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रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों लेखपाल पकड़ा गया

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झांसी। जमीन का दाखिल-खारिज करने के लिए लेखपाल द्वारा रिश्वत के रूप में छह हजार रुपए मांगना महंगा पड़ गया। एण्टी करप्शन ब्यूरो ने झांसी के प्रमुख इलाइट चैराहा पर लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। दरअसल, झांसी के इमलीपुरा निवासी हरीशंकर ने कुछ दिनों पहले ग्राम रोनिजा मौजा में अपनी मां के नाम से लगभग एक एकड़ जमीन खरीदी थी। जमीन खरीदने के बाद उसका दाखिल खारिज कराना था। इस काम के लिए हरी शंकर ने एक माह पूर्व रोनीजा मौजा के लेखपाल पीयूष रिछारिया निवासी सिविल लाइन से सम्पर्क किया तो उसने तमाम विसंगतियां बताते हुए उसके एवज में छह हजार रुपये रिश्वत की मांग की। रिश्वत न देने पर उसने दाखिल खारिज करने से मना कर दिया। परेशान होकर हरी शंकर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो में की। हरिशंकर की शिकायत का परीक्षण कर एण्टी करप्शन ब्यूरो के मुख्यालय द्वारा टीम का गठन किया गया। इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी दी गयी। इसके बाद योजना के अनुसार हरी शंकर ने जमीन के दाखिल खारिज के लिए लेखपाल पीयूष को मांगे गए रिश्वत के छह हजार रुपए देने को कहा। लेखपाल ने रिश्वत के रुपए तहसील के स्थान पर इलाइट चैराहा पर ले

जनमानस की दृष्टि मे शनि

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शनि अति घीमी गति से चलने वाला ग्रह है, जो राशि चक्र को करीब 30 वर्ष और एक राशि को ढाई वर्ष या 30 माह मे तथा एक माह मे एक अंश चलता है। शनि जहाँ एक और दीर्घायु प्रदान करता है वही दुःख रोग व दुर्भाग्य देता है। शनि को पापी और क्रूर ग्रह कहा गया है, जो तामसिक और महान दुःखदायक ग्रह है। शनि जातक के अहंकार का विनाश करता है। विनम्र प्रकृति के लोंगों पर शनि का दुष्प्रभाव कम होता है। अंहकार विनाश का शनि जातक को गहन विचार करके समस्या के सही कारण को तलाश कर उसका समाधान कराता है। शनि आकृति मे खिड़की के समान, तीक्ष्ण, ठंडा, स्त्री, नपुंसक, मलेच्छ जाति, काला वर्ण, वायु तत्व, तमो गुणी, लंबाई मे छोटा, बूढा, झुर्रियों वाला, नसें देखने वाला, आलसी, तिरछी नजर, अधोदृष्टि वाला ग्रह है। इसमे गतिशीलता, स्थिरता दोनो गुण है। यह 36 व 47 वर्श की  अवस्था मे अपना विशेष फल देता है। प्रभाव:- संघर्ष का कारक होने के कारण शनि व्यक्ति को जीवन मे आने वाले कष्टों और संकटों से झूझने तथा जीवन की समस्याओं को हल करके जीवन मे उन्नति करने का अवसर देता है। शनि जिस भाव मे बैठता है। उस भाव की वृद्धि करके उस भाव के उत्तम फल देता है। पर

शनि द्वारा उत्पन्न योग

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शनि ग्रह अन्य ग्रहों के साथ योग करके अनेक प्रकार के रातयोग और दुर्योग बनाता है। जिनमे से कुछ योग  निम्नलिखित हैं। 1. यश योग- जब शनि स्वग्रही या उच्च का होकर लग्न से केन्द्र मे हो तो षष योग होता है। जातक को प्रतिष्ठित जाॅब करता है। उसके आधीन कुछ लोग काम करते हैं। भृगु नाड़ी के अनुसार जब शनि स्वग्रही या उच्च का होकर कहीं भी हो तो यश योग होता है। 2. सूर्य-शनि योग- 3. चन्द्र-शनि योग (विश योग) 4. मंगल शनि योग- रोजगार बाधा योग 5. बुध- शनि योग काॅमर्स योग 6. गुरू- शनि योग महाभाग्ययोग 7. शुक्र शनि योग धन योग  8. शनि राहू योग नन्दी व नर हत्या योग 9. शनि केतु योग लंगोटी योग या वात विकार योग शनि के शष्ठाष्ठक योग:- 1. यदि मंगल और राहू या शनि और राहू परस्पर  6 या 8 वें भाव मे हो तो नाग (सर्प) का शाप हो। यदि मंगल और केतु या शनि और केतु परस्पर  6 या 8 वें भाव मे हो साधू का शाप हो। 2. यदि मंगल शनि से 6 वें भाव मे हो तो जातक को उसके जाॅब मे शत्रु सक्रिय होंगें और जाॅब मे घाटा होगा दोनो परस्पर शष्ठाठक हो तो दुःमरण व दुर्घटना योग बनाये। 3. 1. शनि-चन्द्र का  द्विदादश योग या शष्ठाठक योग। इस दोष का वर्णन भृग

आंवला सभी मौसम में लाभकरी होता है

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आंवला में बहुत सारे औषधीय गुण पाये जाते है सेहत के लिए आंवला लाभदायक है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, पोटैशियम, कार्बोहाइड्रेट, फाइबर, प्रोटीन्स, विटामिन सी, ए, बी कॉम्प्लेक्स, आयरन का मुख्य स्त्रोत है। आंवले का प्रयोग चूर्ण, जूस, मुरब्बा, अंचार और चटनी के रूप में किया जाता है। इन विभिन्न रूप से प्रयोग किए जाने वाला आंवला अत्यंत लाभकारी होता है। इसका औषधीय गुण हमारे शरीर को कई बीमारियों से बचाता है। विटामिन-सी से भरपूर आंवला, सभी मौसम में लाभकरी होता है। आंवला हमारे आंखों, बालों और त्वचा के लिए फायदेमंद तो होता ही है बल्कि आंवला हमारे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में पूर्ण रूप से सहायक होता है। - आंवला चेहरे पर कांति लाता है। अगर चेहरे पर दाग-धब्बे हो तो इन्हें हटाने के लिए आंवला इस्तेमाल करें। आंवले का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा झुर्रियां कम होती हैं साथ ही त्वचा निखरती है। - बालों के लिए आंवले का प्रयोग होता फायदेमंद होता है। बालों को काला, घना और चमकदार बनाने के लिए आंवले के पाउडर से बाल धोने चाहिए। - पेट की सभी समस्याओं में आंवला बहुत लाभदायक होता है। एसिडिटी की समस्या होने पर आंवला ब

स्वायत्त शासन की भावना का विकास अमेरिका की भौगोलिक स्थिति

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क्या आपको जानकारी है? क्रिस्टोफर कोलम्बस ने अमेरिका का पता लगाया था। अमेरिका का पता लगने के बाद यूरोप के बड़े-बड़े धनवान लोगों ने अमेरिका को बांटना शुरू कर दिया। स्पेन, पुर्तगाल, हॉलैंड, फ्रांस और इंग्लैंड ने वहाँ अपनी बस्तियाँ बसायीं। अमेरिका में अंग्रेजों के 13 उपनिवेश थे, उपनिवेशों में रहने वाले अंग्रेज स्वतंत्रता-प्रेमी थे। वे अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मातृभूमि छोड़कर उपनिवेशों में जा बसे थे, लेकिन जब जॉर्ज तृतीय ने उपनिवेशों पर अपना निरंकुश शासन लादना चाहा तो स्वतंत्रता-प्रेमी उपनिवेशवासियों ने विद्रोह कर दिया। ऐसा माना जाता है, किसी भी देश में क्रांति की बीज वहाँ की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और धार्मिक अवस्थाओं में छिपा रहता है जो अनुकूल परिस्थिति पाकर प्रस्फुटित होता है।  अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम ने सर्वप्रथम  यह उदाहरण उपस्थित किया कि जागृत राष्ट्रीय भावना को कुचलना मुश्किल है। अमेरिका के स्वतंत्रता संग्राम ने पूँजीवाद को बढ़ाने का मौका दिया। अमेरिका पहला देश बना जिसने वंशानुगत राजतंत्र का अंतकर प्रजातंत्र की स्थापना की। अमेरिकी उपनिवेशों और इंग्लैंड के बीच संघर्ष अनिवार

क्यों आती है शिक्षा मे बाधायें

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शिक्षा आज के दौर की पहली और प्रमुख आवश्यकता है। शिक्षा बेहतरीन कैरियर की गारंटी है, किन्तु समाज मे कुछ लोग ऐसै भी है, जिनको भगवान ,समाज व पढने का मौका देता है, फिर भी वे उनकी शिक्षा मे भारी बाधा आती है, जिसके कई कारण होते है। कुछ बच्चों मे उनकी बुद्धि या मानसिक स्तर बहुत घटिया होता है, उन्को अपना कोर्स समझने मे बड़ी कठिनाई होती है। अक्सर कार्यालय मे सैंकड़ों ऐसै अभिभावक आते है, जो शिकायत करते हैं कि उनका बच्चा पढता नही है या पढाई मे कमजोर है। जबकि कुछ बच्चों मे सीखने समझने की जबरदस्त क्षमता होती है। कौन से ग्रह योग शिक्षा मे बाधा देते है, इसके कुछ मूलभूत नियम नीचे दिये जा रहें है। 1. पृथुव्यास के ग्रन्थ ' होरासार ' के अनुसार यदि कोई ग्रह पाप नवांश मे हो तो उस ग्रह की दशा मे जातक को बचपन मे शिक्षा मे बाधा आती है। यदि उस नवांश का स्वामी जमांक मे अस्त हो तो शैक्षिक बाधा निश्चित है। 2. यदि कोई ग्रह नीच या शत्रु नवांश मे जाय तो उस ग्रह की दशा मे शिक्षा मे असफलता मिलेगी।  3. चतुर्थेश यदि षष्ठ या तृतीय भाव मे हो चतुर्थेश की दशा मे शिक्षा मे असफलता मिलेगी।  4. ज्योतिषार्णव नवनीतम ग्रन्थ

विभिन्न देशों के मुख्य न्यायाधीशों ने भारत की न्याय व्यवस्था को सराहा

हाल ही में सिटी मोन्टेसरी स्कूल, लखनऊ ने सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में 20वें अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन का आयोजन किया। सी.एम.एस. बुलेटिन की एडिटर डा. प्रीति शंकर से कुछ न्यायाधीशों ने बातचीत की व भारत से जुड़े कुछ अहम मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रश्न 1ः जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद को हटाने व बच्चों के सुन्दर भविष्य के लिए भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के बारे में आपके क्या विचार हैं? उत्तरः 1. युगाण्डा के सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति, श्री आॅवास्टाइन एस नशीमिये ने कहा - भारत ने उत्तरी राज्य जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाकर एक मजबूत कदम उठाया है। इसकी हम सराहना करते हैं, किन्तु अब हमंे  निम्न बातों को ध्यान में रखना चाहिएः अ. जम्मू और कश्मीर व भारत के अन्य क्षेत्रों के बच्चों के बीच कोई भेदभाव नहीं होना चाहिये। उनको बराबर का दर्जा व प्रगति के अवसर मिलने चाहिए कि वे सर्वांगीण विकास कर सकें और भारत की मुख्य धारा से जुडे़। ब. सभी पार्टियों को कानून के दायरे में रहकर शान्ति व स्थिरता बनाए रखना चाहिए। स. मानवीय अधिकारों व स्वतंत्रता को सुरक्षित रख