भज लो सीताराम, तंबूरा ले लो हाथ में, घर का संगीत सुन भर आईं लोगों की आंखे
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- संदीप रिछारिया, सहायक संपादक एक बार फिर भारत जननी परिसर में रमतूला व नगड़ियों की आवाजों पर लोग थिरकते दिखाई दिए। लोगों ने जैसे ही अपनेपन से भरा अपना संगीत सुना उनके पैर व हाथ अपने आप हिलते दिखाई देने लगे। दोपहर से शाम तक चली स्वरलहरियों को सुन लोगों को अपने घर का आँगन, दहलान, ओसारा व गलिया याद आई। राई की प्रस्तुतियां देखकर लोग खुद भी आनंद-विभोर होकर थिरकने पर मजबूर हो गए। मौका था धर्मनगरी के रानीपुर भट्ट स्थित अखिल भारतीय समाज सेवा सस्थान के भारत जननी परिसर में लोकलय के नवमें चैप्टर का। कार्यक्रम का शुभारंभ श्री कामदगिरि पीठम के अधिकारी महंत मदन गोपाल दास जी महराज ने किया। इस दौरान उन्होंने मां भारती की पूजा करने के साथ ही घर में दैनिक उपयोग में आने वाले चुल्हा-चक्की, होरसा-बेलना की भी पूजा की। इसके बाद श्रीगणेश व अचरी गायन पाठा के सिद्वहस्त कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि महंत मदन गोपाल दास जी महराज ने कहा, अखिल भारतीय समाज सेवा संस्थान का परिसर वास्तव में आश्रम है। यहां पर किसी एनजीओ का अहसास नही होता है। इन्होंने पिछले 80 साल से जो अलख पाठा के साथ बुंदेलखंड