता की भूमिका हो या

रचनात्मक व सकारात्मक कार्यो से राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करें: नेहा शर्मा

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जिलाधिकारी रायबरेली, नेहा शर्मा ने 73वें स्वतन्त्रता दिवस 15 अगस्त पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम के अन्र्तगत कैम्प कार्यालय व कलेक्ट्रेट प्रांगण में ध्वजारोहरण किया तथा राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर राष्ट्र गान से कलेक्टेªट परिसर गुन्जायमान हो गया। उन्होने कहा कि हम सभी लोग देश को अग्रसर करने के साथ ही राष्ट्र की एकता अखण्डता की रक्षा करने के साथ ही बालिका सुरक्षा की प्रतिज्ञा ले। उन्होने कहा कि 15 अगस्त के दिन देश स्वतन्त्र हुआ था और यह राष्ट्रीय पर्व है जो तिरंगे के गौरवशाली इतिहास के साथ ही हमारे अनगिनत देश भक्तों तथा अमर बलिदानियों जिन्होने जीवन भर संघर्ष कर जो स्वाधीनता हासिल कराई थी उसके महत्व, उनकी कुर्बानियों के साथ ही हमें अपने कर्तव्यों को स्मरण दिलाता है। उन्होने आहवान किया कि देश की आजादी को अक्षुण्ण बनाये रखने के सभी मिलजुल कर प्रयास करेें, तथा लाईन के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति को भी सम्मान दे, उसकी पूरी बात सुने तथा जनता का विश्वास पाने में आगे आये। उन्होने कहा कि स्वतन्त्रता के मूल्यो, भावनाओं, कुर्बानी आदि को याद कर हृदय से आत्मसात किया जाये। उन्होंने अधिकारियों से