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युवा स्वरोजगार योजना की शुरूआत

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राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवकों की बेरोजगारी की समस्या दूर करने और प्रदेश के हुनरमंद व कर्मठ युवाओं को अपने पैरो पर खड़ा करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की शुरूआत की है। इस योजना का मुख्य उदद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है। इस योजना के तहत सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को अपना उद्योग शुरू कर स्वरोजगार स्थापित करने के लिए 25 लाख रू0 तक एवं सेवा क्षेत्र हेतु 10 लाख रूपये तक का ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इसमें राज्य सरकार द्वारा 25 प्रतिशत मार्जिन मनी अनुदान लाभार्थी को उपलब्ध कराया जाता है, जो कि उद्योग क्षेत्र हेतु अधिकतम रूपये 6.20 लाख तथा सेवा क्षेत्र हेतु रुपये 2.50 लाख तक देय होता है। जो उद्यम के दो वर्ष तक सफल संचालन के उपरान्त अनुदान में परिवर्तित हो जाता है। प्रदेश में बहुत से ऐसे युवा है जो शिक्षित और किसी न किसी टेªड मंे प्रशिक्षण प्राप्त करने के बावजूद आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपना खुद का कोई उद्योग, स्वरोजगार शुरू नहीं कर पाते। राज्य के ऐसे युवा इस योजना के अन्तर्गत आवेदन

कालसर्प दोष कारण और निवारण

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अब आरुषी अंधी लड़की की भूमिका में

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यंग, ग्लैमरस, बहुमुखी प्रतिभाशाली अभिनेत्री आरुषी शर्मा आजकल टीवी इंडस्ट्री में अपनी एक्टिंग प्रतिभा से लोगों को प्रभावित कर रही हैं। स्टार भारत पर सोमवार से शुक्रवार तक प्रतिदिन रात साढ़े नौ बजे प्रसारित होने वाले रश्मि शर्मा प्रोडक्शन के धारावाहिक जग जननी माँ वैष्णोदेवी में आरुषी शर्मा एक अंधी लड़की की भूमिका निभा रही है, जिसमे उनके कैरेक्टर किशोरी को दर्शकों द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। इस धारावाहिक के निर्देशक भगवान यादव है।     धारावाहिक जग जननी माँ वैष्णोदेवी में अपने रोल के बारे में अभिनेत्री आरुषी कहती है, जिसमें मैं एक ब्लाइंड गर्ल का किरदार निभा रही हूँ, जिसका नाम किशोरी है। यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण भूमिका है। लेकिन इसे बिना किसी ट्रेनिंग के निभा रही हूँ। जिसके लिए निर्देशक भगवान यादव ने मुझे काफी कुछ सिखाया और बताया, जिसके कारण मैं यह भूमिका अच्छे ढंग से कर रही हूँ। इसमें मेरे पिता की भूमिका आदि ईरानी कर रहे है और गीता त्यागी मेरी माँ की भूमिका निभा रही है। मैं माँ वैष्णोदेवी की भक्ति में धीरे-धीरे लीन हो जाती हूँ। और मेरे पिता मुझे और मेरी माँ को बहुत परेशान करते है। भविष्य

मेधावी छात्रा कुन्दन को उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड के विश्वविद्यालयों ने आमन्त्रित किया गया

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सिटी मोन्टेसरी स्कूल, अलीगंज (प्रथम कैम्पस), लखनऊ की मेधावी छात्रा कुन्दन मिश्रा ने उच्च शिक्षा हेतु इंग्लैण्ड के तीन विश्वविद्यालयों में चयनित होकर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। इस प्रतिभाशाली छात्रा को इंग्लैण्ड की यूनिवर्सिटी आॅफ रीडिंग, यूनिवर्सिटी आॅफ ईस्ट एंग्लिया एवं यूनिवर्सिटी आॅफ केन्ट द्वारा उच्चशिक्षा हेतु आमन्त्रित किया गया है। इस प्रतिभाशाली छात्रा ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा एवं शैक्षणिक उत्कृष्टता के दम पर यह उपलब्धि अर्जित की है एवं अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षकों व सी.एम.एस. के वातावरण को दिया है।   सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी श्री हरि ओम शर्मा ने बताया कि इस वर्ष अभी तक सी.एम.एस. के 89 छात्रों ने अमेरिका, इंग्लैण्ड, कैनडा, आस्ट्रेलिया, जापान, सिंगापुर, जर्मनी आदि ंविभिन्न देशों के ख्यातिप्राप्त विश्वविद्यालयों में चयनित होकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है, जिनमें से अधिकतर को स्काॅलरशिप प्राप्त हुई है। श्री शर्मा ने आगे कहा कि सी.एम.एस. छात्रों के दृष्टिकोण व्यापक बनाने व उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने हेतु सदैव प्रयासरत है और इसी कड़ी में छात्रों क

देवांशी सिंह ने दी मेधावी छात्र को 1 लाख रूपये की आर्थिक मदद

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धुन्नी सिंह स्मृति सेवा समिति की अध्यक्ष देवांशी सिंह ने अपने पापा स्व. अखिलेश सिंह की स्मृति में शिक्षक दिवस के अवसर पर मेधावी छात्रों हेतु अखिलेश सिंह स्कालरशिप की शुरुआत की। पहली स्कालरशिप की शुरुआत के तहत सत्र 2020-21 जे०ई०ई० मेन्स की परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र राज रत्नेश को उच्च शिक्षा हेतु 1 लाख रुपये का आर्थिक अनुदान प्रदान किया गया। राज रत्नेश मूलतः उन्नाव जनपद के बिहार थाना क्षेत्र के एक छोटे से गाँव मानपुर के रहने वाले हैं। पिता पेशे से किसान हैं। राज रत्नेश रायबरेली में रहकर अपनी पढ़ाई कर इस उपलब्धि को प्राप्त किया है। उच्च शिक्षा हेतु अब वेल्लोर इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी तमिलनाडू से बी. टेक.  में दाखिला लेकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देश की सेवा करना चाहते हैं। उनकी मेहनत व लगन से प्रभावित होकर देवांशी सिंह ने बी.टेक. की पढ़ाई हेतु 1 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदत्त की। समिति की अध्यक्ष देवांशी सिंह ने अखिलेश सिंह स्कॉलरशिप के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताती हैं कि इस योजना को शुरू करने का एक मात्र लक्ष्य ऐसे मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साह

फिर से मुस्कुराएगा मुंबई

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तमाम मुश्किलों को झेलते हुए, तमाम समस्याओं का सामना करते हुए भी हमेशा चलते रहने वाला, जिंदादिल व मुस्कुराते रहने वाला एक शहर कोरोना महामारी जब पूरे विश्व में अपना आतंक फैलाते हुए भारत की ओर बढ़ रहा था, तब तक कई हजार लोग उसकी चपेट से संक्रमित हुए तो कई लोगो को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ा। इस महामारी के बारे में जब तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार कुछ समझ पाती तब तक यह बीमारी भारत में दस्तक दे चुकी थी तथा इस वायरस की दवा क्या है इस खोज में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक संशाधन में जुड ़गए किन्तु इस बीमारी से बचने का बेहतर रास्ता सरकार को नजर नहीं आया तो उसे एक ही रास्ता दिखा वो था लाॅकडाउन। जिससे लोग एक-दूसरे के सपर्क में ना आये और बीमारी की चैन को तोडा जाये इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पहला लाॅकडाउन यानि की  जनता कफ्र्यू लगाया गया किन्तु जब 25 मार्च, 2020 को राष्ट्रीय स्तर पर सम्पूर्ण भारतवर्ष में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए (फेस-1ष् यानि की 25 मार्च से 14 अप्रैल तक जिस दिन लाॅकडाउन घोषित किया गया, उस दिन से लगा की मुंबई जैसे बड़े शहर पर ग्रहण लग गया हो। इस शहर की रफ्तार, इसकी ज

देवताओं व ऋषियों के साथ देवत्व की स्थापना के लिए हुआ था कृष्ण जन्म

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150 साल पहले की चार्ल्स डार्विन की मानव विकास की थ्योरी हमने हाईस्कूल की जीव विज्ञान की किताब में पढ़कर रट ली कि जीवन की पहली उत्पत्ति का केंद्र जल है। इसी थ्योरी ने हमे बताया कि मानव बनने के पहले अमीबा, पेरामिशियम जैसे कितने चरणों से हम गुजरे। हैरत की बात यह है कि जिस सिद्धांत को हमे हजारों सालों से बताया जाता रहा उसको हमने केवल अपने दुःखों से मुक्ति पाने का आधार मानकर उन्हें देवता माना और उनको मन्दिरों में बैठाकर हम उनकी आडम्बर युक्त पूजा करते रहे और मुख्य तथ्य की तरफ कभी ध्यान ही नही दिया कि वेदों और पुराणों में लिखी इबारत हम केवल रट्टू तोते की तरह दोहराते रहे। जबकि इन इबारतों का अर्थ कितना व्यापक है इसको समझने का कभी प्रयास ही नही किया।  चार्ल्स डार्विन की थ्योरी वास्तव में हमारे वैदिक धर्म की पूरी तरह से नकल है। उनकी थ्योरी जल में पहला जीवन पैदा होने की बात करती है तो वैदिक धर्म में पहला अवतार मत्स्य का है। इसी प्रकार कच्छप, हंस से होते हुए परशुराम यानि जंगल मे रहकर जीवन यापन करने वाले मानव से है। पांचवे अवतार परशुराम के पास जंगल मे रहने के कारण हिंसा ज्यादा है। इसी कारण उनकी विशेष