देवांशी सिंह ने दी मेधावी छात्र को 1 लाख रूपये की आर्थिक मदद

धुन्नी सिंह स्मृति सेवा समिति की अध्यक्ष देवांशी सिंह ने अपने पापा स्व. अखिलेश सिंह की स्मृति में शिक्षक दिवस के अवसर पर मेधावी छात्रों हेतु अखिलेश सिंह स्कालरशिप की शुरुआत की। पहली स्कालरशिप की शुरुआत के तहत सत्र 2020-21 जे०ई०ई० मेन्स की परीक्षा में 97 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले छात्र राज रत्नेश को उच्च शिक्षा हेतु 1 लाख रुपये का आर्थिक अनुदान प्रदान किया गया। राज रत्नेश मूलतः उन्नाव जनपद के बिहार थाना क्षेत्र के एक छोटे से गाँव मानपुर के रहने वाले हैं। पिता पेशे से किसान हैं। राज रत्नेश रायबरेली में रहकर अपनी पढ़ाई कर इस उपलब्धि को प्राप्त किया है। उच्च शिक्षा हेतु अब वेल्लोर इंस्टिट्यूट आफ टेक्नोलॉजी तमिलनाडू से बी. टेक.  में दाखिला लेकर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में देश की सेवा करना चाहते हैं। उनकी मेहनत व लगन से प्रभावित होकर देवांशी सिंह ने बी.टेक. की पढ़ाई हेतु 1 लाख रुपये की छात्रवृत्ति प्रदत्त की।
समिति की अध्यक्ष देवांशी सिंह ने अखिलेश सिंह स्कॉलरशिप के विषय में विस्तृत जानकारी देते हुए बताती हैं कि इस योजना को शुरू करने का एक मात्र लक्ष्य ऐसे मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए है जो धन अभाव में अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। यह योजना धुन्नी सिंह स्मृति सेवा समिति (डी.एस.फाउंडेशन) के माध्यम से प्रतिवर्ष 10 होनहार मेधावी छात्रों को स्कॉलरशिप देने का कार्य करेगी। अभी तक समिति सामाजिक कार्यों जैसे नेत्र शिविरों के आयोजन, महिला सशक्तिकरण के कार्यक्रमों एवं किसान भाइयों को कृषि कार्यों में मदद करने का कार्य विगत 26 वर्षों से करती आ रही है। साथ ही कोरोना महामारी के दौरान पूरे जनपद में समिति के द्वारा राशन वितरण एवं भोजन वितरण का कार्य भी बड़े पैमाने पर किया गया।
आपको बताते चले कि बड़ी बहन सदर विधायक अदिति सिंह ने ड्यूक यूनिवर्सिटी व देवांशी सिंह ने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है। वह कहती हैं कि अच्छी शिक्षा आपको आपके हर कदम पर आने वाली चुनौतियों का सामना करने का बल देती हैं। देवांशी सिंह ने जनपदवासियों से आग्रह किया है कि यदि उनके आस-पास ऐसे होनहार मेधावी छात्र-छात्रायें हों तो उन सभी को हम तक जरूर पहुँचाये, उन सभी की यथासंभव मदद की जायेगी।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

पक्षी आपका भाग्य बदले

जन्म कुंडली में वेश्यावृति के योग

भृगु संहिता के उपचार